Lakshmi Ji ki Aarti | लक्ष्मी जी की आरती | Laxmi Mantra | Lakshmi Ji ke 108 Naam

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Lakshmi Ji ki Aarti

लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,तुम ही जग माता ।

सूर्य चद्रंमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

 

दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता ।

जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

 

तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता ।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,भव निधि की त्राता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

 

जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।

सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

 

तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता ।

खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

 

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता ।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

 

महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता ।

उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

 

ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

Lakshmi Ji ki Aarti

Om Jai Lakshmi Mata, Maiya Jai Lakshmi Mata ।

Tumako Nishidin Sevat, Hari Vishnu Vidhata ॥

Uma Rama Brahmani,Tum Hi Jag-Mata ।

Surya Chandrama Dhyavat,Narad Rishi Gata ॥

॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

 

Durga Roop Niranjani,Sukh Sampatti Data ।

Jo Koi Tumako Dhyavat, Riddhi-Siddhi Dhan Pata ॥

॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

 

Tum Patal-Nivasini,Tum Hi Shubhdata ।

Karma-Prabhav-Prakashini,Bhavanidhi Ki Trata ॥

॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

 

Jis Ghar Mein Tum Rahti, Sab Sadgun Aata ।

Sab Sambhav Ho Jata, Man Nahi Ghabrata ॥

॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

 

Tum Bin Yagya Na Hote, Vastra Na Koi Pata ।

Khan-Pan Ka Vaibhav, Sab Tumase Aata ॥

॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

 

Shubh-Gun Mandir Sundar, Kshirodadhi Jata ।

Ratna Chaturdash Tum Bin,Koi Nahi Pata ॥

॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

 

Mahalakshmi Ji Ki Aarti, Jo Koi Jan Gata ।

Ur Anand Samata, Paap Utar Jata ॥

॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

 

Om Jai Lakshmi Mata, Maiya Jai Lakshmi Mata ।

Tumako Nishidin Sevat, Hari Vishnu Vidhata ॥

॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी मंत्र

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥


या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता |

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्य भिधीयते।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु निद्रा-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु क्षुधा-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु छाया-रुपेण संस्थिता |

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु तृष्णा-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू जाति रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू लज्जा-रुपेण संस्थिता |

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु व्रती-रुपेणना संस्थिता |

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु स्मृती-रुपेण संस्थिता |

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु तुष्टि-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


या देवी सर्वभूतेषु भ्राँति-रूपेण संस्थिता |

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


इन्द्रियाणा मधिष्ठात्री भूतानां चाखिलेषु या |

भूतेषु सततं तस्यै व्याप्तिदेव्यै नमो नमः ||


चितिरूपेण या कृत्स्नमेतद्व्याप्य स्थिता जगत् ।

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नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥

लक्ष्मी मंत्र
Laxmi Mantra

महालक्ष्मी मंत्र

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। 

मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ


 सर्व मनोकामना पूर्ति लक्ष्मी मंत्र

श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।


श्री लक्ष्मी महामंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद

प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥


मां लक्ष्मी बीज मंत्र

ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद 

प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः:।।


सफलता के लिए मंत्र

ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:


कर्ज मुक्ति के लिए मंत्र

ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये,

 धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:


कामना पूर्ती के लिए मंत्र

श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।

लक्ष्मी जी के 12 नाम

लक्ष्मी द्वादशनाम स्तोत्रम्

ईश्वरीकमला लक्ष्मीश्चलाभूतिर्हरिप्रिया। 

पद्मा पद्मालया सम्पद् रमा श्री:पद्मधारिणी

द्वादशैतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्य य: पठेत्। 

स्थिरा लक्ष्मीर्भवेत्तस्य पुत्रदारादिभिस्सह

 

    इस स्तोत्र में देवी लक्ष्मी के 12 नाम बताए गए हैं। जो भी व्यक्ति इन 12 नामों गजब करता है उसके सभी दुख दरिद्र बाधाएं दूर होती हैं लक्ष्मी जी के 12 नाम इस प्रकार हैं-

 

  • ईश्वरी

  • कमला

  • लक्ष्मी

  • चला

  • भूति

  • हरिप्रिया

  • पद्मा

  • पद्मालया

  • संपद्

  • रमा 

  • श्री

  • पद्मधारिणी।

लक्ष्मी जी के 108 नाम
Lakshmi Ji Ke 108 Naam

 

Lakshmi Ji Ke 108 Naam

ऊँ श्री अव्ययायै नम:

ऊँ श्री अच्युतायै नम:

ऊँ श्री अमृतावहायै नम:

ऊँ श्री अपर्णायै नम:

ऊँ श्री अंशुभालिन्यै नम:

ऊँ श्री अरुणावत्यै नम:

ऊँ श्री आदित्यवर्णायै नम:

ऊँ श्री अनुमत्यै नम:

ऊँ श्री कलंकरहितायै नम:

ऊँ श्री कष्टगम्यायै नम:

ऊँ श्री गरुडासनायै नम:

ऊँ श्री कलावत्यै नम:

ऊँ श्री जगतप्रियायै नम:

ऊँ श्री कामधेन्यै नम:

ऊँ श्री घोरदुर्गति नाशिन्यै नम:

ऊँ श्री गम्भीरायै नम:

ऊँ श्री दैत्य दानव मर्दिन्यै नम:

ऊँ श्री धन्येशवर्यै नम:

ऊँ श्री जगतप्रियायै नम:

ऊँ श्री खगवाहनायै नम:

ऊँ श्री दारिद्रदु:ख शमन्यै नम:

ऊँ श्री त्रिगुणायै नम:

ऊँ श्री त्रीलोक्य सुन्दर्ये नम:

ऊँ श्री दयामत्ये नम:

ऊँ श्री त्रेलोक्य होहियै नम:

ऊँ श्री धनदायै नम:

ऊँ श्री धर्मकामार्थमोक्षदायै नम:

ऊँ श्री पावनायै नम:

ऊँ श्री धनलक्ष्मीनायै नम:


 ऊँ श्री प्राणदायै नम:

ऊँ श्री परमानन्दरुपिण्यै नम:

ऊँ श्री पद्मायै नम:

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ऊँ श्री पदममाला विभूषितायै नम:

ऊँ श्री प्रकृत्यै नम:

ऊँ श्री ब्रह्माण्डवासिन्यै नम:

ऊँ श्री पावन्यै नम:

ऊँ श्री भक्त वत्सलायै नम:

ऊँ श्री प्रत्यक्ष लक्ष्म्यै नम:

 

ऊँ श्री भयनाशनायै नम:

ऊँ श्री निरामयायै नम:

ऊँ श्री नित्यशुद्धायै नम:

ऊँ श्री नीरजायै नम:

ऊँ श्री ब्रह्मवान्दितायै नम:

ऊँ श्री नित्यपुष्टायै नम:

ऊँ श्री धनुर्लक्ष्मैये नम:

ऊँ श्री पुष्टिकर्यै नम:

ऊँ श्री महाविभव भूषणायै नम:

ऊँ श्री मातृकायै नम:

ऊँ श्री माधवप्रियायै नम:

ऊँ श्री वीरेश्वरायै नम:

ऊँ श्री ब्र्ह्मसहितायै नम:

ऊँ श्री मधुमत्यै नम:

ऊँ श्री मूल प्रकृत्यै नम:

ऊँ श्री भानुमत्यै नम:

ऊँ श्री सर्वास्त्र सुधारिणै नम:

ऊँ श्री सुरसुन्दयै नम:

ऊँ श्री हिमशैलेन्द्र संकायै नम:

ऊँ श्री चारूहासिने नम:

ऊँ श्री गजेन्द्र वाहनायै नम:

ऊँ श्री संर्वांगयोन्यै नम:

ऊँ श्री विष्णुवक्ष:स्थल गतायै नम:

ऊँ श्री सम्प्रधानेर्श्वे नम:

ऊँ श्री वास्तुदेवतायै नम:

ऊँ श्री मणिभूषायै नम:

ऊँ श्री रसनाप्राण दायित्ये नम:

ऊँ श्री तेजो लक्ष्म्यै नम:

ऊँ श्री स्वार्थ साधनकर्ये नम:

ऊँ श्री सुखोदयायै नम:

ऊँ श्री संपूर्ण मण्डलायै नम:

ऊँ श्री सौम्य रुपायै नम:

ऊँ श्री शंख भ्रदासन स्थितायै नम:

ऊँ श्री सिद्ध सेवितायै नम:

ऊँ श्री सर्वमंगल मांगल्यै नम:

ऊँ श्री हिरण्यगर्भायै नम:

ऊँ श्री सत्य संकलपायै नम:

ऊँ श्री शुभाकारायै नम:

ऊँ श्री सुरेन्द्र नीमतायै नम:

ऊँ श्री सुदुर्लभायै नम:

 

ऊँ श्री शुक्लांबरा नम:

ऊँ श्री सौम्यायै नम:

ऊँ श्री व्योम मध्यस्थायै नम:

ऊँ श्री सर्वतो भद्रायै नम:

ऊँ श्री शुभमंगलायै नम:

ऊँ श्री वसुमत्यै नम:

ऊँ श्री वागीष्वर्ये नम:

ऊँ श्री विजयायै नम:

ऊँ श्री व्योमवारिण्यै नम:

ऊँ श्री विश्वरूपायै नम:

ऊँ श्री विष्णु बल्लभायै नम:

ऊँ श्री विंध्यवासिन्यै नम:

ऊँ श्री सुवर्ण कमलासनायै नम:

ऊँ श्री सर्वमंगलायै नम:

ऊँ श्री सुखसौभाग्य सिद्धिदायै नम:

ऊँ श्री सर्वकामप्रदायै नम:

ऊँ श्री सर्वाभिलाष पूर्णेच्छायै नम:

ऊँ श्री शुद्धायै नम:

ऊँ श्री स्वरुपायै नम:

ऊँ श्री सर्वव्यापिने नम:

ऊँ श्री स्वर्गायै नम:

ऊँ श्री सनातनयै नम:

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ऊँ श्री सुप्रतिष्ठायै नम:

ऊँ श्री शाश्वत्यै नम:

ऊँ श्री सर्वभूत महेश्वरये नम:

ऊँ श्री सुरासुर वर प्रदायै नम:

ऊँ श्री यशस्कर्ये नम:

ऊँ श्री स्मपूर्णा नम:

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