Tiger Raja Singh Biography in Hindi | राजा सिंह का इतिहास (kon hai)

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क्या हमारी गर्दन, किसी बकरे की गर्दन है। क्या हम अपनी गर्दन ऐसे ही कटवा दे। हम क्षत्रिय हैं। हम सर काट भी सकते हैं। तो वही देश धर्म के लिए, सर कटा भी सकते हैं। हमारे ऊपर जो छुरी उठेगी। तो न हाथ रहेगा, न गर्दन रहेगी। एक ऐसा व्यक्ति जिसका बेबाक अंदाज होता है। आपको शायद ऐसे शब्द सुनकर, इतिहास के किसी क्षत्रिय राजपूत की याद आ गई होगी।

लेकिन यह शख्स इतिहास से नही, वरन वर्तमान से तालुख्ख रखता है। जिसके तन पर हमेशा भगवा चोला रहता है। जिसके माथे पर तिलक, अपनी शोभा बढ़ाता है। उसकी छवि एक हिंदू हृदय सम्राट की है। जो हमेशा से विवादों से घिरा रहता है। यह एक ऐसा हिंदूवादी चेहरा है। जिसके सामने राजनीति के अच्छे-अच्छे दिग्गजों की भी एक नहीं चलती है।

यह अक्सर ऐसे बयान देते रहते हैं। जिसकी वजह से, इन्हें फेसबुक की तरफ से ‘डेंजरस मैन’ का टैग भी दिया गया था। यह सबसे पहले तेलुगू देशम पार्टी से जुड़े लेकिन अब बीजेपी के विधायक है। यह हैदराबाद में रहते हुए भी, निजाम राज्य को अपने निशाने पर लेते रहते हैं। इन्हें दक्षिण भारत में हिंदुत्व के सबसे बड़े व मजबूत चेहरे के रूप में जाना जाता है। यह है – टाइगर राजा सिंह। इसी प्रकार जाने : छत्रपति शिवाजी का जीवन परिचय। छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध। Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti।

Tiger Raja Singh Biography in Hindi

Tiger Raja Singh – An Introduction

तेलंगाना का शेर 
टाइगर राजा सिंह 
एक नजर
पूरा नामठाकुर राजा सिंह लोधी
उपनाम• राजा सिंह 
• टाइगर राजा
• डेंजरस मैन
जन्मतिथि15 अप्रैल 1977
जन्म स्थानधूलपेट, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश
पितास्व० टी. नवल सिंह
माताटी. रामी बाई
शैक्षिक योग्यतास्नातक
जाति व धर्मजाति – राजपूत 
धर्म – हिंदू
व्यवसायभारतीय राजनीतिज्ञ (विधायक)
विधानसभागोशामहल, हैदराबाद
राजनीतिक दल• भारतीय जनता पार्टी (2014 – 2023)
• तेलुगु देशम पार्टी (2009 – 2014)
राजनीति की शुरुआततेलुगु देशम पार्टी से 2009 में
शारीरिक मापदंडलंबाई: 177 सेंटीमीटर 
वजन: 70 किलोग्राम 
आंखों का रंग: काला 
बालों का रंग: काला
पत्नीटी. उषा
बच्चे• संजना सिंह (बेटी)
• 3 बेटे ( नाम ज्ञात नही)
निवास स्थानधूलपेट, हैदराबाद
विशेष रुचि• हिंदुत्व का प्रचार 
• गौ सेवा
कुल संपत्ति₹5 करोड (लगभग)

राजा सिंह का प्रारंभिक जीवन

राजा सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1977 को हैदराबाद के पुराने इलाके धूल पेट में हुआ था। इनका परिवार लोध समुदाय से ताल्लुक रखता है। जिसे उत्तर प्रदेश का एक ओबीसी समुदाय भी माना जाता है। इन्हें आमतौर पर क्षत्रिय राजपूतों में शामिल नहीं किया जाता है। इनके पिताजी ठाकुर नवल सिंह एक धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। जिन्हें धर्मग्रन्थों व शास्त्रों का अच्छा ज्ञान था। 

इनके पिता हैदराबाद में देवी-देवताओं की मूर्ति बनाने का काम किया करते थे। जिसके चलते उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। इसलिए राजा सिंह का प्रारंभिक जीवन संघर्षपूर्ण रहा था। उनकी माताजी रामी बाई एक गृहणी थी। जो मूर्ति बनाने में इनके पिताजी का हाथ बटाया करती थी।

