Quiet Book Summary in Hindi | कम बात करने (Introverts) की ताकत

Quiet: The Power of Introverts Book Summary in Hindi, Quotes, Book Review, PDF, Synopsis,  full story, Susan Cain।

Quiet: The Power of Introverts Book Summary in Hindi

कहा जाता है कि चुप रहना, एक कला है। जैसे कि कान दो होते हैं और मुंह एक। इसलिए बोलना भी, इसी ratio में चाहिए। हममें से लगभग 50% ऐसे होते हैं। जो अक्सर चुप रहना ही पसंद करते हैं। मतलब जो ज्यादा बात नहीं करते हैं। अकेले में वक्त बिताना पसंद करते हैं। जो खुद की कंपनी को enjoy करते हैं।

वे चुप रहने की कला में, पहले से ही माहिर होते हैं। ऐसे लोगों को हम introverts कहते हैं। जो ज्यादा बोलते हैं। खुद को कहीं भी, किसी भी माहौल में, adjust कर लेते हैं। उन्हें हम extroverts कहते हैं। होता यह है कि हमारे भारतीय घरों में सिखाया जाता है। सबसे मिलजुल कर रहो। चाहे वह परिचित हो या अपरिचित। पूरे confidence के साथ बात करो।

मतलब एक extrovert personality  के जैसा behave करो। अगर हम introvert हैं। तब भी extrovert का मुखौटा पहन लेने के लिए कहा जाता है। इससे हमारी असली identity, हमारा असली talent छिप जाता है। कोई भी मां नहीं चाहती। उसका बच्चा कम बोले। कम बोलने वाले को, antisocial बोला जाता है। वहीं कई बार, नीचा भी दिखाया जाता है।

इसी वजह से हम introvert जो करना चाहते हैं। दुनिया को जो talent दिखाना चाहते हैं। वह नहीं कर पाते। Quiet नाम की इस book में, author Susan ने दुनिया में इन्हीं introvert की power के बारे में बताया है। अगर आप भी मेरी तरह introvert हैं। तो समय निकालकर, पूरी book अवश्य पढ़िए। तब तक आप इस खूबसूरत, book summary को enjoy कीजिए। इसी प्रकार जाने : The Miracles of Your Mind Book Summary in Hindiमन के अविश्वसनीय चमत्कार।

Quiet : The Power of Introverts Book Summary in Hindi

कैसे जाने आप Introvert या Extrovert है

आपको कैसे पता चलेगा कि आप introverts हो या extroverts। तो  1920 में Carl Jung ने, सबसे पहले इन 2 words को define किया था। उनके अनुसार, कोई भी इंसान 100% introvert या extrovert नहीं हो सकता। सोचिए कोई भी इंसान, कहीं भी किसी के साथ, बस तोते की तरह बोलता रहता। या कोई इंसान बिल्कुल चुप रहता। ऐसे लोगों को पागलखाने भेज दिया जाता।

इसलिए न तो कोई, शत प्रतिशत introvert हो सकता है। न ही कोई शकभीत प्रतिशत extrovert हो सकता है। परिस्थितियों के मुताबिक, हम कभी- introvert, तो कभी extrovert की तरह behave करते हैं। आप जब ज्यादातर situation में, introvert की तरह behave करते हैं। उसे introvert category में रखा जाता है।

Author कहते हैं कि अगर आपको पता करना है कि आप किस category में है। तो इसका बड़ा ही simple तरीका है। अगर आप कुछ समय अकेले में, बिताने के बाद। अच्छा या energy से भरा हुआ  महसूस करते हैं। तो आप introverts हो। लेकिन अगर आप कुछ लोगों के साथ बात करके। अच्छा या energy से भरा हुआ महसूस करते हो। तो आप extroverts हो। इसी प्रकार जाने : How to Attract Money Book Summaryपैसे को कैसे आकर्षित करे।

Quiet– Benefits of Introverts and Extroverts

कम बोलना या किसी से भी बात न करना। कोई weakness नहीं है। कोई कमजोरी नहीं है। कम बोलना एक power है। अपनी इसी power का इस्तेमाल करके, आप बहुत कुछ कर सकते हैं। तो जैसे extrovert होने के अपने अलग फायदे हैं। ठीक वैसे ही introvert के अपने अलग फायदे है। इसलिए खुद को किसी से कम नहीं समझना है। Extrovert होने के फायदे, कुछ इस तरह हैं।

