Arvind Kejriwal Biography in Hindi | अरविंद केजरीवाल का जीवन परिचय | Arvind Kejriwal Education

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इतने बड़े देश में, प्रधानमंत्री पद के सिर्फ दो ही दावेदार। जहाँ कभी प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में, बड़े-बड़े चेहरे हुआ करते थे। लेकिन फिलहाल गौर कीजिए, एक ऐसे शख्स पर। जो राजनीति में बिल्कुल नया है। नया ही नहीं, बल्कि सबसे नया है। लेकिन सभी को राजनीति के नए-नए गुर सिखा रहा है। जो टोपी पहने, मफलर बाधे और खांसते हुए। देखते ही देखते 7RCR का, एक मजबूत दावेदार बन गया हैं।

चंद सालों में जितनी राजनीति, यह शख्स कर गए। शह-मात के जितने गुर में पारंगत हो गए। जितनी लोकप्रियता कमा ली। जितनी बड़ी जीत हासिल कर ली। वो दशकों में भी, शायद ही किसी को नसीब हो। यह कहानी है, WagonR से चलने वाले, उस मफलर मैन की। जिसने दिल्ली की सियासत को, हिला कर रख दिया। रातो-रात भ्रष्टाचार के खिलाफ, सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों की आवाज बन गया। मोबाइल और कंप्यूटर वाली नई generation को, पहली बार जन-क्रांति का एहसास करवाया।

21वीं सदी के हिंदुस्तान ने, कभी ऐसा इंकलाब नहीं देखा था। ऐसा बदलाव नहीं देखा। जिसमें एक दुबले-पतले से 47 साल के शख्स ने, न तो जाति का सहारा लिया। न धर्म का, न तो क्षेत्रवाद को हथियार बनाया। न हीं परिवारवाद की बैसाखी पर आ गिरा। उसने बस जन-आक्रोश को दिशा दी। जिन पर, यह आरोप भी लगे। कि सिस्टम को बदलते-बदलते। वह खुद भी, उसी सिस्टम का हिस्सा बन गये। जिसे वह कभी खुले मंच से चुनौती दिया करते थे।

साल 2010, बहुत से मायनों में महत्वपूर्ण था। इसके साथ ही ऐतिहासिक भी। लोकपाल बिल और अन्ना हजारे छाए हुए थे। उस वक्त केंद्र में, कांग्रेस की सरकार थी। प्रधानमंत्री के पद पर डॉ मनमोहन सिंह आसीन थे। इन्हीं के बीच एक और शख्स था। जिसकी चर्चाएं होना शुरू हो गई थी। साधारण-सा दिखने वाला एक चेहरा, घिसी हुई पैंट और साइड से थोड़ी ढीली शर्ट।  पैरों में फ्लोटर का चप्पल।

इस शख्स का नाम अरविंद केजरीवाल था। बहुत से जानकार कहते हैं कि अन्ना आंदोलन की नींव, इसी साधारण से दिखने वाले शख्स ने रखी थी। भारतीय राजस्व सेवा यानी आईआरएस का एक अधिकारी, एक एक्टिविस्ट, एक आंदोलनकारी और अंत में एक राजनेता। यह उनकी जिंदगी के ऐसे पड़ाव हैं। जिनसे होकर, वह राजनीति में आए। फिर हमेशा के लिए, सियासत के होकर रह गए। इसी प्रकार जाने : विशाल हिन्दू ह्रदय सम्राट  Yogi Adityanath की सम्पूर्ण जीवन गाथा

Arvind Kejriwal Biography in Hindi

Arvind Kejriwal – An Introduction

मुख्यमंत्री दिल्ली  
अरविंद केजरीवाल
एक नजर
पूरा नामअरविंद केजरीवाल
जन्म-तिथि16 अगस्त 1968
जन्म-स्थानसिवानी, भिवानी, हरियाणा
पितागोविंद राम केजरीवाल
(इलेक्ट्रिकल इंजीनियर)
मातागीता देवी 


