The Psychology of Laziness Book Summary | आलस का मनोविज्ञान

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आपने देखा होगा कि कुछ लोग सफलता के शीर्ष पर होते हैं। तो वहीं ज्यादातर लोग एक सामान्य जीवन जी रहे होते हैं। सफल लोग, इसलिए सफल होते हैं। क्योंकि उन्होंने जीवन के बारे में, उन बातों को समझने का प्रयास किया है। जिन बातों पर सामान्य लोगों का ध्यान भी नहीं जाता।  यह बातें ज्यादातर अप्रत्यक्ष होती है। लेकिन हमारे जीवन को दिशा इन्हीं बातों से मिलती है।

आप कितने भी गुणवान व होशियार क्यों न हो। आपका कितना भी तेज आई क्यू क्यों न हो। लेकिन अगर आप एक्शन नहीं ले रहे है। तो आप कितने भी प्रेरणादायक वीडियो देख लो।  चाहे जितनी प्रेरणादायक किताबें क्यों न पढ़ लो। अगर आप हर रोज अपने काम पर मेहनत नहीं कर रहे हो। तो आपको बड़ी सफलता नहीं मिल सकती। 

हम सभी को पता है कि सिर्फ ज्ञान अर्जित कर लेने से कुछ नहीं होता है। बल्कि इसके साथ ही एक्शन भी लेना पड़ता है। लोगों के सपनों को सबसे ज्यादा आलस्य ने ही  बर्बाद किया है। उन्हें हर पल पर, तोड़ा है। उन्हें नष्ट किया है। इस टालने की आदत ने कि मैं कल करूंगा या बाद में करूंगा। हमसे बहुत कुछ छीना है। यह एक ऐसा दुश्मन है, जिसे हम पहचान भी नही पाते।

इस आदत ने, न जाने कितने लोगों को, बुढापे में यह पछतावा कराया है। काश मैं और एक कोशिश कर लेता। आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण किताब The Psychology of Laziness के माध्यम से, इस विषय को समझने का प्रयास करेंगे। इस किताब में विस्तार से बताया गया है कि कैसे आप अपने आलस से छुटकारा पाकर, हद पार मेहनत कर सकते हैं। कैसे आप अपनी जिंदगी के 10 साल के लक्ष्य को, सिर्फ 6 महीने में पूरा कर सकते हो। इस किताब को मोहम्मद शकील ने लिखा है, जिन्हें लोग यूट्यूब पर coolMitra के नाम से जानते है। इसी प्रकार जाने : I Will Teach You To Be Rich Book Summary in Hindi । अमीर बनने का तरीका।

The Psychology of Laziness Book Summary in Hindi

Psychology of Laziness
Stop Procrastinating (टालना बन्द करो)   

क्या आप भी अपना खाली वक्त, यूट्यूब पर बिताते हैं। ऐसी वीडियो पर जो आपकी सफलता के लिए, कोई मदद नहीं कर सकती। आप अमीर तो बनना चाहते हैं। लेकिन आपके पास कोई योजना नहीं है। बस जैसे जिंदगी चल रही है, वैसे ही चलाते जा रहे हैं। यह आपके लिए एक गंभीर समस्या है। क्योंकि आपका भविष्य में, कुछ भी नहीं हो सकता है।

यह हैरानी की बात नहीं है, अगर आप ऐसे हैं। क्योंकि दुनिया में 90% लोग ऐसे ही होते हैं। अगर आपको 90% में नहीं आना है, आपको 10% में आना है। जो अपने गोल्स को लेते भी है। उन पर काम भी करते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हो, तो तनाव लेने की जरूरत नहीं है। बस अभी से सुधरिये। लेकिन जैसे ही आलस्य का विज्ञान पता चलेगा। आप भी हर काम को तुरंत करना शुरू कर देगें।

