Vikas Divyakirti Biography in Hindi | दृष्टि आईएएस- IAS बनाने की मशीन

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Vikas Divyakirti Biography in Hindi
दृष्टि आईएएस के संस्थापक

    शिक्षक को व्यक्ति निर्माता, समाज निर्माता व राष्ट्र निर्माता आदि उपाधियों से अलंकृत किया जाता है। शिक्षा वह पहली सीढ़ी होती है। जो राष्ट्र के भविष्य की दिशा और दशा को तय करती है। एक ऐसे व्यक्ति, जिन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को, अपने प्रथम प्रयास में ही उत्तीर्ण किया। फिर अपना त्यागपत्र देकर, शिक्षण कार्य को चुना। 

       उन्होंने हिंदी साहित्य विषय से तमाम आईएएस व आईपीएस अफसर पैदा किए। उनके अध्यापन के अंदाज की, दुनिया दीवानी है। इनके बारे में हर उस युवा को जाना चाहिए। जो सीखना चाहता है। लड़ना चाहता है और तमाम सामाजिक बंधनों को तोड़कर, खुद को खुद की तरह साबित करना चाहता है। इनके जीवन में एक ठहराव है। चीजों को समझने और उन्हें अभिव्यक्त करने का सलीका है।

        इस तरह का हुनर हासिल करना। कोई एक दिन का काम नहीं बल्कि बरसो तपने और खपने का फल है। यह जीवन है, एक ऐसे शख्स का। जो आज के दौर के सर्वाधिक लोकप्रिय और विद्यार्थियों में सबसे सम्मानित शिक्षक श्री विकास दिव्यकीर्ति जी है। इसकी शुरुआत कहां से करें। कहां ले जाकर, उसे एक खूबसूरत मोड़ दें। यह समझना मुश्किल है। 

     यह वक्त तो इनके शिखर पर चढ़ते जाने का वक्त है। आज वह उस मुकाम पर हैं। जो सुनहरे भविष्य का दरवाजा है। इनकी यात्रा का हर एक मोड़ प्रेरणा है। आत्मविश्वास की खदान है। संकल्पों का कुंभ है। जहां से हम अपने हिस्से के मोती चुन सकते हैं।

Dr Vikas Divyakirti

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Vikas Divyakirti – An Introduction

Vikas Divyakirti

Founder of Drishti IAS

पूरा नाम

(Full Name)

डॉ विकास दिव्यकीर्ति

प्रसिद्ध नाम

(Famous Name)

विकास सर

जन्म-तिथि

(Birth Date)

26 दिसंबर 1973

जन्म-स्थान

(Birth Place)

हरियाणा भारत

स्कूल

(School)

सरस्वती शिशु मंदिर, भिवानी, हरियाणा

कॉलेज

(Collage)

जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

शैक्षिक योग्यता

(Educational Qualification)

• बीए (इतिहास)

• एमए (हिंदी साहित्य व समाजशास्त्र)

• एम.फिल

• एलएलबी

• पीएच.डी

• अंग्रेजी से हिंदी अनुवादक में डिग्री

प्रसिद्धि

(Famous For)

• दृष्टि आईएएस संस्थान के फाउंडर ग्रुप के रूप में

• यूट्यूब पर शिक्षाविद के रूप में

पारिवारिक पृष्ठभूमि

(Family Background)

• पिता – हिंदी प्रवक्ता महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक

• माता – हिंदी प्रवक्ता भिवानी

• बड़े भाई – सॉफ्टवेयर इंजीनियर (यूएसए)

• बड़े भाई – सिविल सर्वेंट (डीआईजी- सीबीआई)

पत्नी

(Wife)

तरुणा वर्मा

(दृष्टि द विज़न में एमडी)

बच्चे

(Children)

सात्विक दिव्यकीर्ति

व्यवसाय

(Occupation)

• आईएएस प्रशिक्षक

• लेक्चरर

• लेखक

भाषा ज्ञान

(Known Language)

हिंदी व अंग्रेजी

संस्थापक

(Founder)

दृष्टि – द विज़न

आईएएस कोचिंग संस्थान

संस्थान का पता

(Academy Address)