स्कूल
• केंपस स्कूल हिसार, हरियाणा 
• क्रिश्चियन मिशनरी होली चाइल्ड विद्यालय,
सोनीपत, हरियाणा
कॉलेज/ विश्वविद्यालयभारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
शैक्षिक योग्यताबीटेक – मैकेनिकल इंजीनियरिंग
(आईआईटी खड़कपुर)
विवाहसुनीता केजरीवाल (आईआरएस अधिकारी)
1995 में विवाह
बच्चे• पुलकित केजरीवाल(बेटा) 
• हर्षिता केजरीवाल (बेटी)
व्यवसाय• पूर्व भारतीय राजस्व अधिकारी 
• एक्टिविस्ट 
• भारतीय राजनेता
• मुख्यमंत्री दिल्ली
पार्टीआम आदमी पार्टी
राजनीति में पदार्पणनवंबर 2012 आम आदमी पार्टी की स्थापना
मुख्यमंत्री
कार्यकाल
• 28 दिसंबर 2013 -14 फरवरी 2014 (48 दिन)
• 14 फरवरी 2015 -14 फरवरी 2020 (05 साल)
• 16 फऱवरी 2020 से अब तक
पुरस्कार

सम्मान
2004 – अशोक फैलो सिविक इंगेजमेंट
2005 – सत्येंद्र दुबे मेमोरियल अवॉर्ड आईआईटी कानपुर 
2006 – उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
2006 – लोक सेवा में CNN-IBN इंडियंस ऑफ द ईयर 
इनकम₹3.9 लाख + अन्य भत्ते
नेट-वर्थ₹4.75 करोड़

Arvind Kejriwal – Early Life
अरविंद केजरीवाल का प्रारम्भिक जीवन

अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को, भिवानी जिले के सिवानी में, एक वैश्य परिवार में हुआ। जो हरियाणा में है। बहुत कम लोगों को पता है इनका जन्म, जन्माष्टमी के दिन हुआ था। इसी कारण, इनके माता-पिता प्यार से इन्हें किशन बुलाते हैं। इनके पिता गोविंद राम केजरीवाल ने बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपनी इंजीनियरिंग की थी। वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। इनकी माताजी गीता देवी, एक ग्रहणी थी।

अरविंद के छोटे भाई मनोज केजरीवाल है। जोकि पुणे की IBM में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। जबकि इनकी छोटी बहन रंजना केजरीवाल  हैं। जो हरिद्वार में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) में हैं। इनके पिता का काम के सिलसिले में, कई जगहों पर ट्रांसफर हुआ। इसी के चलते, अरविंद ने अपना ज्यादातर बचपन गाजियाबाद, हिसार और सोनीपत जैसी जगहों पर बिताया। इसी प्रकार जाने : Indian James Bond NSA Ajit Doval Biography जिससे पूरे विश्व की Army भी काँपती है।

Arvind Kejriwal Education
अरविंद केजरीवाल की शिक्षा

अरविंद केजरीवाल शुरू से ही एक मेधावी छात्र थे। उनके पिता के ट्रांसफर की वजह से, उनकी शिक्षा कई शहरों में हुई। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हिसार के कैंपस स्कूल से की। इसके बाद, वह सोनीपत के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में चले गए।

अरविंद के पिता एक इंजीनियर थे। इसलिए वह चाहते थे कि उनका बेटा भी इंजीनियर बनकर, अपने गांव का नाम रोशन करें। लेकिन उनका बेटा, उनकी उम्मीदों से बढ़कर निकला। 1985 में 12th पास होने के बाद, अरविंद केजरीवाल ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। उन्होंने IIT में admission पाने के लिए, जबरदस्त तैयारी शुरू कर दी।

बचपन से ही अरविंद की will power बहुत strong थी। उनके अंदर गरीबों के लिए हमदर्दी भी थी। उन्होंने अपनी पहली कोशिश में IIT का एग्जाम All India Rank (AIR – 563) से Clear कर लिया। उन्हें IIT खड़कपुर में, मैकेनिकल इंजीनियर में admission मिल गया। अरविंद ने अपनी पहली जॉब छोड़ने के बाद, UPSC की जबरदस्त तैयारी की। 1995 में, अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने UPSC Crack किया। अरविंद IRS यानी रेवेन्यू अधिकारी बन गऐ।

Arvind Kejriwal Career
अरविंद केजरीवाल का कैरियर

1989 में इंजीनियरिंग खत्म होने के बाद, उन्हें पहली ही शानदार नौकरी टाटा स्टील में मिली। सभी इंजीनियर के सपनों की कंपनी। अरविंद केजरीवाल ने 3 सालों तक, जमशेदपुर में टाटा स्टील में काम किया। लेकिन अरविंद केजरीवाल का मन वहां नहीं लगा। टाटा स्टील का एक Social Welfare Department था। अरविंद टाटा स्टील के authority के पास गए। उन्होंने उनसे कहा कि मुझे इंजीनियरिंग से सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट में shift कर दीजिए।

