Smriti Irani Biography in Hindi (Best)| सीरियल से सियासत तक की स्मृति

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   एक दिन तीन बेटियों के पिता, जब घर लौटे। तब उनके साथ, एक ज्योतिषी भी थे। उनसे तीनों बेटियों के भविष्य के बारे में, बताने को कहा गया। ज्योतिषी ने कहा, छोटी दोनों बेटियों का तो ठीक है। लेकिन बड़ी का कुछ भी नहीं हो सकता। यह तीखे शब्द बड़ी बेटी को चुभ गए। उसने ज्योतिषि जी से तपाक से कहा। जाइए, आप भी यही हैं। मैं भी यहीं हूं, दोनों देखेंगे।

     ज्योतिषि जी का तो पता नहीं। लेकिन आज पूरा देश, बड़ी बेटी की कामयाबियों को देख रहा है। जिसने अपनी मेहनत और talent से न सिर्फ अपना नाम रोशन किया। बल्कि उस पद पर काबिज हैं। जिस पर पहुंचना। सबके बस की बात नहीं। यह बड़ी बेटी कोई और नहीं। बल्कि यह है- स्मृति ईरानी।

     आज स्मृति ईरानी को कौन नहीं जानता। यह एक ऐसा नाम है। जिसे आज हर व्यक्ति जानता है। चाहे बात फिल्मों की रही हो। चाहे बात छोटे पर्दे पर काम करने की हो। चाहे बात राजनीति की रही हो। चाहे सरकार में मंत्री बनने की। चाहे बात लोकसभा में, अपने जोशीले भाषणों से, जनता का मन मोहित करने की रही हो। या फिर अमेठी में कार्यकर्ताओं के बीच काम करने की। चाहे राहुल गांधी को शिकस्त देने की।

      स्मृति ईरानी ने हर जगह इतनी जबरदस्त performance दी। वह किसी परिचय की मोहताज नहीं रही। एक समय में, नरेंद्र मोदी की सरकार में सबसे कम उम्र की मंत्री रही। आज स्मृति ईरानी राजनीति में, एक जाना-पहचाना नाम है। पहले टीवी की दुनिया और अब राजनीति में स्मृति ईरानी ने अपना मुकाम हासिल किया। अपना हुनर साबित किया।

मॉडलिंग से अभिनय और अभिनय से राजनीति की दुनिया में आई। स्मृति ईरानी ने बहुत कम उम्र में ही, अपना काम शुरू कर दिया था। उन्होंने एक लंबा सफर तय किया है। स्मृति इस वक्त, मोदी सरकार में मंत्री हैं। राजनीति में आने के बाद, स्मृति ने भले ही टीवी की दुनिया को अलविदा कह दिया हो। लेकिन उनके अभिनय के आज भी लोग कायल हैं।

Smriti Zubin Irani - Cabinet Minister

Cabinet Minister - Smriti Zubin Irani
An Introduction

 

स्मृति ईरानी – एक परिचय

नाम

स्मृति मल्होत्रा

प्रसिद्ध नाम

स्मृति जुबिन ईरानी, स्मृति ईरानी, भारतीय बहू

जन्म

23 मार्च 1976

जन्म स्थान

नई दिल्ली

पिता

अजय कुमार मल्होत्रा 

(पंजाबी खत्री)

माता

शिबानी बागची (बंगाली)

शिक्षा

होली चाइल्ड ऑक्सीलियम स्कूल, नई दिल्ली 

दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली

विवाह

जुबिन ईरानी

बच्चे

जौहर ईरानी (बेटा)

जोइश ईरानी (बेटी) 

शनेले ईरानी (सौतेली बेटी)

व्यवसाय

राजनेता, टेलीविजन अभिनेत्री व निर्मात्री

पूर्व मॉडल

पद

मानव संसाधन विकास मंत्री

( मई 2014 – जुलाई 2016)

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय

(जुलाई 2017 – मई 2018)

कपड़ा मंत्रालय

(जुलाई 2016 – अब तक)

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

(मई 2019 – अब तक)