यह सब तक हो सकता है। जब आपको सोचा नहीं, बस शुरुआत कर देना है। ज्यादातर लोग सोचते हैं। पहले सीखूँ, फिर  योजना बनाऊँ, तब करना शुरू करूंगा।  आप न ही सीखते हैं, न ही शुरुआत कर पाते हैं। क्योंकि सीखने के लिए भी, आपको शुरुआत करने की आदत डालनी होगी। इस प्रतियोगिता से भरी दुनिया में, आपको टालने की आदत को खत्म करना होगा। नहीं तो आपके पीछे करके, कोई और ही आगे बढ़ जाएगा।

कोई भी प्रोडक्ट आप सोचते ही रह जाओगे। वहीं दूसरा उस प्रोडक्ट को बनाकर, एंटरप्रेन्योर भी बन जाएगा। जिम जाने का मोटिवेशन सबको आता है। लेकिन यह मोटिवेशनल 10 या 15 दिनों में खत्म हो जाता है। बहुत ज्यादा मोटिवेटेड होने पर, आप एक या डेढ़ महीने जिम कर लेंगे। लेकिन उसके बाद छोड़ देंगे। अगर आप सोचते हैं कि वक्त के साथ सब कुछ ठीक हो जाएगा। आपकी यह आदत ठीक हो जाएगी। तो आप गलत है। 

अगर आप कोई कदम नहीं उठाते, तो आप आगे नहीं बढ़ पाओगे। अगर आगे नहीं बढ़ोगे, तो कभी सफल नहीं हो पाओगे। अगर आप ध्यान दोगे, तो 24 में से ज्यादातर घंटे, आप बर्बाद करते हो। आप इनमें से 8 घंटे तो सोते हो। चलिए मान लेते है कि आप जॉब करते हो। 8 घंटे वहां देते हो। फिर भी आपके पास 8 घंटे हैं। इनमें से चलिए, मान लेते हैं कि 2 घंटे आप अपने खाने-पीने और नॉनप्रॉडक्टिव काम में देते हैं। आप दो घन्टे परिवार को भी देते हैं।

तब भी आपके पास 4 घंटे बचते हैं यानि साल के 2920 घंटे। अगर आप इतने घंटे अपने गोल्स पर काम करते है। तो कोई उस गोल को पूरा होने से नहीं रोक सकता। अब आप सोचोगे कि क्या जिंदगी जीना छोड़ दे। तो नहीं, जब आप अपने गोल्स को पा लेंगे। आप फाइनेंशली फ्री हो जाएंगे। तब आपके पास जॉब वाला टाइम भी बचेगा। आप कम समय में ज्यादा पैसे कमाओगे। फिर बिना बॉस के परमिशन के, कहीं भी छुट्टियां पर जा सकोगे। 

अगर इतने फायदे के लिए, आप अपने जीवन के कुछ साल नहीं गवां सकते। तो पूरी जिंदगी फालतू कामों और बॉस की चिकचिक सुनने में ही गँवानी पड़ेगी। इसलिए हर सफल व्यक्ति की सुनो। अपने खाली समय मे ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़ो। या फिर किसी भी माध्यम से कुछ न कुछ जरुर सिखो। इसी प्रकार जाने : From Failure to Success Book Summary in Hindi कैसे बदले हार को जीत में।

Psychology of Laziness
Time Management (समय प्रबंधन)

आपका स्कूल हो, मिलिट्री कैंपस हो या कोई अन्य ऑफिस। यहां पर समय क्यों निर्धारित होता है। यह इसलिए नही कि यदि आप आधे घंटे पहले ऑफिस चले जाओगे। तो बहुत ज्यादा काम कर लोगे। स्कूल में समय पर चले जाओगे, तो एग्जाम में फर्स्ट आ जाओगे। ये सब इसलिए ताकि आप समय की कीमत को समझे। जब तक हम स्कूल में होते हैं, तब तक हमें समय की कीमत पता होती है।