टाटा स्टील की authority ने, ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा आपको इंजीनियर के रूप में चुना गया है। इसलिए आपको वही काम करना पड़ेगा। 1992 में UPSC की तैयारी के लिए, अरविंद ने टाटा स्टील से resign कर दिया। वह कुछ समय के लिए, कोलकाता चले गए। कोलकाता में वह मदर टेरेसा से मिले।

फिर मिशनरीज आफ चैरिटी और रामकृष्ण मिशन के लिए, वॉलिंटियर रूप में काम किया। अरविंद को IRS बनने के बाद, दिल्ली में Income Tax Department  मिला। कोई और होता तो वहीं पर settle हो जाता। अरविंद केजरीवाल के लिए, तो बस यह एक शुरुआत थी। लेकिन उनका मन यहां पर भी नहीं लगा। इसी प्रकार जाने :  Kiran Bedi ki Inspiring Biography जिसने प्रधानमंत्री तक की गाड़ी उठवा ली।

Arvind Kejriwal – Marriage and Their Family
अरविंद केजरीवाल का विवाह व परिवार

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का भोपाल में, एक प्रशिक्षण प्रोग्राम था। इसमें अरविंद को उनकी life partner सुनीता मिल गई। जो खुद भी, एक इनकम टैक्स ऑफिसर थी। अरविंद ने फोन पर, अपनी मम्मी को बताया कि उन्होंने एक लड़की पसंद की है। अगर आपकी रजामंदी हो। तो वो उससे शादी करना चाहते हैं।

इसके बाद अरविंद के माता-पिता सुनीता से एक होटल में मिले। उन्होंने सुनीता से सिर्फ एक ही सवाल पूछा। क्या तुम भगवान पर विश्वास करती हो। जिसके जवाब में सुनीता ने हां कहा। फिर केजरीवाल को उनके माता-पिता से, शादी की permission मिल गई।

अरविंद केजरीवाल की नवंबर 1994 में सुनीता से शादी हो गई। इनके एक बेटी हर्षिता केजरीवाल और एक बेटा पुलकित केजरीवाल हैं। 15 जुलाई 2016 को सुनीता ने, 22 वर्षों की सेवा के बाद, भारतीय राजस्व सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना का विकल्प चुना।

Arvind Kejriwal – Success in Right To Information Act
अरविंद केजरीवाल को राइट टु इन्फॉर्मेशन मे मिली सफलता

 2001 में अरविंद ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से, 2 साल की छुट्टी ली। फिर वह Right To Information Act (RTI) पर काम करने में जुट गए। उन्होंने अपने दोस्त मनीष सिसोदिया के साथ, परिवर्तन नाम का एक NGO बनाया। जहां से उन्होंने बदलाव लाने की शुरुआत की। दिल्ली की झुग्गी झोपड़ियों में जाकर, वह लोगों की मदद करने लगे।

2 साल बाद, अरविंद ने नौकरी छोड़कर, खुद को पूरी तरह से सामाजिक कार्यों में झोंक दिया। अरविंद दिन-रात सामाजिक कार्य में लगे रहते। इसके बाद भी, किसी को कोई शिकायत नहीं थी। न उनके माता-पिता को। न ही उनके बीवी बच्चों को। इस बीच उनका घर सिर्फ उनकी पत्नी की सैलरी से ही चलता रहा। Right To Information Movement में  contribution, Corruption के खिलाफ लड़ाई, गरीब लोगों को empowerment करने के महत्वपूर्ण योगदान दिया।

जिसके कारण 2006 में, अरविंद केजरीवाल को रमन मैग्सेसे अवार्ड मिला। पहली बार उनके काम को पहचान मिली। अरविंद ने मैग्सेसे अवार्ड में मिली। पूरी रकम को दान कर दिया। अरविंद इतने से संतुष्ट नहीं थे। वह सरकारी विभागों में और मंत्रालयों में हो रहे, भ्रष्टाचार को मिटाने के कार्य में जुट गए। 2010 तक अरविंद का जन लोकपाल कानून के लिए, अरविंद का आंदोलन शुरू नहीं हुआ था। न ही उनकी मुलाकात अन्ना हजारे से हुई थी। इसी प्रकार जाने : Smriti Irani Inspiring Biography सीरियल से सियासत तक की स्मृति।

