5 Regrets of the Dying Book Summary in Hindi। मरने से पहले जीना सीख लो

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Top 5 Regrets of the Dying Book Review in hindi

जीवन में जब अंतिम वक्त आता है। उस वक्त काफी लोगों को पछतावा होता है या regrets होती है। जब इंसान पैदा होता है। फिर उसके बाद, उसका बचपन आता है। जैसे ही वह थोड़ा बड़ा व समझदार होता है। उसे स्कूल भेज दिया जाता है। वह तब कई सालों तक पढ़ाई करता है। जब उसकी पढ़ाई complete हो जाती है। फिर वह अपनी professional life को जीना शुरु करता है। 

      इसके बाद, उसकी शादी कर दी जाती है। तब वह इंसान अपनी जिम्मेदारियां निभाता है। इन जिम्मेदारियों को निभाते-निभाते कब जीवन का अंतिम वक्त आ जाता है। उसे पता ही नहीं चलता। जब उसके जीवन का अंतिम वक्त आता है। उसके ठीक पहले इंसान को, अपने जीवन में कुछ regrets होते हैं। इन्हीं बातों को  Bonnie Ware ने नोटिस किया।

       काश! एक छोटा-सा शब्द है। इसके पीछे कितना दुख, कितना दर्द, कितना regret छिपा हुआ है। कोई सोच भी नहीं सकता। इतना कि पूरी लाइफ regret रह जाता है। एक दिन आएगा कि लाइफ में जब सच में, आपके हाथ-पांव चल नही रहे होंगे। आप डेथ बेड पर लेटे होंगे। आपके दिल में, आंखों में एक regret होगा। वह regret होगा। काश का regret।

       काश! मैं अपनी मां को या अपनी फैमिली को यह बोल पाता। मैं उन्हें कितना प्यार करता हूं। काश! मैंने माफी मांग ली होती। काश! मैंने उसे उसी वक्त बोल दिया होता। काश! मैं अपने सपनों को, अपने dream को पूरा कर लिया होता। अपने पैशन passion का दिल से पीछा करता।  अपने talent पर, अपना future बनाता।

     सबसे अधिक महत्वपूर्ण, काश! मैंने उसे बोल दिया होता। मैं उसे कितना प्यार करता हूं। कितनी सारी regret है, हमारी  लाइफ में। अभी तो हमें पता भी नहीं चल रहा। क्या है। कौन है। कैसे मिला। कहां बिछड़ा। कहां हूं, कहां जाना है। क्या फ्यूचर होगा। किसी ने hurt किया, बुरा लगा। किसी को hurt किया, खुश न रहा। दोस्त दोस्त न रहा। गर्लफ्रेंड ने cheat किया। ब्रेकअप हुआ, दिल टूट गया।

      सच में, यह सारी problems है। जो आपको Bronnie Ware की book – ‘Five Regret of The Dying’ में पढ़ने को मिलेगी। आपको इस book से 5 ऐसे regrets या अफसोस बताता हूं। जो लोग तब करते हैं। जब वो अपनी मौत के काफी करीब होते हैं। या यू कहां जाये, जब वो अपनी आखिरी सांसे गिन रहे होते हैं। जो उनके दिल में, काश की तरह चुभता है। Regret की तरह चुभता है।

        Author Bronnie Ware एक नर्स थी। जो Palliative Care Unit (PCU) में काम करती थी। जहाँ patient को, तब लाया जाता था। जब वह अपनी मौत के काफी करीब होते थे। या यूं कहें कि जब वो अपने आखिरी समय पर होते थे। तब उस PCU में लाया जाता था। काम के दौरान, Bronnie Ware ने देखा कि patient को कुछ बातों का regret रह जाता है।

       वह ये सब तब करते थे। जब उनका  शरीर, उनकी आत्मा उनका साथ देने से मना कर देती थी। जब उनका शरीर ही उनको जवाब दे देता था। Patient कई बातों का अफसोस किया करते थे। ज्यादातर लोग पाँच तरीके के अफसोस किया करते थे। तो जानते हैं वह पांच regret या अफसोस क्या थे। जो ज्यादातर लोग तब करते हैं। जब वो जिंदगी के आखिरी समय पर होते हैं। आखिरी पड़ाव पर होते हैं।

Regret 1: काश! मैं अपनी जिंदगी वैसे जीता, जैसे मैं चाहता था। न कि जैसे दूसरे लोग चाहते थे, वैसे

लोग सिर्फ अपने दिल की इसलिए नहीं करते। कि लोग क्या कहेंगे। फिर अपने passion को छोड़ देते हैं। वह सिर्फ इसलिए कि उनका यह काम, उनकी family या उनके relative को पसंद नहीं है। लोग अक्सर अपने दिल की इसलिए नहीं करते। कि सोसाइटी या फैमिली मेंबर उन्हें इस बात की इजाजत नहीं देते। फिर वह अपने दिल की न सुनकर, society के लोगों को follow करने लगते हैं।