लेकिन जैसे ही हम बड़े होते हैं। हमारी नजर में समय की कोई कीमत नहीं रहती। समय का प्रबंध आपको सिखाना ही पड़ेगा।

इसको सीखने के लिए, आपने कौन-सा काम प्रोडक्टिव किया। फिर कहां पर आपने, अपने समय को बर्बाद किया। इसके बारे में आपको पता होना चाहिए। इसे याद रखने की कोई जरूरत नहीं है। बहुत सी ऐसी एप्स है, जो आपका यह काम कर सकती है।

जहां पर आप अपने टाइम की लॉगिन कर सकते हैं। अगर आप कोई भी अनप्रॉडक्टिव काम करते भी हैं। तो वह आपको पता होना चाहिए। ना कि अनकॉन्शियस।  आपको पता होना चाहिए कि आप समय को बर्बाद कर रहे हैं। फिर अगर आपको पता होगा कि आप समय बर्बाद कर रहे हैं। तो आप इस एक्टिविटी को कंट्रोल कर सकते हैं।

फिर कोई बात नहीं, कभी-कभी आप समय बर्बाद भी कर सकते हैं। इंजॉय भी कर सकते हैं। लेकिन आपको यह पता भी होना चाहिए। हर दिल को खुश करने वाले कार्य से, डोपामिन रिलीज होता है। यह डोपामिन  हर बार मोबाइल का प्रयोग करने के बाद बढ़ता रहता है। इसको नियंत्रित करने का तरीका यही है कि आप मोबाइल व सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रहे।

ऐसा होगा तब, जब आप मोबाइल व सोशल मीडिया को कभी-कभार ही प्रयोग में लाते हैं। आपको लगता है कि आपको मोबाइल की एडिक्शन नहीं है। तो जरा खुद से कुछ सवाल पूछिए।

1. क्या आप मोबाइल खुद से दूर रखकर सो सकते हैं।

2. क्या आप बार-बार मोबाइल को चेक करते हैं।

3. क्या आप एक दिन में मोबाइल के बिना रह सकते हैं।

अगर इनमें से किसी का भी जवाब न में है। तो आप मोबाइल के एडिक्टेड है। एप्स की एल्गोरिथम बनी ही ऐसी होती है कि आप खुद को उनके साथ जोड़े रखें। जो आप देखना चाहते हैं, वही आपको दिखाया जाएगा। इसलिए इन एप्स को बिल्कुल भी प्ले मत करिए। यह सारी की सारी गलती, सिर्फ आपकी है। इसी प्रकार जाने : Your Money or Your Life Book Summary in Hindiपैसा या जिंदगी में क्या जरूरी।

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Energy and Motivation (ऊर्जा और प्रेरणा)

आपने जरूर सुना होगा कि सफलता पाने के लिए, सही समय 20 से 30 साल के बीच में होता है। ऐसा आखिर क्यों। क्योंकि इस समय में इंसान, सबसे ज्यादा एनर्जेटिक होता है। दुर्भाग्यवश आज का समय उल्टा हो चुका है। जितने भी हमारे युवा हैं। वह अपनी सारी ऊर्जा कहीं और ही बर्बाद कर रहे हैं। अपने लक्ष्य पर काम करने के लिए, उनके पास ऊर्जा बचती ही नहीं।

इससे पहले कि आप अपनी एनर्जी के बारे में, कोई बहाना करें। आपसे एक सवाल पूछता हूं कि अगर आप 6 महीने में मरने वाले हैं। तो क्या करोगें। बस वही अपने लक्ष्य के बारे में सोचो। फेल होना गलत नहीं है। लेकिन कुछ न करके फेल होना, बहुत गलत है। मैं तो कहूंगा गुनाह है। आप अगर पढ़ी हुई चीज भूल जाते हो। तो इसका बहुत बड़ा कारण यह है कि आप उसको अप्लाई नहीं करते।

