Manasi Joshi Biography in Hindi | पैरा-बैडमिंटन प्लेयर की पूरी कहानी

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जीवन में कई बार, ऐसे लम्हे आते हैं। जब हताशा होती है। जब चारों तरफ घोर अंधकार नजर आता है। लेकिन जो ऐसे अंधेरे में भी, आशा की किरण ढूंढ लेते हैं। उनके कदम फिर रुकते नहीं है। वह दुनिया के सामने पेश करते हैं। एक अनूठी मिसाल।

यह एक ऐसी ही शख्सियत है। जिनके 22 साल की उम्र में, आँखो में अनेकों सपने थे। तभी उन्हें एक सड़क हादसे में, अपना पैर गंवाना पड़ा। युवा उम्र में, अगर ऐसा हादसा हो जाए। जब अपना पैर गंवाना पड़े। तो शायद कोई भी व्यक्ति निराश हो जाए।

लेकिन इन्होंने जब 22 वर्ष की उम्र में, अपना पैर गवाया। तो परिवार और दोस्तों की हिम्मत और साथ ने, उन्हें फिर से उठ खड़ा  होने और जिंदगी का सिरा थामने के लिए प्रोत्साहित किया। इसी के चलते, वह रुकी नहीं। बल्कि उठ खड़ी हुई है। 

इन्होंने मौका ढूंढने के बजाय। खुद अपने लिए मौका बनाया। अपनी और अपनों की ख्वाहिशों के टालने के बजाय। इसे पूरा करने में, अपना सब कुछ लगा दिया। इन्होंने हालातों के आगे झुकने के बजाय। हालातों को अपने आगे झुकाया। यह हम सबके लिए प्रेरणास्रोत हैं।

इस बात की धारणा भी है कि इंसान जब ठान लेता है। तो नामुमकिन जैसा शब्द व्यर्थ, बेकार और बेअसर हो जाता है। इन्होंने कृत्रिम पैर से ही, बैडमिंटन खेलना शुरू किया। इन्होंने अपना सफर, कुछ इस तरह तय किया। कि वह विश्व चैंपियन बन गई। यह है, पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियन मानसी गिरीश चंद्र जोशी। इसी प्रकार जाने : Motivational Biography of Arunima Sinha जिन्होने बिना पैरो के दुनियाँ फतेह की।

Manasi Joshi Biography in Hindi

Manasi Joshi – An Introduction

Para-Badminton Player
Manasi G. Joshi
Ek Nazar
पूरा नाममानसी गिरीश चंद्र जोशी
अन्य नाम• मानसी 
• मानसी जी. जोशी 
• मानसी नैना जोशी
जन्म-तिथि11 जून 1989
जन्म-स्थानअहमदाबाद, गुजरात
पितागिरीश चंद्र जोशी
(साइंटिस्ट बीएआरसी मुंबई)
मातासमीक्षाधीन
भाई-बहन• कुंजन जोशी (भाई) कीटविज्ञानी शोधकर्ता
• नूपुर जोशी (बहन)
स्कूलएटॉमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल, मुंबई
कॉलेजके जे सोमैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मुंबई
शैक्षिक योग्यताबीटेक (इलेक्ट्रॉनिक)
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
व्यवसाय• पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी
• इंजीनियर
अंतर्राष्ट्रीय डेब्यूस्पेनिश पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल चैंपियनशिप 
(मार्च 2015)
कोच• पुलेला गोपीचंद
• जे. राजेंद्र कुमार
शारीरिक संरचनालंबाई: 71 सेंटीमीटर   
वजन: 66 Kg
शौकट्रैवलिंग और स्विमिंग
इनकमसमीक्षाधीन
नेट-वर्थ$8 मिलियन

     मानसी जोशी का प्रारंभिक जीवन 

मानसी जोशी का पूरा नाम मानसी गिरीश चंद्र जोशी है। इनका जन्म गुजरात के अहमदाबाद में 10 जून 1989 में हुआ था। इनके पिता गिरीश चंद्र जोशी भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) में एक साइंटिस्ट थे।

इनके घर पर एक छोटा भाई गुंजन जोशी है। जो वर्तमान में एक कीट विज्ञानी शोधकर्ता हैं। इसके साथ ही वह एक बैडमिंटन खिलाड़ी भी है। इनकी एक छोटी बहन नूपुर जोशी हैं। इसके अतिरिक्त उनकी मां है।

