Bageshwar Dham | बागेश्वर धाम का रहस्य | जानिए बागेश्वर धाम की सच्चाई क्या है

Bageshwar Dham। बागेश्वर धाम की महिमा। बागेश्वर धाम की सच्चाई क्या है। बागेश्वर धाम का रहस्य। बागेश्वर धाम कहां है। बागेश्वर धाम का पता। बागेश्वर धाम का मोबाइल नंबर। बागेश्वर धाम में घर बैठे अर्जी कैसे लगाएं। बागेश्वर धाम छतरपुर। बागेश्वर धाम जाने का रास्ता। बागेश्वर धाम सरकार। बागेश्वर बालाजी मंत्र। Bageshwar Dham Sarkar।  Bageshwar Maharaj।  Bageshwar Balaji।

हमारे जीवन में कभी-कभार ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं। जिसका सामना करने की क्षमता, हमारे अंदर नहीं होती है। हम सारे प्रयास करके थक जाते हैं। लेकिन उस परिस्थिति से निकल नहीं पाते हैं। ऐसे समय में केवल ईश्वर ही, हमारी मदद कर सकते हैं। इसी कारण हमें ईश्वर के साथ की आवश्यकता होती है।

      अगर ईश्वर की कृपा आप पर होती है। तो आप किसी भी परिस्थिति से आसानी से निकल सकते हैं। क्योंकि ईश्वर द्वारा भेजी गई। सकारात्मक शक्तियां आपकी मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में सहायता करती हैं। आपको सही राह दिखाती है। कई बार आपको भी महसूस हुआ होगा। जब किसी मुश्किल परिस्थिति में, आप कोई फैसला लेते हैं। आपको कामयाबी मिल जाती है।

      यही वह सकारात्मक शक्ति है। जो आप आपकी मदद करती है। लेकिन इसके उलट  जब ईश्वर हमारे कार्यों से नाराज रहते हैं। तो वह अपनी कृपा दृष्टि, हम पर नहीं रखते। फिर कितनी भी कोशिश करने के बावजूद भी, निराशा ही हाथ लगती है। क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है। जिस मनुष्य का अनिष्ट होना तय होता है। ईश्वर उसकी बुद्धि पहले ही हर लेते हैं।

       फिर न तो अच्छा सोच पता है। न ही अच्छा कर पाता है। उसे केवल बुरा ही बुरा दिखाई देता है। इसलिए हमें यह प्रयास करना चाहिए। कि ईश्वर की कृपा दृष्टि, सदा हम पर बनी रहे। आज हम जाने वाले हैं। ऐसी ही एक शक्तिपीठ के बारे में। जहां ईश्वर की कृपा, सभी भक्तों पर बरसती है।

     हनुमान जी आज कलयुग में भी विद्यमान हैं। जिसका उल्लेख, हमारे शास्त्रों में भी मिलता है। बहुत सी जगहों में, हनुमान जी के होने के प्रमाण मिलते हैं। ऐसा ही एक धाम महादेव, महाबली और सैकड़ों दिव्य शक्तियों से भरा हुआ। जिन सभी अनुभव व उनकी उपस्थिति, इस धाम के परिसर आपको अवश्य होगी। यह छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम है।

बागेश्वर धाम
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बागेश्वर धाम

एक नजर

दिव्य भूमि

बागेश्वर धाम

समर्पित मंदिर

• भगवान भोलेनाथ

• बालाजी 

• स्वयंभू हनुमान

• सन्यासी बाबा समाधि

बागेश्वर धाम का पता

ग्राम – गढ़ा  

पोस्ट -गंज

जिला – छतरपुर, 

मध्य प्रदेश

मुख्य दिवस

मंगलवार व शनिवार

बागेश्वर बालाजी मंत्र

ॐ बागेश्वराय नम:

पीठाधीश्वर

परम पूज्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

प्रसिद्धि

हर समस्या का शत-प्रतिशत समाधान

समाधान का तरीका

बालाजी के चरणों में अर्जी लगाकर

धर्मार्थ कार्य

हर वर्ष गरीब कन्याओं का निशुल्क विवाह

समिति

बागेश्वर धाम जन सेवा समिति

रजिस्ट्रेशन शुल्क

निशुल्क

बागेश्वर धाम रजिस्ट्रेशन

रजिस्ट्रेशन करें

बागेश्वर धाम

का मोबाइल नंबर

08120592371

08982862921

वेबसाइट

bageshwardham.co.in  

bageshwardham.net  

बागेश्वर धाम का पता
Bageshwar Dham Address

बागेश्वर धाम की महिमा के चलते, आज यह  भारत के प्रमुख धामों में शुमार होने लगा है। यहां आने वाले भक्तों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कुछ विशेष दिनों में, यहां भक्तों की संख्या लाखों तक पहुंच जाती है।