हर सीखी हुई चीज को, अपने जीवन का हिस्सा बना लो। जब आप किसी सीखी हुई चीज को, अपने जीवन से जोड़ते हो। तो वह आपकी आदत का हिस्सा बन जाती है। जिसको करने के लिए, आपका दिमाग कभी थकता नहीं है। आप हमेशा ऊर्जावान रहते हो। हैबिट के पावर को समझने के लिए, आप एटॉमिक हैबिट बुक पढ़िए। आप एटॉमिक हैबिट बुक की समरी, यहां पर भी पढ़ सकते हैं। 

Psychology of Laziness
Role of Dopamine (डोपामिन की भूमिका)

आप कुछ सालों पहले के बारे में सोचिए। जब आपके माता-पिता व दादा-दादी युवा थे। तब क्या वह अपना जीवन नहीं जी रहे थे। अगर देखा जाए, तो शायद वह आपसे बेहतर जीवन जी रहे थे। हां बस थोड़ी पैसों की कमी थी। पहले के लोग चीजों को ज्यादा अच्छे से याद रख पाते थे। क्योंकि वह अपने दिमाग का ज्यादा प्रयोग करते थे।

वही आज मोबाइल और इंटरनेट होने की वजह से, आप में डोपामाइन इतना अधिक रिलीज होता है। कि आपकी छोटी सी खराब आदत, कब आपका एडिक्शन बन जाती है। आपको पता ही नहीं चलता। एक तरफ जहां, यह डोपामिन आपकी हर समस्या का कारण है। तो वही आज की इस आधुनिक दुनिया का कारण भी यही है। डोपामिन हर उसे काम से रिलीज होता है। जिसमें आपको मजा आता है।

आपके दिमाग को नहीं पता होता कि किसी काम का क्या असर होगा। इसको बस अच्छा लगता है, तो यह डोपामिन रिलीज करता रहता है। आज दुनिया में जिन्होंने   बड़े-बड़े आविष्कार किये है। उन लोंगो का डोपामिन, अच्छे कामों के लिए रिलीज होता है। वह अपने काम को जितना करते हैं। उनका उतना ही डोपामिन रिलीज़ होता है। फिर वह उतने ही सफल होते रहते हैं।

यहां तक कि उनका दिमाग सफलता प्राप्त करने के बाद भी, डोपामिन रिलीज करना  बंद नहीं करता। वह और भी ज्यादा मेहनत करते हैं। सफलता की हर एक ऊंचाइयों को छूते हैं। यह सब एक प्रकार के केमिकल का लोचा है। आप एक सफल व्यक्ति बनेंगे या फिर नशेड़ी बनेंगे। इस डोपामिन को आप अपनी मर्जी से नियंत्रित कर सकते हैं। बस आपको किसी काम को हैबिट बनाना होगा।

मुझे याद है, जब मैं पहली बार बुक समरी लिखनी शुरू की थी। जब मैंने पहली बार अपनी पोस्ट डाली थी। तब ऐसा लग रहा था। जैसे कोई चाबुक के जोर पर, मुझसे यह करवा रहा है। वहीं अब मैं चार-पांच घंटे, किसी भी बुक को पढ़ सकता हूं। समय की कमी है, वरना रोजाना एक पोस्ट डाल सकता हूं। शायद आपका समर्थन के द्वारा, मैं ऐसा कर भी सकूं। हैप्पीनेस पैसे या गाड़ी से नहीं मिलती। यह आपके दिमाग का डोपामिन है, जो आपको खुशियां देता है। इसी प्रकार जाने : Why We Sleep Book Summary in Hindi। जानिए नींद व सपनों का रहस्य।

Psychology of Laziness
Setting Up Goals (लक्ष्य निर्धारित करना)