मानसी के घर पर पढ़ाई को तो प्राथमिकता दी जाती थी। लेकिन इसके साथ ही extracurricular activities पर भी जोर दिया जाता था। वह बचपन से ही आर्ट, ड्रामा, डांस व म्यूजिक में Participation करती आ रही थी।

मानसी के पिता एक साइंटिस्ट होने के साथ-साथ, टेनिस प्लेयर व कवि भी थे। जो BARC की तरफ से खेलते थे। वह मुंबई टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। इसलिए इनके घर पर स्पोर्ट्स का काफी माहौल था।

इनके पिता जी अब रिटायर हो चुके हैं। इनका पूरा परिवार अब अहमदाबाद वापस आ गया है। इसी प्रकार जाने : Dutee Chand Biography in Hindi। जब दुनिया ने लड़की होने पर शक किया।

   मानसी जोशी की शिक्षा

मानसी के घर पर पहले से ही पढ़ाई का माहौल था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के एटॉमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल से हुई। क्योंकि इनका परिवार पिता के साथ मुंबई में ही आ गया था। मानसी ने अपनी एकेडमिक के दौरान, बैडमिंटन की बहुत सी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।

इन्होंने अपने स्कूल को बैडमिंटन के क्षेत्र में, District Level तक पहुंचाया। लेकिन 12th की परीक्षा पास करने के बाद, मानसी ने पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना शुरू किया। मानसी ने अपनी schooling पूरी करने के बाद, मुंबई के के० जे० सोमैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। जहां से इन्होंने 2010 में, इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। मानसी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। इसी प्रकार जाने : 6 Gold Medal – World Champion Mary Kom Biography। इतिहास रचने का जज्बा।

मानसी जोशी की सड़क दुर्घटना

मानसी ने अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद, मुंबई में ही ऐटॉस इंडिया में Software Developer के तौर पर काम करने लगी। जब वह 22 वर्ष की थी। तभी 2 दिसंबर 2011 में ऑफिस जाते समय, एक ट्रक से उनका एक्सीडेंट हो गया। ट्रक का rear wheel मानसी के पैर के ऊपर से निकल गया।

मानसी ने आसपास के लोगों से मदद मांगी। तभी पीछे से आ रही बस से, एक अपरिचित लड़की स्वर्णिमा ने उनकी मदद की। स्वर्णिमा एग्जाम देने जा रही थी। उसने अपना एग्जाम, मानसी की मदद की मदद की वजह से छोड़ दिया। उनके साथ आसपास के लोगों ने भी मदद की।

मानसी को काफी गंभीर चोट आई थी। इलाज के दौरान, उनके पैर में infection  फैल गया। जब डॉक्टरों ने इनसे, इनका पैर काटने के लिए पूछा। तब मानसी ने कहा कि मुझे मालूम था। कि मेरे साथ कुछ ऐसा होने वाला है। इस सच को स्वीकार करने में कितनी हिम्मत और साहस की जरूरत होती है।

दुर्भाग्यवश कुछ दिनों के बाद, उनके बाएं पैर का Amputation (विच्छेदन) करना पड़ा। वह 45 दिन तक हॉस्पिटल में रही। मानसी ने हॉस्पिटल में ही स्वीकार कर लिया था। कि इस दुर्घटना से कोई समस्या नहीं है। उनके यह मनोभाव ही उन्हें जल्दी heal करने में मददगार साबित हुए।

जल्द ही डॉक्टरों ने मानसी के Prosthetic leg लगा दिया। लेकिन एक Prosthetic leg के साथ, उन्होंने जल्द ही  तालमेल बैठा लिया। इसमें उनके सहकर्मियों व घर वालों ने पूर्ण सहयोग दिया। Prosthetic leg के साथ रोजमर्रा के कार्य करना। तो कुछ हद तक आसान हो सकता है। लेकिन उसके साथ बैडमिंटन खेलना, उनके लिए चैलेंज था।