बागेश्वर धाम

ग्राम – गढ़ा, 

पोस्ट – गंज, 

जिला – छतरपुर

मध्य प्रदेश, पिन – 471105

Website: bageshwardham.co.in 

बागेश्वर धाम का मोबाइल नंबर – 08982862921, 08120592371

बागेश्वर धाम कहां है
Bageshwar Dham Kahan Per Hai

  बागेश्वर धाम एक दिव्य और चमत्कारिक धाम है। यहां पर दैविक शक्तियों का वास माना जाता है। जहां पर बहुत से लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उनकी हर समस्याओं का हल होता है। यह एक निशुल्क धाम है। जहां पर किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। इस धाम में आने के लिए, आपको ग्राम गढ़ा आना पड़ेगा।

        ग्राम गढ़ा झांसी-सतना हाईवे NH39 पर स्थित है। सतना से बागेश्वर धाम की दूरी 177 किलोमीटर है। सतना से सड़क मार्ग द्वारा आने पर, पहले गंज पड़ता है। यहां से 1 किलोमीटर आगे हाईवे पर ही गढ़ा टावर स्थित है। यहां से ग्राम गढ़ा की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है।

      वहीं यदि आप झांसी से आ रहे हैं। तो सड़क मार्ग द्वारा, बागेश्वर धाम की दूरी लगभग 170 किलोमीटर है। झांसी के आने पर भी गंज से 1 किलोमीटर पहले, गढ़ा टावर स्थित है। जहां से ग्राम गढ़ा की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है।

विभिन्न स्थानों से बागेश्वर धाम

सड़क मार्ग द्वारा:

खजुराहो से – 20 Km

छतरपुर से – 35 Km

पन्ना से – 52 Km

दमोह से – 158 Km

झांसी से – 170 Km

सतना से – 177 Km

सागर से – 195 Km

निकट का रेलवे स्टेशन

खजुराहो रेलवे स्टेशन – खजुराहो रेलवे स्टेशन उत्तर-मध्य रेलवे के स्टेशनों में आता है। इसका रेलवे स्टेशन का कोड KURJ है। यहां से 8 ट्रेनें चलती है। खजुराहो के लिए मुंबई, आगरा, दिल्ली, वाराणसी, ग्वालियर, कोलकाता, जबलपुर आदि प्रमुख शहरों से ट्रेन उपलब्ध है। खजुराहो रेलवे स्टेशन से cabs के द्वारा, बागेश्वर धाम पहुंचा जा सकता है। जो मात्र 20 किलोमीटर दूर है।

छतरपुर रेलवे स्टेशन – छतरपुर रेलवे स्टेशन भी उत्तर-मध्य रेलवे के स्टेशनों में आता है। इसे महाराजा छत्रसाल स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है। इसके रेलवे स्टेशन का कोड MCSC है। यह स्टेशन झांसी डिवीजन के अंतर्गत आता है। छतरपुर के लिए झांसी भोपाल इंदौर उज्जैन से ट्रेनें उपलब्ध है छतरपुर रेलवे स्टेशन से कैप्स को द्वारा बागेश्वर धाम पहुंचा जा सकता है जो मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर है।

निकट का एयरपोर्ट 

बागेश्वर धाम के सबसे पास का एयरपोर्ट खजुराहो है। जिसकी देश के प्रमुख शहरों से connectivity उपलब्ध है। खजुराहो के लिए प्रमुख flights दिल्ली, वाराणसी, मुंबई, सिलीगुड़ी व विशाखापट्टनम से उपलब्ध हैं। यहां से भी आप cabs के द्वारा बागेश्वर धाम पहुंच सकते हैं।

बागेश्वर धाम में कहां रुके

  बागेश्वर धाम की लोकप्रियता धीरे-धीरे विस्तार रूप ले रही है। लेकिन यह धाम एक छोटे से गांव में स्थित है। जहां पर बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। गढ़ा तथा गंज में छोटे-मोटे रैन-बसेरा, तो अवश्य उपलब्ध हैं। लेकिन यहां पर सुविधाओं के नाम पर, कुछ भी उपलब्ध नहीं है।

       इन रैन-बसेरों के अतिरिक्त गांव में किराए के मकान व कमरे भी मिल सकते हैं। यह भी बहुत अधिक सुविधाओं से युक्त नहीं है। खाने-पीने की व्यवस्थाओं का भी अभाव देखने को मिलता है। आप मंदिर में मिलने वाले प्रसाद को ग्रहण कर सकते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि यदि आप बागेश्वर धाम परिवार के साथ अपने साधन से पहुंचते हैं।       तो रुकने के लिए के लिए, खजुराहो या छतरपुर एक अच्छा विकल्प होगा। इन दोनों ही जगहों पर,आपको बजट लॉज होटल मिल जाएंगे। आपको इन दोनों ही जगहों पर अच्छी मार्केट मिलेगी। जहां से आप खरीदारी भी कर सकते हैं। खाने-पीने के लिए, शुद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट भी मौजूद है।