पहला – यह लोग दूसरों के साथ आसानी से घुल-मिल जाते हैं।

दूसरा – कई सारे लोगों के बीच आसानी से Confidence के साथ बोल पाते हैं।

तीसरा – किसी भी चीज को लेकर, वह बहुत तेजी से सोच पाते हैं।

बिल्कुल ऐसे ही अगर आप introverts हैं। कम बोलना आपका nature है। इसके भी कुछ फायदे हैं।

पहला – Introverts किसी भी काम में patience के साथ, काफी देर तक focus कर पाते हैं। यह एक बड़ी skill है। सोचिए जो व्यक्ति फोकस कर पाता। वह लाइफ में क्या नहीं हासिल कर सकता।

आपने अल्बर्ट आइंस्टाइन के बारे में जरूर सुना होगा। एक famous scientist, वह भी introvert थे। उन्होंने कहा था कि मुझमें कोई खास talent नहीं है। मैं बस किसी भी problem पर ज्यादा देर तक focus कर पाता हूं। उस पर ठहर पाता हूं।

दूसरा – Introverts काफी ज्यादा creative होते हैं। इसमें आपको ढेरों example पर मिल जाएंगे। ‘जय हो’ fame ए आर रहमान, हरी पॉटर के writer जेके रॉलिंग, एप्पल के फाउंडर स्टीव वोजनियाक। यह लिस्ट बहुत अधिक लंबी है।

तीसरा – Introverts लोगों का काफी कम लोगों के साथ relation होता है। लेकिन वह relation बहुत गहरा होता है। आपके circle में, जितने कम लोग होंगे। आपके hurt होने के chance उतने ही कम होंगे। जितना कम hurt होंगे। उतना ज्यादा खुश रहेंगे।

अगर आप भी introvert हैं। तो आपको समझ आ गया होगा। यह समरी आपके लिए है। यह आपकी life के लिए, life changing हो सकता है। अगर आप extrovert है। तो भी यह समरी आपको काफी हेल्प करने वाली है। जैसा कि आपने पहले भी पढ़ा। कि 50% लोग introvert  होते हैं।

यदि आपका कोई close friend, आपका life partner या कोई colleague, introvert हो। तो उसका Best बाहर लाने में, आप उसकी help कर सकते हैं। समझते हैं, इस बुक में दिए गए। कुछ tips को। जो आपके सोचने का अलग नजरिया देगा। इसे सीखकर, समझ कर, आप अपनी life को amazing बना सकते हैं।

Introvert and Extrovert are Like Yin & Yang

Image of Yin and Yang

आपने Yin & Yang की picture जरूर देखी होगी। न किसी से कम, न किसी से ज्यादा। दोनों अपनी जगह पर perfect है। वही दोनों एक-दूसरे की पूरा होने में help करते हैं। अगर इसे और practical तरीके से जानना चाहते हैं। तो एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक का example ले सकते हैं।

स्टीव वोजनियाक introvert थे। जिन्हें सिर्फ प्रोग्रामिंग से प्यार था। वहीं स्टीव जॉब्स के फेमस extrovert थे। जो कहीं भी, किसी के भी सामने एक शानदार speech दे सकते थे। दोनों एक-दूसरे के बगैर अधूरे थे। लेकिन एक दूसरे से बेहतर नहीं।

जो दोनों ने मिलकर काम किया। तो दुनिया के सामने एप्पल नाम का एक चमत्कार आ गया। बस इतना समझ लीजिए कि अगर introvert, Yin है। तो extrovert, Yang। कोई किसी से बेहतर नहीं है। न ही कोई किसी से कमजोर है।  जब दोनों मिल जाते हैं। तब पूर्ण हो जाते हैं। इसी प्रकार जाने : Irresistible Book Summary in Hindiमोबाइल की लत से छुटकारा पाए।