दल

भारतीय जनता पार्टी

चुनाव क्षेत्र

अमेठी

प्रसिद्ध सीरियल

क्योंकि सास भी कभी बहू थी 

शौक

पुस्तकें पढ़ना व संगीत सुनना

पसंदीदा राजनेता

नरेंद्र मोदी

स्मृति ईरानी का प्रारम्भिक जीवन

  स्मृति ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 को, दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय पंजाबी परिवार में हुआ था। इनके पिता अजय कुमार मल्होत्रा, जो एक पंजाबी महाराष्ट्रीयन परिवार से संबंध रखते हैं। जबकि इनकी माता श्रीमती शिवानी बागची, एक बंगाली असमिया परिवार से हैं। स्मृति ईरानी तीन बहनों में सबसे बड़ी है। शादी से पहले इनका नाम स्मृति मल्होत्रा था। 

    स्मृति ईरानी बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हिस्सा रही। क्योंकि इनके दादा RSS के स्वयंसेवक थे। इनकी मां भी जनसंघ की सदस्या थी। इनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के, होली चाइल्ड ऑक्सिलियम स्कूल से हुई। यहीं से इन्होंने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की।

स्मृति के पिता एक courier company चलाते थे। पारिवारिक स्थिति ठीक न होने के कारण, स्कूल के बाद, 1996 में स्मृति ने School of Open Learning में दाखिला लिया। यहाँ उन्होंने correspondence course से बीकॉम किया। लेकिन वह अपने 3 साल के bachelor course को पूरा नहीं कर सकी।

बेहद तेजतर्रार मानी जाने वाली politician स्मृति ईरानी, अपने कॉलेज दिनों में, बिल्कुल अलग थी। उनका कहना है कि वह अपने स्कूल के दिनों में, चुपचाप एक कोने में बैठने वाली लड़की हुआ करती थी। इनके ज्यादा दोस्त भी नहीं थे। क्योंकि वह ज्यादा बातचीत नहीं करती थी। वह अपना लंच भी अकेले बैठकर ही किया करती थी। स्कूल के दिनों में, उनकी हल्की फुल्की ragging भी हुई।

स्मृति का स्पोर्ट्स से लगाव

ज्योतिषी की भविष्यवाणी

 उन्हें किताबों से बेहद लगाव था। स्कूल के दिनों में वह एक शान्त और आज्ञाकारी स्टूडेंट थी। वह हर subject पर पूरा ध्यान देती थी। वैसे ज्यादातर बच्चों को maths और history, subject अच्छे नहीं लगते। लेकिन history उनका स्कूल के दिनों में व बाद में भी favorite subject रहा।

इन्हें sports में भी बहुत दिलचस्पी थी। Judo में वह national level तक पहुंची। Basketball व long jump सभी में उनकी विशेष रुचि थी। इतने काम करने के बाद भी, स्मृति पढ़ाई में कभी नहीं पिछड़ी। वह हर साल अव्वल आती रही।

जब वह स्कूल में ही थी। तब उनके माता-पिता ने, एक ज्योतिषी को बुलाया। उन्होंने ज्योतिषी से तीनों बेटियों के भविष्य के बारे में बताने को कहा। ज्योतिषी ने कहा आपकी दोनों छोटी बेटियां, जिंदगी में काफी आगे तक जाएगी।

लेकिन आपकी बड़ी बेटी का भविष्य सुनहरा नहीं है। तब स्मृति ने भी ज्योतिषी से कह दिया। वह जिंदगी में सफल बनकर दिखाएंगी। लेकिन उनके माता-पिता ने उनसे ज्यादा उम्मीदें नहीं लगाई। क्योंकि उन्हें ज्योतिषी पर ज्यादा विश्वास था।

स्मृति ईरानी का संघर्षपूर्ण जीवन

  स्मृति ने अपने लिए कुछ लक्ष्य तय कर रखे थे। जिन्हें पूरा करना चाहती थी। उनके पिता का courier का बिजनेस था। परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी। इसलिए उन्होंने class 10th के बाद beauty products बेचना शुरू किया। जिसके लिए, उन्हें हर दिन ₹200 मिला करते थे। वह एक civil servant या journalist बनना चाहती थी।

  लेकिन उनके पिता का मानना था कि दोनों ही profession स्मृति के लिए नहीं है। इसके बाद स्मृति ने वह किया। जो उनके परिवार ने नहीं सोचा था। शायद स्मृति ने भी इसके बारे में कभी नहीं सोचा था। 18 वर्ष की उम्र में ही, वह सपने लेकर मुंबई की तरफ रवाना हो गई। 1998 में उन्होंने मिस इंडिया contest में हिस्सा लिया। उन्होंने Finale तक पहुंच कर, सबको हैरान कर दिया।इस दौरान उन्होंने अपने पिता से ₹200000 लिए थे। उन्होंने वादा किया था कि जल्द ही, वह पैसे लौटा देंगी।