अगर आप हर तरीके अपनाकर, अपने गोल को प्राप्त नहीं रहे हैं। तो सबसे पहले आपको समझना होगा कि गलती कहां हो रही है। जिस तरह से मैं यह समरी लिख रहा हूं। ठीक उसी तरह से, आपको अपने लक्ष्य भी लिखने होंगे। पेपर पर, मोबाइल पर या किसी भी और स्क्रीन पर। लिखने से यह फायदा होता है कि आपको समझ आएगा। आप चाहते क्या है।

एक बार जब आपको पता चल गया कि आप करना क्या चाहते हो। तो उसको  छोटे-छोटे हिस्सों में शुरू कीजिए। कोई भी लक्ष्य आप तब तक हासिल नहीं कर सकते। जब तक उसको छोटे-छोटे हिस्सों में, आप बाँट नहीं लेते हो। इन छोटे हिस्सों  का सबसे पहला भाग इस समरी है। जब आप यह समरी पढ़ रहे है। तो आप नॉलेज लेना चाहते हैं। मतलब आप अपनी लक्ष्य की तरफ, एक कदम बढ़ चुके हैं।

आपका शरीर और आपका दिमाग, आपके लिए एक एक्टर है। आप उसके डायरेक्टर है। आपके निर्देश देने पर ही, यह काम करेंगे। हम अपने दिमाग को वह निर्देश, राइटिंग और एफर्मेशन से देते हैं। हर छोटे टास्क को पूरा करने के बाद, आप अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ जाएंगे। अगर आप एक साथ, अपनी लक्ष्य को पाना चाहोगे। तो आपको लक्ष्य कभी नहीं मिलेगा। आप सिर्फ सोचते रह जाओगे।

यही सिद्धान्त लगभग हर प्रोडक्टिविटी बुक में लिखा है। बेशक आपके जीवन में गोल पूरे करने के लिए, उतार-चढ़ाव तो आएंगे ही। लेकिन बिना हार माने, अपने लिए हुए प्लांस के मुताबिक चलते रहो। एक दिन आपको मंजिल जरूर मिलेगी। इसी प्रकार जाने : Set for Life Book Summary in Hindi 5 से 10 साल मे  Financially Free बने।

Psychology of Laziness
Do You Really Need It
(क्या आपको वास्तव में इसकी आवश्यकता है)

अभी तक जितने भी हमने लेसन पढ़े हैं। वह प्रैक्टिकल होंगे या नहीं होंगे। यह आपकी जरूरत पर निर्भर करता है। आप खुद से पूछो, जो आप चाहते हैं। वह सच में आपको चाहिए या सिर्फ एक ख्वाहिश है। जो पूरी नहीं भी हुई, तो भी आपको तकलीफ नहीं होगी। जरा कल्पना करो, जब आप पूरे महीने कठिन परिश्रम करते हो। फिर माह के अंत में, आपको मेहनताना भी न मिले। तो आपको कैसा लगेगा।

जब आप अपने लक्ष्य के लिए, ऐसा सोचने लग जाएंगे। तभी आपको यह लक्ष्य प्राप्त होगा। इतिहास इस बात का गवाह है, जब भी कोई काम हमारी जरूरत बना है। तभी उसका आविष्कार हुआ है। अपने लक्ष्य को अपनी जरूरत बनाइये। जब हम शारिरिक काम करते हैं। तो हमारा दिमाग, हमें इशारा देता है। बस बहुत ज्यादा हो गया। अब तुम्हारा शरीर थक चुका है।

लेकिन जब हम कुछ ज्यादा सोचते हैं। तो हमारा दिमाग हमें ज्यादा इशारा नहीं देता। हम सोच-सोचकर कितना समय बर्बाद करते हैं। हमें पता भी नहीं चलता। हमारे दिमाग को कल्पना और वास्तविकता, कोई अंतर नहीं पता होता। इसलिए इसको नकारात्मक सोच मत दो। क्योंकि फिर यह आपको वैसा ही बनता रहेगा। फिर आपको पता भी नहीं चलेगा। कब आप एक बुरे इंसान बन गए। 

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