बागेश्वर धाम की महिमा

  पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और उनके अनन्य भक्त भगवान बालाजी हनुमान की कृपा का ही चमत्कार है। कि आज पूरे देश से हजारों लोग, चाहे वह आम आदमी हो। नेता हो या अभिनेता हो। राजा हो या रंक हो। सभी बागेश्वर धाम की तरफ दौड़े चले आते हैं। यहां आने वाले भक्त, अपने व अपने परिजनों की बीमारी से परेशान होते है।

    तो कोई संतान की कामना लेकर आता है। किसी को रोजी-रोजगार की चिंता लेकर आती है। किसी का जीवन अशांत है। तो कोई ऊपरी बाधाओं को लेकर, भागा चला आता है। यह धाम बालाजी महाराज का है। यह धाम स्वयंभू हनुमान जी का है। यह एक ऐसा दिव्य धाम है। जहां लोगों के काम बनते हैं।

     सच्चे मन से जो भी इस दिव्य धाम में अपनी अर्जी लगाता है। बालाजी महाराज उसकी हर कामना पूर्ण करते हैं। लगभग 300 साल पहले मानव कल्याण हेतु, सन्यासी बाबा व दादा गुरु जी महाराज ने जिसे शुरू किया था। उसी परंपरा को बागेश्वर धाम सरकार, दादा गुरु के पौत्र व उत्तराधिकारी श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी आगे बढ़ा रहे हैं। जिन पर श्री बालाजी महाराज की असीम कृपा है।

     कहा जाता है, भक्तों का कष्ट हरने भगवान खुद इस धरती पर नहीं विराजते हैं। बल्कि अपने किसी दूत को भेजते हैं। बागेश्वर धाम सरकार भगवान बालाजी के भक्त हैं जिन पर उन की असीम कृपा है।

बागेश्वर धाम का रहस्य

  बागेश्वर धाम भूत भवन महादेव गढ़ा में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यह चंदेल  कालीन शक्तिपीठ है। यह मंदिर कितना पुराना है। इसके सबूत उपलब्ध नहीं है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि बालाजी हनुमान, यहां पर स्वयंभू उत्पन्न हुए थे। उन्होंने सन्यासी बाबा को साक्षात दर्शन दिए।

       सन 1986 में ग्राम वासियों का बागेश्वर बालाजी मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। इसके बाद 1987 में ग्राम गड़ा के बाबा सेतु लाल जी महाराज उर्फ़ भगवान दास जी महाराज निर्मोही अखाड़ा चित्रकूट से दीक्षा प्राप्त की। वह पुनः यहां आए। इसके बाद उनके द्वारा सन 1990 में विशाल यज्ञ का आयोजन करवाया गया।

        जिसके बाद से बागेश्वर धाम धीरे-धीरे चर्चित हो गया। भगवान दास जी महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दादाजी थे। यह एक अच्छे विद्वान भी थे। जिन्होंने सांसारिक व गृहस्थ आश्रम को त्याग काफी पहले ही त्याग दिया था। तत्पश्चात बागेश्वर बालाजी  की सेवा में, अपने आपको समर्पित कर दिया। उन्होंने पंडित धीरेंद्र शास्त्री को रामायण और भगवत गीता का अध्ययन करना सिखाया।

बागेश्वर धाम में महादेव व महाबली बालाजी के अतिरिक्त, तीन संतों की समाधि भी हैं। ऐसा माना जाता है कि ये बागेश्वर महाराज के गुरु हैं। जिनकी शक्ति आज भी इस मंदिर के अंदर समाहित है। वास्तविकता में, बागेश्वर धाम में शिवजी का एक प्राचीन मंदिर था। वहां सन्यासी बाबा शिवजी के उपासक थे। 

      सन्यासी बाबा लगभग 320 वर्ष पहले वहां पर तपस्या करते थे। उन्होंने महादेव की घोर तपस्या की। तभी एक दिन सन्यासी बाबा को स्वप्न आया। कि वहां पर हनुमान जी का विग्रह है। आप हनुमान जी की सेवा करें। तत्पश्चात वहाँ पर बालाजी का विग्रह जमीन से स्वतः प्रगट हुआ। इसके बाद, सन्यासी बाबा को 5 बार हनुमान जी का साक्षात्कार भी हुआ।

     तब से सन्यासी बाबा ने, भगवान भोलेनाथ और हनुमान जी की विधिवत स्थापना की। फिर सन्यासी बाबा, उनके सेवा कार्य में लग गए। सन्यासी बाबा के बाद, यह कार्य दादा गुरु जी ने संभाला। ऐसी मान्यता है कि सैकड़ों साल पुरानी मूर्तियों और समाधियों की दिव्य शक्तियों की वजह से।