     उनकी final की dress मशहूर डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने design की थी। हालांकि वह contest जीत नहीं सकी। लेकिन उन्हें अपने पिता के पैसे लौटाने थे। तो उन्होंने jobs के लिए apply करना शुरू किया। उन्होंने अपनी बहन के साथ, Jet Airways में hostess के लिए interview दिया। उनकी बहन का selection हो गया। लेकिन स्मृति को reject कर दिया गया। 

लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्हें पैसे तो लौटाने ही थे। उनके अंदर का स्वाभिमान, उन्हें आगे बढ़ने का हौसला देता गया। उन्होंने बांद्रा में मैकडोनाल्ड में काम किया। बर्गर serve करने से लेकर, टेबल साफ करने तक। उन्होंने सारे काम किए। इतनी परेशानियों के बाद भी, जो चीज स्मृति को हार मानने से रोक रही थी। वह उनका हौसला ही था।

स्मृति ईरानी को टेलिविजन सीरियल मे मौक़ा

  इसके बाद स्मृति ने टीवी सीरियल्स में काम करने का मन बनाया। उन्होंने बहुत सारे audition भी दिए। लेकिन उन्हें कई rejection भी face करने पड़े। स्मृति ईरानी का Debut TV show ‘आतिश’ था। इसमें उन्होंने साल 2000 में काम किया था। इसके बाद इन्होंने ‘कविता’ व ‘हम हैं कल आज और कल’ में भी कम किया।

  आखिरकार उनका भाग्य तब पलटा। जब ‘OOHLALA’ का एक episode, host करने का मौका मिला। जहां शोभा कपूर की नजर, उन पर पड़ी। फिर उन्होंने स्मृति ईरानी को एकता कपूर से मिलने को कहा। फिर स्मृति ने ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ का audition दिया।

     इसके बाद, उन्होंने तुलसी वीरानी का किरदार, अपने नाम कर लिया। इस तरह स्मृति बन गई, इंडिया की favorite बहू। इस तरह आखिरकार, स्मृति ने अपने हाथों से अपनी किस्मत का पहला पन्ना लिख लिया। तुलसी विरानी अपने किरदार के चलते, भारत के हर घर तक अपनी पहुंच बनाने में कामयाब रही।

स्मृति को क्योंकि सास भी कभी बहू थी के लिए पांच इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवार्ड मिले। 4 इंडियन टेली अवार्ड व 8 स्टार परिवार अवार्ड मिले। इसके अतिरिक्त स्मृति ने 2001 में पौराणिक सीरियल ‘रामायण’ में सीता का किरदार निभाया। स्मृति ने 2006 में थोड़ी सी जमीन थोड़ा सा आसमान टीवी सीरियल को अपने उग्रया इंटरटेनमेंट के बैनर तले प्रोड्यूस किया।

स्मृति ईरानी का विवाह

   2001 में स्मृति ने पारसी entrepreneur ज़ुबिन ईरानी से शादी कर ली। स्मृति ईरानी इसके बाद, जुबिन स्मृति ईरानी बन गई। इनकी शादी को लेकर भी काफी चर्चा हुई। स्मृति ईरानी, जुबिन की दूसरी पत्नी हैं। जुबिन की पहली पत्नी का नाम मोना ईरानी था। मोना, स्मृति की सहेली थी। ऐसा कहा जाता है कि जुबिन और स्मृति में प्यार हो गया। फिर जुबिन मोना से अलग हो गए। इसके बाद, उन्होंने स्मृति से शादी की।

स्मृति और जुबिन के, एक बेटा जौहर ईरानी और एक बेटी जोईश ईरानी है। इसके अलावा, शनेले ईरानी एक सौतेली बेटी है। जो मोना और जुबिन की बेटी है।

स्मृति ईरानी का राजनीतिक जीवन

 स्मृति ईरानी का राजनीतिक जीवन 2003 में तब शुरू हुआ। जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। पार्टी ने साल 2004 के लोकसभा चुनाव में, पुरानी दिल्ली की चांदनी चौक सीट से टिकट दिया। उस समय स्मृति केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ी। स्मृति भले ही चुनाव हार गई थी। लेकिन उनकी लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती चली गई।