       अपनी family की बातें सुनने लगते हैं। उन्हीं की तरह डॉक्टर, इंजीनियर या वह बन जाते हैं। जो वह बनना नहीं चाहते या जो वह करना नहीं चाहते। तो जब वह dead bed पर होते हैं। तब यही सोचते हैं कि मैंने पूरी जिंदगी बस, वह काम करते हुए बिता दिया। जो मैं करना नहीं चाहता था। उस काम को बस मैं यूं ही करते हुए चले जा रहा था। अपने दिल की इच्छाओं को दबाते हुए। बस उन कामों को किए जा रहा था।

       बस मैंने अपनी family, society या relative के दबाव में आकर या उनके डर से। वो लोग क्या कहेंगे। ये सोचकर, मैंने अपने दिल की सारी इच्छाएं मारकर। बस उन्हीं को follow करता हुआ चला गया। बस मैं वही काम करता रहा। जो मैं करना नहीं चाहता था। जो दुनिया का सबसे बड़ा regret है। जब इंसान मरने वाला होता है।

      काश! मैंने दूसरों की बातें न सुनी होती। अपने passion को न छोड़ा होता। काश! मैंने अपने सपनों को पूरा कर लिया होता। काश! मैंने अपने passion का दिल से पीछा किया होता। उसका पीछा न छोड़ा होता। काश! मैंने अपना खुद का बिजनेस कर लिया होता। काश! मैंने अपने future को अपने talent पर बनाया होता। काश! काश! काश! …. 

      आप में से जो young लोग हैं। उनके लिए बहुत बड़ा सवाल है। क्या आपको भी, इन्हीं की तरह future में, regret के साथ जीना है। काश में जीना है या अभी अपने सारे सपने पूरे करके। Future में बिना किसी regret के, बिना किसी बोझ के, पूरी आजादी से जिंदगी जीना है। तो आप वह काम करो। जो आपके दिल के बहुत करीब हो। जो आप करना चाहते हो। जिसके लिए आप पैदा हुए हो। अपने talent पर, अपने सपनों पर, अपना कैरियर बनाओ। यह मत सोचो कि लोग क्या कहेंगे। लोगों का क्या है। उनका तो काम ही है। कुछ कहना। उन्हें तो दूसरों के सपनों पर हंसना है। तो यह मत सोचो कि लोग क्या कहेंगे। वह life जिओ, जो आपको पसंद है।

Regret 2: काश! मैंने इतनी ज़्यादा मेहनत न की होती

जब लोग dead bed पर होते हैं। तब वह realize करते हैं। मैं आखिर इतनी मेहनत क्यों करता रहा। मैं बस मेहनत करता चला गया। अपने बच्चों को time नहीं दे पाया। अपनी family को time नहीं दे पाया। यहां तक कि मैं अपने आप को, खुद को भी time नहीं दे पाया। मैं बस पैसों के लिए, काम करता चला गया गया। या दूसरों के लिए काम करता चला गया

   मैं अपने बॉस को या सीनियर को खुश करने के लिए, काम करता चला गया। दुनिया को दिखाने के लिए, अपनी फैमिली को पालने के लिए। मैं बस काम करता चला गया। मेहनत करता चला गया। यहां पर, मैं यह नहीं कह रहा कि आप मत करो। मेहनत मत करो। आप काम करो, मेहनत करो। बस उतना करो, जितना कि आपको  जरूरत है। खुद को और अपनी फैमिली को भी time दो।

        मैंने अक्सर अपने दोस्तों से सुना है। उनके parents के लिए, उनके पास बिल्कुल time नहीं है। बिल्कुल समय नहीं है। वो अपने जॉब में, अपनी सोशल लाइफ में, इतने busy हो गए है। कि उनके पास, उनके बच्चों के लिए, time ही नहीं है। आपको कहीं ये regret न रह जाये। मैंने अपने बच्चों का, बचपन नहीं देखा। अपने बच्चों को बड़ा होते हुए नहीं देखा। अपनी फैमली को time नहीं दे पाया। इसलिए please उतना काम करो। जितना कि आपको जरूरत है। खुद को time दो। फैमली को time दो। Relative को time दो। अपने बच्चों को time दो।

Regret 3: काश! मैं अपनी feelings उसे बता पाता

हम अपनी बहुत सारी feelings अपने दिल के अंदर ही दबाकर मार डालते हैं। उनका गला दबा देते हैं। शायद family के डर से, relative के डर से या फिर society के डर से। हम अपनी feelings को ज़ाहिर कर ही नहीं पाते। बस हम उन्हें अपने अंदर रखकर, उनका गला दबा देते हैं। उन्हें जाहिर नहीं होने देते।

     जो लोग age में थोड़े-से बड़े हैं। आपने उनसे अक्सर सुना होगा। काश! मैंने उसे, उसी वक्त बोल दिया होता। काश! मैंने उससे माफी मांग ली होती। काश! मैंने उसको बोल दिया होता कि मैं उससे कितना प्यार करता हूं। काश! मैंने वह किया होता। Feeling बताने का मतलब, यह नहीं। कि आप किसी को propose करो। आप जाकर, किसी को यूं ही बोल दो। मैं आपको प्यार या like करता हूं।