इतना सब होने के बाद भी, मानसी ने कहा किया कि गलती ट्रक ड्राइवर के नहीं थी। दरअसल एक पिलर की वजह से, ट्रक ड्राइवर उन्हें देख नहीं पाया। जिसकी वजह से यह हादसा हो गया। यही से पता चलता है कि मानसी के जीवन में कितनी सकारात्मकता थी। जबकि इस तरीके का हादसा, किसी को भी तोड़ने के लिए काफी होता है।  इसी प्रकार जाने : Neeraj Chopra Motivational Biography in Hindi नीरज ने Gold Medal जीतकर रचा इतिहास।

मानसी के पैरा बैडमिंटन की शुरुआत

मानसी को इस दुर्घटना के बाद सबसे बड़ा डर यही था। कि अब वह अपना प्रिय खेल बैडमिंटन नहीं खेल पाएंगी। उनके सामने सिर्फ दो ही रास्ते थे। पहला यह कि इसे अपना दुर्भाग्य मानकर, सारी जिंदगी रोती रहें। दूसरा यह कि वह इस स्थिति को स्वीकार करें और आगे बढ़े। उन्होंने दूसरा रास्ता चुना।

मानसी ने हादसा होने के 4 महीने बाद ही, ऑफिस जाना शुरू कर दिया।  मानसी ने दोबारा से बैडमिंटन खेलने की शुरुआत Rehabilitation के लिए की। इन्होंने Inter-corporate Tournament में भी participate करना शुरू किया। 

तभी इनका परिचय फेसबुक के माध्यम से, नीरज जॉर्ज से हुआ। जो खुद भी एक अंतर अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी है। उन्होंने ही पैरा बैडमिंटन के बारे में मानसी को बताया। उन्हीं की सलाह पर मानसी पहली बार दिसंबर 2014 में पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट खेली। 

तब उन्हें पता चला कि इस क्षेत्र में भी आगे बढ़ा जा सकता है। लेकिन उस समय बैडमिंटन पैरा ओलंपिक में शामिल नहीं था। इसकी पहली बार शुरुआत 2020 में हुई। इसी प्रकार जाने : Mithali Raj Biography in Hindi मिताली का पहला प्यार, क्रिकेट नहीं था।

पुलेला गोपीचंद की एकेडमी में शामिल

पुलेला गोपीचंद जो भारत के एक महान बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। यह भारत के एक बेहतरीन कोच है। इन्होंने जिसके ऊपर भी हाथ रखा। उसे वर्ल्ड चैंपियन बना दिया। जिनमें साइना नेहवाल व पीवी सिंधु ने, इनके संरक्षण में बैडमिंटन की ट्रेनिंग ली थी।

मानसी जोशी की मुलाकात पुलेला गोपीचंद से 2018 में हुई। जब पुलेला गोपीचंद मानसी के Bank आए थे। जहां मानसी ने उनसे, उनकी एकेडमी में शामिल होने की गुजारिश की। फिर वह 2018 के एशियन गेम्स के लिए, तैयारी करने हैदराबाद चली गई।

पुलेला गोपीचंद की एकेडमी में, पैरा स्पोर्ट्स के लिए काफी support मिलता है। यहां पर उनको गोपीचंद जी के अलावा राजेंद्र व हैरी कोच ने उनकी काफी मदद की। बैडमिंटन के खेल में कुछ शॉट्स और सर्विस के लिए घंटों मेहनत की इन कुछ कमियों को सुधारने में एकेडमी से काफी मदद मिली। इसी प्रकार जाने :  PV Sindhu Motivational Biography कैसे रचा Tokyo Olympics मे इतिहास।

विश्व पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में शामिल

मानसी ने कड़ी मेहनत करते हुए। राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। इसके बाद उन्होंने स्पेन में आयोजित, एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पहली बार हिस्सा लिया। इसके बाद तो किस्मत मानसी जोशी पर मेहरबान होती गई

2015 में मानसी ने इंग्लैंड के स्टाक मैंडेविल में आयोजित पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। जहां उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, मिश्रित युगल में विश्व स्तर का पहला रजत पदक अपने नाम किया। इसके बाद उनके सपनों को उड़ान मिलने लगी।

आगे के रास्ते खुद-ब-खुद खुल रहे थे। आगे उन्होंने 2016 में सिंगर और डबल में दो कांस्य पदक जीते। 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियाई पारा गेम्स मैं भारत के लिए कांस्य पदक जीता।