दृष्टि – द विज़न, आईएएस

1st 641, सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट, मुखर्जी नगर,

नई दिल्ली

संस्थान की वेबसाइट

(Website)

www.drishtiias.com

शौक

(Hobbies)

• किताबे पढ़ना

• लिखना

• ड्राइविंग

इनकम

(Income)

80 से 85 लाख प्रति वर्ष

नेट वर्थ

(Net Worth)

9 करोड़ लगभग

विकास दिव्यकीर्ति का प्रारंभिक जीवन
Vikas Divyakirti – Early Life

 विकास दिव्यकीर्ति का जन्म 26 दिसंबर 1973 में हरियाणा में हुआ। इनका पालन-पोषण भी हरियाणा की मिट्टी में ही हुआ। इनका परिवार एक शिक्षित परिवार  था। इनके पिता हरियाणा राज्य के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में हिंदी के  प्रोफेसर थे। इनकी माता जी भी भिवानी में एक संघ परिवार से जुड़े सरस्वती शिशु मंदिर कॉलेज मे लेक्चरर थी।

      इसी स्कूल से विकास सर की 12th तक की शिक्षा पूरी हुई। विकास बचपन से ही एक एवरेज स्टूडेंट होने के साथ ही, थोड़ा शरारती किस्म के थे। उनके इसी स्वभाव के कारण, उनके पिताजी विकास को पॉलिटिक्स में भेजना चाहते थे। यही कारण था कि वह अपने स्कूल टाइम से ही राजनीति में अधिक सक्रिय रहे। उनके माता-पिता दोनों ही, हिंदी साहित्य के प्रोफेसर थे। 

       शायद यही से, उन्हें यह प्रेरणा मिली होगी। कि वह भी हिंदी साहित्य में बहुत अच्छे हैं। विकास सर को हिंदी में महारत हासिल है। विकास के परिवार में उनके माता-पिता के अतिरिक्त, दो बड़े भाई भी हैं। जिनमें सबसे बड़े भाई, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में यूएसए में कार्यरत है। जबकि उनसे छोटे भाई, एक सिविल सर्वेंट हैं। जो CBI में, DIG के पद पर नियुक्त हैं।

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विकास दिव्यकीर्ति का छात्र जीवन
Vikas Divyakirti – Student Life

  विकास ने अपना इंटरमीडिएट पूरा करने के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में दाखिला लिया। यहां दाखिला लेने की मंशा, उनके राजनीतिक सफर को आगे बढ़ाना था। यही कारण था कि वह कॉलेज की राजनीति में भी सक्रिय रहते थे। जब वह स्नातक प्रथम वर्ष में ही थे। तभी ‘मंडल कमीशन’ के आने के कारण, पूरे देश का छात्र आरक्षण विरोधी आंदोलन में शामिल हो गया।

       इस आंदोलन में विकास जी की भूमिका भी काफी सक्रिय रही। इन्हीं सबके बीच, उन्हें पुलिस की लाठियों का भी सामना करना पड़ा। इन सभी कारणों से, वह स्नातक के आखिरी सत्र के आते-आते, काफी पॉपुलर हो गए थे। इससे पहले कि वह कॉलेज के प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ते।  कुछ क्रिमिनल एक्टिविटी के कारण, उनके कुछ साथियों ने चुनाव में भागीदारी से मना किया।

        तब उन्होंने इससे अपने आप को दूर रखा। उनका यह फैसला, उनके जीवन को नई दिशा देने में भी कारगर रहा। इस चुनाव के दौरान, उनके कुछ साथियों पर जानलेवा हमला भी हुआ। जिसमें कुछ साथियों की जान भी चली गई। इन सब घटनाओं के बाद, उन्हें एहसास हुआ। कि उनके लिए राजनीति का रास्ता, इतना आसान नहीं होगा।

विकास दिव्यकीर्ति का जीविकोपार्जन के लिए संघर्ष
Vikas Divyakirti – Struggle to Earn a Living