राजा सिंह को बचपन से ही हिंदू धर्म को जानने में विशेष रूचि थी। वह हिंदुओं द्वारा किये जाने वाले, सभी प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया करते थे। राजा सिंह अपने अन्य कामों से समय निकालकर मूर्तियां बनाने के अपने पारिवारिक कार्य में सहयोग करते थे। इसी प्रकार जाने : वीर सावरकर की जीवनी वीर सावरकर की माफी का सच। Veer Savarkar Jayanti।

राजा सिंह की शिक्षा

घर की आर्थिक स्थिति न होने के कारण राधा सिंह की प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद के स्थानीय विद्यालय से शुरू हुई लेकिन उन्हें अपनी शिक्षा के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा किसी तरह उन्होंने अपने स्नातक की शिक्षा पूरी की। इसी बीच राजा सिंह ने ऑडियो और वीडियो कैसेट बेचने का काम शुरू किया। ताकि घर को कुछ आर्थिक मदद दी सके। 

इसके बाद उन्होंने इलेट्रिक वायरिंग का व्यवसाय भी किया। इसी बीच वो बजरंग दल के सम्पर्क में आये। उन्होंने बजरंग दल में एक जुझारू कार्यकर्ता की भूमिका का निर्वहन किया। उनकी छवि धीरे-धीरे गौरक्षक के रूप में बनती चली गई। इसके बाद राजा सिंह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व हिन्दुवाहिनी से भी जुड़ गए। इसी वजह से उनकी पकड़ आस-पास के क्षेत्रों में भी बनती चली गई। तभी से उन्होंने अपना कार्यक्षेत्र राजनीति को बना लिया।

राजा सिंह का राजनीतिक सफर

2009 में राजा सिंह के राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई। जब वह तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हुए। 2009 में ही ग्रेटर हैदराबाद से राजा सिंह नगर निगम के पार्षद बनें। 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी को छोड़ दिया। फिर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। भारतीय जनता पार्टी ने, अपने आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनाव में, गोशामहल सीट से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया।

इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में भी राजा सिंह को जनता का अपार प्रेमभूषण आशीर्वाद मिला वह एक बार फिर विधायक चुने गए अब तक उनकी छवि भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता के रूप में बन गई।

2023 में हुए गोसामहल विधानसभा से राजा सिंह के सामने भारतीय राष्ट्रीय राष्ट्र समिति के नंदकिशोर व्यास और कांग्रेस के उम्मीदवार मोगली सुनीता थे। राजा सिंह ने भारी मतों  के अंतर से जीत हासिल की। उनकी जीत के साथ ही बीजेपी ने तेलंगाना की 8 सीटों पर, अपनी जीत दर्ज कराई। इस तरह राजा सिंह तीसरी बार गोशामहल विधानसभा से विधायक चुने गए। इसी प्रकार जाने : विशाल हिन्दू ह्रदय सम्राट  Yogi Adityanath की सम्पूर्ण जीवन गाथा

राजा सिंह को फेसबुक ने किया बैन

राजा सिंह को 2020 में, फेसबुक और इंस्टाग्राम में प्रतिबंधित कर दिया था। जिसकी वजह धार्मिक भावनाओं को आहत करना व नफरत भरे बयान देना था। इसके चलते राजा सिंह के सभी फेसबुक अकाउंट को बंद कर दिया गया। जबकि राजा सिंह का कहना है कि फेसबुक पर उनका कोई आधिकारिक पेज नहीं है।

उन्होंने किसी भी तरह की सांप्रदायिक पोस्ट से किनारा कर लिया। फेसबुक ने सितंबर 2020 में राजा सिंह को ‘डेंजरस मैन’ का टैग भी दिया था। हेट स्पीच के मामले में, फेसबुक पर भाजपा नेताओं के ऊपर कार्रवाई न करने की आरोप लगे थे। यह कार्रवाई इसी के तहत की गई।

राजा सिंह से जुड़े विवाद

दक्षिण भारत में हिंदुत्व का चेहरा माने जाने वाले राजा सिंह, हमेशा विवादों से जुड़े रहते हैं। उनके ऊपर अब तक 75 से ज्यादा FIR दर्ज हो चुकी है। जिनमें से सिर्फ 30 मामले धार्मिक भावनाओं को भड़काने के हैं। इसके अलावा कानून व्यवस्था का उल्लंघन व कर्फ्यू का उल्लंघन भी शामिल है। इसी के तहत हैदराबाद पुलिस ने, राजा सिंह को राउडी शीटर का टैग भी दिया था।