Arvind Kejriwal – Role in Jan Lokpal Movement
अरविंद केजरीवाल की जनलोकपाल आंदोलन मे भूमिका

 रामलीला मैदान में अन्ना हजारे ने जन लोकपाल के लिए, आंदोलन शुरू किया। तब अरविंद केजरीवाल भी, अन्ना हजारे के साथ जुड़ गए। लेकिन जब सरकार ने वादा करने के बाद भी, जन लोकपाल कानून लागू नहीं किया। तब टीम अन्ना हजारे दो टुकड़ों में, बंट गई।

अन्ना हजारे का मानना था। कि राजनीति कीचड़ है। हम जैसे लोगों को, इस कीचड़ में नहीं उतरना चाहिए। वहीं अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों का मानना था। इस कीचड़ को साफ करने के लिए, इस कीचड़ में उतरना तो पड़ेगा।

Arvind Kejriwal – Establishment of Aam Aadmi Party
अरविंद केजरीवाल – आम आदमी पार्टी की स्थापना

अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों ने मिलकर, आम आदमी पार्टी की स्थापना की। 2013 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने 70 में से 28 सीटें जीती। फिर कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई। अरविंद केजरीवाल अपने पहले ही प्रयास में, दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। लेकिन महज 49 दिनों में ही, उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

इसके बाद 2014 के लोकसभा  election में, केजरीवाल वाराणसी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े। जिसमें वो हार गए। लेकिन वह नेशनल लीडर के तौर पर, अपनी छवि बनाने में सफल हुए। 2015 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव हुए। अबकी बार 70 में से 67 सीट जीतकर। केजरीवाल दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद, वह किसी न किसी कारण से, हमेशा चर्चा में रहे। उनके कई साथी उनको छोड़कर चले गए। उन पर तानाशाह होने का आरोप लगा।

दिल्ली के राज्यपाल और केंद्र सरकार के साथ, उनके टकराव सामने आए। लेकिन इन सबके बावजूद, केजरीवाल दिल्ली के लोगों के लिए काम करते रहे। दिल्ली में उन्होंने फ्री बिजली, पानी और महिलाओं  को बस की सुविधा दे दी। सरकारी स्कूलों को, उन्होंने अच्छा बनाया। दिल्ली में जगह-जगह पर CCTV कैमरे लगाए गए।  मोहल्ला क्लीनिक खोले गए।

2020 के विधानसभा चुनाव में, केजरीवाल की फिर से जीत हुई। इस तरह वे लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। केजरीवाल के ambition और उनकी leadership को देखकर, ऐसा लगता है। वह नरेंद्र मोदी के बाद, प्रधानमंत्री पद के कड़े दावेदार बन सकते हैं। इसी प्रकार जाने : Draupadi Murmu Biography in Hindi। राष्ट्रपति भवन तक का पूरा सफर।

Arvind Kejriwal – Established as a National Leader
अरविंद केजरीवाल – एक राष्ट्रीय नेता के रूप मे स्थापित

अरविंद केजरीवाल ने 2022 में होने वाले 5 राज्यों के चुनाव में, अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। जिसमें उनकी आम आदमी पार्टी  उत्तर प्रदेश, मणिपुर, उत्तराखंड व गोवा में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी। लेकिन पंजाब में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की 117 सीटों में से, 92 सीटें अपने नाम की।

अरविंद ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में, सरदार भगवंत मान का चेहरा रखकर चुनाव लड़ा। जहां पर उन्होंने अपनी एक दमदार छवि बनाई। इस तरह वह क्षेत्री पार्टियों की श्रेणी में, उभर कर सामने आए। जिनकी 2 राज्यों में सरकारी सरकारें हैं। इसी प्रकार जाने : S. Jaishankar Biography in Hindi जिन्होने भारत की विदेश नीति ही बदल दी।

Arvind Kejriwal – Income, Net-Worth and Lifestyle
अरविंद केजरीवाल की इनकम, नेट-वर्थ व लाइफ़स्टाइल

अरविंद केजरीवाल का एक घर बीके दत्त कॉलोनी नई दिल्ली में है। इनके पास मारुति सुजुकी वैगन आर, टोयोटा इनोवा और वोल्वो XC90 जैसी कारें हैं।

अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रतिमाह ₹3,90,000 मिलते हैं। वहीं की कुल नेटवर्क ₹4.75 करोड़ रुपए है। जिसमें उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल के पद निवृत्त होने में मिली संपत्ति भी शामिल है।

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