       इसके बाद साल 2004 में ही स्मृति को महाराष्ट्र यूथ विंग का उपाध्यक्ष बनाया गया। इसके साथ ही, पार्टी ने 5 बार केंद्रीय समिति का कार्यकारी सदस्य भी बनाया। फिर राष्ट्रीय सचिव के रूप में भी नियुक्त की गई। साल 2010 में उन्हें, भाजपा की महिला मोर्चा की कमान सौंपी गई। साल 2011 में, वह गुजरात से राज्य सभा की सांसद चुनी गई। इसी साल उन्हें हिमाचल प्रदेश की महिला मोर्चा की कमान सौंप दी गई।

      साल 2003 में बीजेपी में शामिल होने वाली स्मृति ने, बहुत कम ही कम समय में ही पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत कर ली। पार्टी का स्मृति पर इतना भरोसा हो गया। कि लोकसभा चुनाव 2014 में उन्हें गांधी परिवार के गढ़ अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा का टिकट दिया गया। वह भले ही 1 लाख वोटों से चुनाव हार गई। लेकिन वह अपने संघर्ष और क्षमता का लोहा मनवाने में सफल रही।

      कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास को कड़ी चुनौती दी। लेकिन राज्यसभा के सदस्य होने के नाते, उन्हें मोदी कैबिनेट में मानव संसाधन एवं विकास मंत्री बनाया गया। HRD मंत्रालय के साथ ही, उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का जिम्मा भी सौंपा गया।

     बाद में, उनसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय लेने के बाद, राजवर्धन सिंह राठौर को इसका जिम्मा सौंपा दिया गया। स्मृति के कई विवादों में घिरने के बाद, जब सरकार हर तरफ से घेरती दिखाई दी। तब स्मृति ईरानी से HRD मंत्रालय लेकर, उन्हें कपड़ा मंत्रालय सौंप दिया गया। मंत्रालय चाहे, कितनी बार ही बदले। लेकिन स्मृति ने अपने काम के साथ, हमेशा इंसाफ किया। सरकार को शिकायत का मौका नहीं देने की कोशिश की।

      इस बीच उन्होंने अमेठी को कभी नहीं छोड़ा। चुनाव हार जाने के बाद भी, स्मृति का अमेठी आना-जाना लगातार बना रहा। अमेठी की दीदी बनकर, उन्होंने उनकी हर समस्या को अपना समझा। उनकी समस्याओं का समाधान भी करके दिया। उनका अमेठी में वर्चस्व इस तरह कायम हुआ। कि राहुल गांधी से 2014 में, 1,07,000 वोटों से हार जाने के बाद। 

साल 2019 में के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को करारी शिकस्त दी। उन्हें करीब 50,000 वोटों से हरा दिया। एक बार फिर कपड़ा मंत्री के रूप में मोदी 2.0 में शपथ ली।

स्मृति ईरानी से जुड़े विवाद

 स्मृति ईरानी का नाम, एक विवाद में उस समय पहली बार आया। जब महाराष्ट्र सदस्य, कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने उनके खिलाफ एक न्यूज़ चैनल में अभद्र टिप्पणी की। साल 2012 में जब गुजरात विधानसभा के नतीजे आए। तो एक न्यूज़ चैनल में बहस के दौरान। संजय निरुपम ने स्मृति के लिए, जिन शब्दों का प्रयोग किया था। उसकी वजह से, संजय के खिलाफ स्मृति ने कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया।

       संजय ने एक सवाल के जवाब में कहा था। कुछ दिनों तक टीवी पर नाचने वाली एक अदाकारा। आज चुनाव विश्लेषक बन गई है। वही स्मृति ईरानी की डिग्री पर भी काफी विवाद हुआ। बताया जाता है कि अप्रैल 2004 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने कहा था। उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय से correspondent से BA की degree ली है।

      जबकि गुजरात से राज सभा का चुनाव लड़ने के लिए, 11 जुलाई 2011 के दूसरे हलफनामे में। उन्होंने अपनी शैक्षिक योगता बीकॉम पार्ट वन बताई। इस मामले में दिलचस्प मोड़ तो तब आया। जब उत्तर प्रदेश के अमेठी से, 16 अप्रैल 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए, दाखिल हलफनामे में ईरानी ने कहा था। उन्होंने बीकॉम पार्ट वन दिल्ली यूनिवर्सिटी के School of Open Learning से पूरा किया है।

इन सभी विवादों से अलग स्मृति ने अपनी काबिलियत की वजह से अलग पहचान बनाई। जिस पर पार्टी को काफी फक्र महसूस हुआ।

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