   इसी बीच किन्ही कारणों से, उनके घर की आर्थिक स्थिति, काफी दयनीय हो गई। जिसके कारण, उन्हें सेल्समैन तक का काम करना पड़ा। वह घर घर जाकर, कैलकुलेटर बेचा करते थे। इसके बाद, उन्होंने एक प्रिंटिंग कंपनी में भी काम किया। कुछ समय तक, इस कंपनी में काम करने के बाद। उन्होंने अपने बड़े भाई के साथ, अपनी खुद की एक प्रिंटिंग कंपनी की स्थापना की।

        जिसमें वह विजिटिंग कार्ड और लेटर हेड की प्रिंटिंग किया करते थे। जिसमें उनकी अच्छी खासी इनकम भी हो जाती थी। लेकिन विकास जी ने, कुछ अलग करने के बारे में सोचा। उन्होंने अपना हिस्ट्री विषय के साथ स्नातक पूरा किया। इसके बाद, उन्होंने हिंदी विषय के साथ परास्नातक की डिग्री हासिल की। जिसमें वह पूरे विश्वविद्यालय में, दूसरे टॉपर भी रहे।

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विकास दिव्यकीर्ति का यूपीएससी में प्रयास
Vikas Divyakirti – Attempt in UPSC

   विकास जी की मुलाकात परास्नातक करने के बाद। हॉस्टल में यूपीएससी की तैयारी कर रहे, कुछ छात्रों से हुई। तब उन्होंने भी यूपीएससी की तैयारी करने के बारे में मन बनाया। विकास जी ने 1996 में, लगभग 22 वर्ष की उम्र में, अपना यूपीएससी का पहला attempt दिया। इसी समय उनकी लव स्टोरी की शुरुआत, डॉ तरुणा वर्मा से हुई। 

      इसी दौरान विकास जी ने यूपीएससी की प्रथम सीढ़ी preliminary पार कर ली। Mains के लिए, उनमें आपने जबरदस्त आत्मविश्वास था। जिसके चलते, उन्होंने अपना mains पार कर लिया। इसके बाद उन्होंने इंटरव्यू में भी सफलता प्राप्त की लेकिन रिजल्ट आने से पहले ही दोनों ने शादी कर ली। 

       इस तरह उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही 384 रैंक के साथ, यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। उनकी रैंक अच्छी न होने के कारण, उन्होंने दूसरी बार यूपीएससी में प्रयास किया। लेकिन मेंस clear नहीं हो पाया। इसी तरह, फिर उन्होंने तीसरा प्रयास भी किया। लेकिन दुर्भाग्यवश इसमें भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

विकास दिव्यकीर्ति

 यूपीएससी सफर

यूपीएससी में प्रयास

1 बार

ऑल इंडिया रैंक

384 (1997)

यूपीएससी उत्तीर्ण करने पर आयु

22 वर्ष

वैकल्पिक विषय

सोशियोलॉजी

शिक्षा का माध्यम

हिंदी

यूपीएससी बैच

1997

पहली सर्विस

राज्य भाषा विभाग, दिल्ली

नियुक्ति की जगह

गृह मंत्रालय दिल्ली

वर्तमान पद

नौकरी से इस्तीफा (1999)

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विकास दिव्यकीर्ति की गृह मंत्रालय में नौकरी
Vikas Divyakirti – Job in the Ministry of Home Affairs

    विकास दिव्यकीर्ति को अपने पहले प्रयास में, सफल होने की वजह से, गृह मंत्रालय  में नौकरी के लिए जाना था। लेकिन उन्होंने इसमें जाने से साफ मना कर दिया। बाद में, दोस्तों और घरवालों के समझाने पर, उन्होंने गृह मंत्रालय की नौकरी join तो कर ली। लेकिन इस शर्त पर की। कि वह कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद, resign कर देंगे।

      फिर हुआ भी यही, उनका इस नौकरी में मन नहीं लगा। वह दिनभर कुर्सी पर बैठकर, कागजी काम करते-करते तंग आ गए थे। इसी बीच उन्हें पता लगा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कॉलेज में, हिंदी के प्राध्यापक की vacancy आई है। उन्हें पहले से ही शिक्षण में रुचि व अनुभव था। इसलिए उन्हें लगा कि इससे बेहतर मौका, उन्हें फिर कभी नहीं मिलेगा।