2019 में पुलेला गोपीचंद के प्रशिक्षण का असर मानसी पर दिखाई देने लगा। अगस्त 2019 में स्विट्जरलैंड के विशेल में हुई परा बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता मानसी स्वर्ण पदक जीतकर अपनी मिसाल खुद बन गई इसके अतिरिक्त उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में देश का मान बढ़ाया है।

अभी तक मानसी जोशी 26 मेडल जीत चुकी है। जिनमें 7 गोल्ड मेडल, 7 सिल्वर मेडल और 12 ब्रोंज मेडल शामिल है। मानसी की गिनती दुनिया के 10 परा बैडमिंटन खिलाड़ियों में हो रही है।

       मानसी बनी विश्व की सेलिब्रिटी

मानसी जोशी से प्रेरित होकर, हाल ही में बार्बी डॉल बनाने वाली कंपनी ने, उनके जैसी गुड़िया बनाकर। उनकी तमाम उपलब्धियों का सम्मान किया। मानसी ने इस पर जवाब देते हुए, अपने ट्विटर पर लिखा। 

“धन्यवाद बार्बी। यह अतुलनीय है कि एक बार्बी डॉल मुझसे प्रेरित होकर बनी है। मेरा मानना है कि बच्चों के लिए उनके आसपास के परिवेश की शिक्षा जल्दी शुरू होनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि मेरी कहानी बच्चियों को उनकी वास्तविक क्षमता समझने और उसके साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

इसी के साथ 2011 में, मानसी की कड़ी मेहनत और कुछ कर गुजरने के हौसले के दम पर। टाइम मैगजीन के Next Generation Leaders 2020 सूची में शामिल हुई। इस पत्रिका के एशिया संस्करण के आवरण पृष्ठ पर, अपनी जगह बनाई। मानसी इस सूची में शामिल भारत की ही नहीं। बल्कि विश्व की पहली पैरा एथलीट हैं। इसी प्रकार जाने : Saikhom Mirabai Chanu Biography in Hindi। चैम्पियन बनने की पूरी कहानी।

मानसी जोशी को पुरस्कार व मेडल्स

मानसी जोशी  
पदक व पुरस्कार
2020पेरू पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल (महिला एकल) 2020कांस्य
पदक
2019BWF पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप (महिला एकल) स्विट्जरलैंडस्वर्ण
पदक
2018एशियन पैरा गेम्स (महिला एकल) जकार्ताकांस्य
पदक
2018ऑस्ट्रेलिया पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल (महिला एकल) जीलांगस्वर्ण
पदक
2017BWF पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप (महिला एकल) दक्षिण कोरियाकांस्य
पदक
2017जापान पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल (महिला डबल्स) टोकियोस्वर्ण
पदक
2017स्पेनिश परा बैडमिंटन इंटरनेशनल महिला एकल स्पेनस्वर्ण
पदक
2016एशियन पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप (महिला एकल व डबल्स), चीनकांस्य
पदक
2015BWF परा बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप (मिश्रित डबल्स) इंग्लैंडरजत
पदक
पुरस्कार
2019सेल्फ मेड वूमेन ऑफ 2020 (फ़ोर्ब्स इंडिया)
2019बीबीसी 100 वूमेन में शामिल
2019नेक्स्ट जेनरेशन लीडर 2020 (टाइम मैगजीन)
2019बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवूमेन ऑफ द ईयर
2019एसिस 2020 स्पोर्ट्सवूमेन ऑफ द ईयर – पैरा स्पोर्ट्स
2019बेस्ट पैरा-एथलीट ऑफ द ईयर अवार्ड
2019डिफरेंटली एबल्ड एथलीट ऑफ द ईयर अवार्ड
2019नेशनल अवार्ड फॉर बेस्ट स्पोर्ट्सपर्सन विद डिसेबिलिटी
2017महाराष्ट्र राज्य एकलव्य खेल क्रीडा पुरस्कार

मानसी जोशी की इनकम व नेट-वर्थ

मानसी जोशी इनकम का मुख्य स्रोत बतौर  एक पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी के रूप में है। उनकी नेटवर्क 2020 से 22 में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ोतरी हुई है। इनकी कुल संपत्ति लगभग 7 मिलियन डॉलर के आसपास है।

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