Quiet– Introversion and Shyness are Two Different Things

Introverts और Shyness दोनों अलग-अलग चीजें है। Shyness यानी शर्मिला नेचर। इंसान हमेशा यह सोचता है कि कहीं लोग मुझ पर हंसे न। अगर मैं यहां कुछ बोला। तो कहीं लोग मेरा मजाक न उड़ाए। या लोग क्या कहेंगे। इस बात से डरते हैं। लेकिन introverts को बस शांति अच्छी लगती है।

वह अकेले में जीना पसंद करते हैं। खुद की कंपनी enjoy करते हैं। जैसे कि मैं। मैं भी अब introverts हूं। इसे एक example से समझते हैं। मान लीजिए किसी आपस में कोई मीटिंग चल रही हो। हर कोई वहां अपनी बात रख रहा है। कुछ तो ऐसे भी हैं। जो दूसरे की बात खत्म होने से पहले ही, अपनी बात रख देते हैं।

लेकिन introverts लोग जल्दी-जल्दी सोच नहीं पाते। उन्हें समय लगता है। अपना answer को prepare करने में, इसलिये वे नही बोलते। लेकिन अगर उसी meeting में, 5 मिनट का break दिया जाए। फिर कहा जाए, अपने ideas लिखो। तो shy nature के लोग, हो सकता है। अपना answer लिख ले।

लेकिन जब बोलने की बारी आएगी,तो चुप हो जाएंगे। फिर से उन्हें इस बात का डर लगेगा। कही मैं गलत हुआ। तो बाकी लोग क्याq सोचेंगे। लेकिन वही extrovert लोग, अपने ideas अच्छे से लिखेंगे भी और जरूरत पड़ने पर उसे explain भी कर पाएंगे। तो इस tips में, अगर आप shy है।

तो please ये सोचना छोड़ दो कि लोग क्या कहेंगे। अगर ये सोचोगे कि लोग क्या सोचेंगे। लोग तो कुछ कहेंगे ही। लोगों का काम है, कहना। चाहे आप अच्छा करो या बुरा। Extroverts दिल की गहराई से समझ लो। उस meeting में, जो सबसे अच्छा result निकलेगा। जो सबसे अच्छा ideas आएगा। वो एक introvert के द्वारा ही निकलेगा।

तो यहाँ उनको ज्यादा शांत रहने का मौका दो। उनको support करो। तभी दोनों साथ मिलकर, आगे बढ़ पाओगे। इसी प्रकार जाने : Master Your Emotions Book Summary in Hindiअपने Emotions पर काबू कर, आपकी जीत पक्की।

Quiet– Different People Do Their Next in Different Working Environment

एक experiment की कहानी से समझते है। एक फेमस Psychologist Russell Game ने दो group में एक experiment किया। एक group में introverts और दूसरे group में extroverts। दोनों ही groups को mathematics का एक problem solve करने के लिए कहा गया।

जब दोनों groups problem को solve करने में लग गए। तब उन्होंने room में चल रहे background music को एक बार बढ़ाया, फिर एक बार घटाया। उन्हें बस ये जानना था कि उनका इस पर क्या असर होता है। इसका result ये मिला कि जब background music कम था। तब introverts group के लोग ज्यादा अच्छा perform कर पा रहे थे।

वहीं जब music ज्यादा loud था। तब extroverts group के लोगों ने ज्यादा बेहतर perform किया। Russell की studies ने ये बात साबित कर दी कि अलग-अलग तरह के लोग, अलग-अलग environment में अलग-अलग perform करते है। ऐसा कुछ आप लोगों ने भी अपनी जिंदगी में एहसास किया होगा।

अगर में अपना ही example लूँ। तो मुझे soft व calm music पसंद आता है। इसमें मिठास होती है। लेकिन वहीं मेरे दोस्तों को ऐसे song सुनकर, नींद आने लगती है। उन्हें तड़कता-भड़कता पंजाबी म्यूजिक पसन्द आता है। इसका मतलब बस इतना है कि मैं कोई भी काम तेज म्यूजिक, शोर-शराबे या भीड़ में नही कर पाऊंगा।