       आप अपनी मां को बता सकते हो। कि आप उन्हें कितना प्यार करते हो। आप अपने दोस्तों को बता सकते हैं। कि आप उनकी कितनी care करते हैं। आप अपने husband या wife को बता सकते हैं। कि आप उन्हें कितना प्यार करते हैं। आप उनकी कितनी care करते हैं। अपने बच्चों को बता सकते हैं। कि आप उन्हें कितना प्यार करते हो। 

       याद रखिए, जब आप किसी के बारे में, अच्छा फील करते हो। अच्छा सोचते हो। तो बस उसे बता दीजिए। अपने दिल में मत रखिए। वैसे भी बताने से, प्यार बढ़ता है। कम नहीं होता। अगर आप किसी को अपने दिल की feeling नहीं बता सकते। तो आप उन्हें लिखकर दिखा सकते हो। कि आप उनके बारे में क्या सोचते हो। बस याद रहे कि कहीं यह काश न रह जाए।

Regret 4: काश! मैं अपने दोस्तो के Contact या Touch मे होता

हम अपनी life में पैसा कमाने में, इतना busy हो जाते हैं। अपना बैरियर बनाने में, इतना busy हो जाते हैं। कि अपने दोस्तों तक को यह भूल जाते हैं। वो दोस्त जिनके  साथ, हमने कई हसीन पल गुजारे हैं। कई यादगार पल गुजारे हैं। वह दोस्त, जो हमारे सुख-दुख के साथी होते हैं। वह दोस्त जो कभी न कभी हमारी help करते हैं। वह जो हर पल या किसी लम्हें में हमारे साथ थे।

      वह दोस्त जो हमें, हमारी family से भी ज्यादा जानते हैं। वह दोस्त जिनके साथ, हमने कई हसीन पल गुजारे हैं। आप अपनी life के किसी भी मोड़ पर क्यों ना हो। भले ही आप की शादी क्यों न हो गई हो। भले ही आपके बच्चे क्यों न हो गए हो। भले ही आप की उम्र ज्यादा क्यों न हो गई हो। मगर अपने दोस्तों को कभी मत भूलना। अगर भूल भी गए हो। तो यह समझ ले कि वह आपकी ज़िंदगी का एक part होते हैं। एक हिस्सा होते हैं।

       भले ही आप, अपने दोस्तों से regular न मिलो। Regular बात मत करो। लेकिन week में कम से कम एक बार, उनसे मिल लिया करो। Phone call पर बात कर लिया करो। आपको अच्छा feel होगा। मैं आज भी अपने school friends के touch में हूं। उनमें से कुछ को ढूंढ भी रहा हूं। इसलिए आप life में कितने भी busy क्यों न हो। अपने life के किसी मोड़ पर क्यों न हो। अपने दोस्तों से कम से कम week में, एक बार मिल लिया करो।

Regret 5: काश! मैंने अपने आपको खुश रहने दिया होता

हम अक्सर अपने खुश रहने की वजह ढूंढते हैं। दूसरों पर depend होते हैं। हम अपनी खुशियों की चाबी, किसी और के हाथों में दिए होते हैं। भले ही वो हमारी family क्यों न हो। Girlfriend हो या बच्चे हो। हम अपनी खुशियों की वजह उन्हें बनाकर रखते है। न कि खुद को। यह सवाल आप अपने mind में रख लो। कोई आकर आपको खुशी नही देगा। कि यह लो भाई खुशी और happy हो जाओ। ख़ुशी हमेशा अंदर से आती है। इसका सीधा सा मतलब है। खुशी हर उस काम में है। जो आप दिल से करते हो। खुशी तो वहां मिलती है। जहां आप निस्वार्थ होकर, दिल से किसी की help या मदद करें। खुशी तो अपने सपनों को पूरा करना से मिलती है। अगर आपका कोई सपना है। तो उसे पूरा करने के लिए, जी जान लगा दो। अगर आपका कोई सपना नहीं है। तो सपना देखो। उन्हें पूरा करो। 

         आपको खुशी वहां पर मिलेगी। खुशियों के लिए, दूसरों पर depend मत रहो। खुशी अंदर से ही feel होती है। वो खुशनसीब हैं। जो खुश रहने के लिए, उसकी वजह जानते हैं। आपने देखा होगा, जो लोग खुश रहते हैं। लोग उनके पास इक्कठे होते हैं। अक्सर लोग उनसे attract होते हैं। उनके करीब आना पसंद करते हैं। उनसे अपने दिल की बातें  करते हैं।

Humble Request

   अभी तक आपने इसे पढ़कर, जो भी सीखा। वो पूरी Book का अंश मात्र है। यदि आप भी अपने जीवन मे मरने से पहले, जीना सीखना चाहते है। तो Bronnie Ware की Book- Top 5 regrets of the Dying Person जरूर पढ़ें।

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