इस जगह पर हजारों अलौकिक शक्तियां निवास करती है। जो लोगों के मन्नत की जानकारी बाबा तक पहुंचाती है। बाबा बिना किसी के कुछ बोले व बताएं, उसके मन की सारी बातें जान जाते हैं।

बागेश्वर धाम में घर बैठे अर्जी कैसे लगाएं

   बागेश्वर बालाजी के दरबार में, जो भी व्यक्ति नहीं जा सकते है। वह अपने घर पर ही, अर्जी लगा सकते है। जिसका तरीका बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी बताते हैं। इसके लिए आपको अपने घर पर ही एक लाल रंग का कपड़ा लेना है। एक नारियल लेना है।

       उसमें अपनी मनोकामना या समस्या लिखकर बांध देनी है। तत्पश्चात 108 बार यानी एक माला, बागेश्वर बालाजी का मंत्र का जप करना है। जो ॐ बागेश्वराय नमः है। आपको लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा का त्याग करना होगा। आपको गृहस्थ रहते हुए, 4 दिनों तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा। अब इस नारियल को अपने पूजा के मंदिर में रख दें।  

      यथासंभव जब कभी भी, आप बागेश्वर धाम जाएं। तब इस नारियल को वहां बांध दे। अन्यथा इसे अपने पूजा के स्थान पर ही रखा रहने दें। आपकी अर्जी लगने के बाद, वह बालाजी के दरबार में स्वीकार हुई या नहीं। इसका ज्ञान आपको स्वत: ही हो जाएगा। आपको या आपके घर के किसी भी सदस्य के स्वप्न में 2 दिनों तक बंदर के दर्शन होंगे।   

  यदि ऐसा नहीं होता है। तो दो से तीन बार, मंगलवार को इस उपाय को करिए। साथ ही अनवरत रूप से मंत्र का जाप करें। अर्जी लगाने का अर्थ, केवल यह प्रक्रिया नहीं है। बल्कि आपको पूर्ण श्रद्धा और आस्था के साथ, बागेश्वर बालाजी व सन्यासी बाबा का स्मरण करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि अर्जी स्वीकार होते ही, बालाजी महाराज स्वयं दिव्य दरबार में आपको बुला लेंगे।

बागेश्वर धाम की सच्चाई क्या है

   बागेश्वर धाम में समस्या से लेकर समाधान तक के लिए, आपको कुछ बोलना या बताना नहीं पड़ता। बस दिव्य दरबार में, बाबा के सामने खड़ा होना होता है। फिर सारी समस्या व उसका समाधान, एक पर्चे पर आपके सामने होता है। लोगों का मानना है कि यह बाबा का चमत्कार है।

      लेकिन बाबा का कहना है कि यह चमत्कार महादेव, महाबली व सैकड़ों दिव्य शक्तियों का है। जो धाम परिसर में 24 घंटे उपस्थित रहती है। बागेश्वर धाम पहुंचने पर, सबसे पहले आपको यहां बने काउंटर में, रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। जिसमें आपका नाम, पता व मोबाइल नंबर होता है। इसके बाद महाबली हनुमान व महादेव शिव को अर्जी लगाई जाती है।

       जिसमें लाल कपड़े में नारियल बांधकर, अपनी समस्या को मन में सोच कर यहाँ बांधना होता है। यहां पर हजारों की संख्या में पोटलियां बंधी मिलेंगी। जिनमें कुछ लाल रंग की व कुछ काले रंग की होती है। सामान्य परेशानियों के लिए, लाल रंग की पोटली तथा प्रेत-बाधा से ग्रसित व्यक्ति के लिए, काले रंग की पोटली बांधनी होती है। 

      अर्जी लगाने के बाद, फरियादी 21 बार मंदिर की परिक्रमा लगाते हैं। इस दौरान मन में मुराद को लगातार दोहराया जाता है। मान्यता यह है कि इस जगह पर धाम की पूरी शक्तियां निवास करती है। इसके बाद पेशियों का सिलसिला शुरू होता है फरियादी हर मंगलवार को यहां आकर मंदिर की परिक्रमा करते हैं। जिनकी सभी मुरादें मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

       आज बागेश्वर बालाजी धाम व बागेश्वर महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर। जो भी विवाद व चर्चा हो रही है। वह सभी आस्था और विज्ञान के बीच उलझ कर रह गई हैं। कहीं-कहीं पर इसे राजनीतिक रंग  भी दिया जा रहा है। लेकिन बागेश्वर धाम में आस्था रखने वालों पर, इसका तनिक भी प्रभाव नहीं दिखाई देता। यह सभी अनुभव व आस्था के विषय हैं। जिन्हें आप धाम में जाकर अनुभव कर सकते हैं।

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