मुझे सोचने में समय लगता है। कोई भी काम करने के लिए शांत, अकेलापन या सॉफ्ट म्यूजिक की जरूरत होती है। तभी मैं बेहतर काम कर पाता हूँ। वहीं extroverts बिल्कुल इसके opposite होते है। आपने एक और बात notice की होगी। कि आजकल स्कूल, कालेज या ऑफिस में extroverts को, उस तरह की environment को ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है।

इस वजह से introverts अभी अपना best नही दे पा रहे है। अगर आप भी introverts है। तो आप इस बात को अच्छे से समझ पा रहे होंगे। लेकिन कुछ world class companies है। जो कभी भी इस चीज़ को नजरअंदाज नही करते। उन्हें पता है कि उनका best work, introverts ही कर सकते है। कंपनी के backbone वही है।

इसलिए 3M कंपनी के chairman William Magnite ने कहा था कि “Hire good people and leave them alone” मतलब अच्छे लोगों को hire करो। उन्हें काम करने के लिए अकेला छोड़ दो। वो जो लेके आएंगे। वो कोई नही ले सकता। इन्होंने अपनी कंपनी में वही किया था। उनकी कंपनी के सभी employee को 15% time अपने पसंददीदा किसी भी project पर काम करने की freedom दी जाती है।

Google के बारे में आप सभी जानते हो। गूगल अपने एम्प्लाइज को दिन का 20% अपना मनपसन्द काम करने की freedom देती है। गूगल आज कहाँ पहुँच गया है। ये किसी को बताने की जरूरत नही है। अगर आपको कभी New York में गूगल के headquarter जाने का मौका मिलता है। तब आप वहाँ देखोगें कि वहाँ दोनों ही तरीके के personality के लोगों को, उनके काम करने के environment को design किया गया है।

जिसको जिस environment में काम करना पसंद है। उनके लिए वैसा ही setup मिलेगा। इस पूरे tips का मतलब सिर्फ इतना है कि अगर आपको ख़ुद से setup नही मिलता। जैसा कि आप चाहते हो। तो कुछ भी करके, अपने लिए वैसा ही setup बनाओ। दोनों एक दूसरे की personality की इज्जत करो।

एक दूसरे को वैसा माहौल दो।, जिसमें वह कुछ amazing कर सके। क्योंकि अलग अलग तरह के लोग अलग अलग environment में अलग अलग  perform करते है। इसकी शुरुआत अपने ही कमरे से करो। जो चीजें आपको ज्यादा पसंद हो। वो सारी चीजें अपने कमरे में लगाव। Result जरूर मिलेगा। इसी प्रकार जाने : Act Like A Lady Think Like A Man Best Book Summary in Hindi। लड़कियां अपने पार्टनर में क्या देखती है।

Quiet– Solitude Fuels Creativity

एकांत creativity को बढ़ाने का ईंधन है। बुद्ध ने क्या किया। जब उन्हें उनके सवालों के जवाब नहीं मिले। तो वह घर छोड़कर, अकेले निकल पड़े। तब तक अकेले, सिर्फ खुद के साथ समय बिताया। जब तक उन्हें उनके सवालों के जवाब नहीं  मिल गए। मोहम्मद ने क्या किया। जब अपने ही लोगों की बातों से और समाज में फैली बुराई से परेशान हो गए। उन्हें कुछ सवाल काटने को दौड़ने लगे।

तो हीरा नाम की गुफा में, अपना पूरा समय बिताने लगे। कई दिनों वहां रहने के बाद, खुद से बातें करने के बाद। आखिर उन्हें भी उनके सवालों के जवाब मिल गए। बात सिर्फ मोहम्मद या बुद्ध की नहीं है। लगभग सभी धर्मों में माना जाता है। कि अपने अंदर की creativity को बाहर लाने के लिए। आपको एकांत में, जहां कुछ भी आपको disturb करने के लिए न हो। वहाँ समय व्यतीत करें।

इसीलिए ध्यान को, मेडिटेशन को इतना ज्यादा महत्त्व दिया जाता है। विशेष रूप से भारतीय संस्कृति में। आप किसी भी creative इंसान की कहानी उठाकर देख लीजिए। उसने कुछ creative तभी किया है। जब उसने सिर्फ खुद को समय दिया। सिर्फ खुद से बातें की हैं। आपने अक्सर  नोटिस भी किया होगा। सबसे अच्छे ideas  नहाते समय या टॉयलेट सीट पर बैठने के बाद ही आते हैं।