फिल्म पद्मावती पर विवाद – राजा सिंह ने फिल्म पद्मावती के रिलीज होने पर, एक विवादित बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि इस फिल्म को जिस भी थिएटर में लगाया जाएगा। वह उसे जला देंगे। इसी दौरान उन्होंने ओल्ड हैदराबाद सिटी को, मिनी पाकिस्तान भी कहा था। उन्होंने कहा था कि अगर यहां के घरों की जांच करवा ली जाए। तो लगभग हर घर से बमों का जखीरा मिलेगा।

रोहिंग्या मुसलमान पर विवाद – जब पूरे देश में रोहिंग्या मुसलमान को लेकर विवाद गरमाया था। तब 2018 में राजा सिंह का एक बार फिर विवादित बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि अगर रोहिंग्या मुसलमान भारत नहीं छोड़ते हैं। तो उन्हें गोली मार देनी चाहिए। इसी दौरान उन्होंने कहा कि कोई सच्चा हिंदू तब तक नहीं बन सकता। जब तक कि वह आरएसएस से न जुड़े। उनके इस तरह के बयान, उस वक्त सुर्खियों में रहते थे। इसी प्रकार जाने : Smriti Irani Inspiring Biography सीरियल से सियासत तक की स्मृति।

पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी- राजा सिंह की पैगंबर मोहम्मद पर की गई, विवादित टिप्पणी के पीछे कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी का शो था। जिसमें वह अक्सर हिंदू देवी-देवता को लेकर, कॉमेडी किया करते थे। मुनव्वर ने इंदौर में हुए, एक शो में भगवान राम और सीता पर अभद्र टिप्पणी की थी। इसके बाद जब मुनव्वर का हैदराबाद में शो था। तो राजा सिंह ने इसका एतराज किया।

इस पर नाराज राजा सिंह ने यहां तक कह दिया कि अगर मुनव्वर का शो हुआ। तो वह स्टेज को आग लगा देंगे। जिसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हमारे भगवान राम और सीता का मजाक बनाया जा सकता है। तो पैगंबर मोहम्मद का क्यों नहीं। लेकिन तेलंगाना सरकार ने मुनव्वर को हैदराबाद में शो करने का आश्वासन दे दिया। मुनव्वर के शो के बाद, राजा सिंह ने एक विवादित वीडियो जारी किया। इसके बाद पूरे तेलंगाना में सर तन से जुड़ा के नारे लगने लगे।

इस विवाद के चलते बीजेपी ने, उन्हें अपनी पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान, बीजेपी ने उनका निलंबन रद्द कर दिया। एक बार फिर उन्हें गोशामहल सीट से चुनाव लड़ने की अनुमति दी। जिसका परिणाम यह हुआ कि राजा सिंह तीसरी बार चुनाव जीते।

रामनवमी पर विवाद – 2023 में रामनवमी के अवसर पर, राजा सिंह ने एक भारी जनसभा को संबोधित करते हुए, कुछ आपत्तिजनक तीखी टिप्पणियां की थी। जिसमें उन्होंने हिंदुत्व व गौरक्षा को लेकर बयान दिए। इससे पहले दूसरे समुदाय द्वारा उनके बेटे को उठा लेने की धमकी का जवाब, उन्होंने कुछ आपत्तिजनक गालियों के माध्यम से दिया। साथ ही दूसरे पक्ष को खुलेआम, ललकार भी  लगाई थी। इसी प्रकार जाने : Indian James Bond NSA Ajit Doval Biography जिससे पूरे विश्व की Army भी काँपती है। 

राजा सिंह का हैदराबाद में वर्चस्व

हैदराबाद की सात विधानसभा सीटों में 6 पर, जहां AIMIM का कब्जा है। वही असदुद्दीन ओवैसी, राजा सिंह के खिलाफ अपना प्रत्याशी खड़ा करने से भी कतराते हैं। जबकि गोशामहल वह विधानसभा सीट है। जहां पर असदुद्दीन ओवैसी का पार्टी ऑफिस भी है। लेकिन राजा सिंह के लिए, वहां पर नारे लगाते हैं। देखो देखो कौन आया, शेर आया शेर आया।

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