क्योंकि उस समय, हम सिर्फ खुद से बातें कर रहे हो होते हैं। बस शर्त इतनी है कि आपके साथ, आपका फोन नहीं होना चाहिए। हमारी thinking, अक्सर दूसरे लोगों से प्रभावित हो जाती है। हम अक्सर दूसरों की नकल करने की कोशिश करते हैं। खुद से कभी भी, कोई bold step नहीं ले पाते। क्योंकि हमें डर होता है। कि लोग क्या कहेंगे।

इसलिए अगर आप introverts हैं। तो सबसे पहले एक दिन से शुरू कीजिए। पूरे दिन में, कोई भी एक घंटा अपने लिए निकालिए। पास में न फोन हो। न कोई बात करने वाला। कुछ मत करो। बस बैठे रहो। धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर, हफ्ते में या 15 दिन में, एक पूरा दिन करो। एक पूरा दिन सिर्फ, अपने साथ। उस दिन फोन को छूना भी नहीं है। आपको result चौंका देगा।

ऐसे-ऐसे ideas आएंगे। जो आप को बदलकर रख देंगे। बस एक ही शर्त है। Ideas आने के बाद, उस पर काम करना शुरू कर देना होगा। इसी प्रकार जाने : Grit – The Power of Your Passion Book Summary in Hindiग्रिट का रहस्य क्या।

Quiet– Introverts Can Also Be A Great Leader

अक्सर लोग यह मानते हैं कि  introvert एक ग्रेट लीडर नहीं होते। लोगों को लगता है कि कोई ज्यादा बोलता है। या कहीं भी, किसी भी situation में खुद को को adjust कर लेता है। वही अच्छा लीडर होता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। महात्मा गांधी, फ्रैंकलिन डी रूज़वेल्ट या कुछ ऐसे लोग थे। जिन्हें ज्यादा बोलना पसंद नहीं था। जो introverts थे।

लेकिन यह करोड़ों लोगों को प्रभावित कर पाए। ऐसा इसलिए था कि लोग उनसे आसानी से जुड़ सकते थे। लोग यह जानते थे कि यह जो कुछ भी कर रहे हैं। वह पावर या पैसे के लिए नहीं कर रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्र में, अलग-अलग लीडर हो सकते हैं। जैसे सेल्स की बात की जाए। तो एक introvert कभी भी, Sales Manager नहीं बन सकता। अगर बनेगा भी तो अच्छा नहीं।

उसके लिए एक extrovert personality के बंदे की ही जरूरत पड़ेगी। लेकिन वहीं अगर किसी इनोवेटिव कंपनी में, कोई मैनेजर हो। तो वह introverts ही होगा। वही उस टीम को, सही से manage कर पाएगा। साथ ही नए नए ideas ला सकता है। चलिए इस example से समझते हैं। आज महेंद्र सिंह धोनी को कौन नहीं जानता। लेकिन वह भी introvert हैं। लेकिन क्रिकेट में, उनसे बड़ा कोई लीडर नहीं है।

Quiet नाम की इस बुक की author Susan Cain भी एक introvert ही है। इसलिए वह यह बुक लिख पाई। लेकिन जब उन्हें इस बुक की मार्केटिंग करनी थी।  तो उन्हें भी कई जगह speech देनी पड़ी। जिसने वह बिल्कुल भी comfortable नहीं थी। लेकिन उन्होंने कुछ public speaking course किए।

तब जाकर अपनी speech दी। उनकी दी गई Ted Talk speech, बिल गेट्स के मुताबिक best speech है। तो अगर आप भी introverts हैं। तो tension मत लो। आप भी महान इंसान बन सकते हो। बस अपनी field को जानो और उसमें लगे रहो। क्योंकि hardwork का कोई replacement नहीं है। आप अगर introvert हैं। तो इस बुक को एक बार जरूर पढ़िए।

आपको इसे भी जानना चाहिए :

Leave a Comment