       तब वह अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर, प्राध्यापक का साक्षात्कार देने के लिए, विश्व विद्यालय पहुंच गए। लेकिन वहां उनसे दिए गए, resignation का relieving letter मांगा गया। इसके लिए जब उन्होंने गवर्नमेंट से संपर्क किया। तब सरकार से, उन्हें relieving मिलने में लगभग डेढ़ वर्ष का समय लग गया। इसी दौरान बेरोजगारी के परिणाम ने, उनको एक नए मुकाम पर जाने का अवसर दिया।

दृष्टि आईएएस एकाडमी की स्थापना
Establishment of Drishti IAS Academy

   विकास दिव्यकीर्ति ने गृह मंत्रालय की नौकरी छोड़ने के बाद, दृष्टि आईएएस एकेडमी की 1999 में स्थापना की। इस बीच उन्होंने अपने कुछ साथियों और परिवार वालों से, कुछ पैसे उधार लिए थे। जिससे वे किराये पर, दृष्टि के classroom की शुरुआत कर चुके थे। कुछ सालों तक, अपनी लगन और मेहनत से, वे इसे सफल बनाने में लगे रहे।

      इस बीच उन्होंने कई डिग्रियां अपने नाम की। जिनमें एम.फिल, एलएलबी, पीएच.डी व अंग्रेजी से हिंदी अनुवादक की  परास्नातक डिग्री हासिल की। एक बार फिर जब 2003 में, उन्हें यूपीएससी में प्रयास का आखरी मौका मिला। तो उन्होंने अपने आईएएस व आईपीएस बन चुके मित्रों से पूछा। कि मैं अपने शिक्षण कार्य में सफल हूं। 

      अगर सच में, यूपीएससी की नौकरी में  दम हो। तो मुझे प्रयास करना चाहिए। तब दोस्तों के कहने पर, उन्होंने फिर से 2003 के, अपने आखिरी प्रयास में आईएएस के लिए कोशिश की। जिसमें उन्होंने interview तक अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन final selection नहीं हो पाया।

      इस प्रयास के खत्म होते ही, उन्हें यह एहसास हुआ। कि वह आईएएस बनने के लिए नहीं, बल्कि आईएएस बनाने के लिए बने हैं। इसके बाद, उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपना पूरा ध्यान बच्चों को पढ़ाने और दृष्टि कोचिंग को सँवारने में लगा दिया।

      यहां से पढ़कर बहुत सारे छात्रों ने, अपना आईएएस और आईपीएस बनने का सपना पूरा किया। उनमें से कुछ ने यूपीएससी में टॉप कर, दृष्टि आईएएस का नाम ऊंचा किया। इसी बीच उनकी एकेडमी का नाम, सुर्खियों में तब आया। जब उनकी ही, एक छात्रा किरण कौशल ने, 2008 में हिंदी माध्यम से, पूरे भारत में 3rd rank हासिल कर सबको चौका दिया। क्योंकि हिंदी माध्यम से इस rank तक पहुंचना काफी बड़ी बात थी।

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दृष्टि आईएएस का स्वर्णिम युग
Golden Age of Drishti IAS

  साल 2017 में दृष्टि आईएएस के यूट्यूब चैनल लांच होते ही। उनकी प्रसिद्धि आसमान छूने लगी। उनके यूट्यूब के माध्यम से ही, पूरे देशवासियों ने उनके पढ़ाने के तरीके को जाना। बहुत से लोगों ने पहली बार दृष्टि के आईएएस इंटरव्यू को देखकर जाना। कि इंटरव्यू का स्तर क्या होता है।

      आज हर साल हजारों बच्चे, इनके offline classes में शामिल होते हैं। वही न जाने कितने बच्चे हैं। जो इनके कोर्स को खरीदकर व offline classes में शामिल होकर। अपने सपने को पूरा करते हैं। वर्ष 2014 में CSAT को लेकर, छात्रों में देशव्यापी आंदोलन को भी दिव्यकीर्ति विकास जी ने पूरा समर्थन दिया।

      बहुत बार विकास जी को टीवी चैनलों पर, छात्र हित में डिबेट करते हुए देखा गया। दिल्ली का टॉप टैक्स देने वाले इंस्टीट्यूट की श्रेणी में, दृष्टि आईएएस 5वां  स्थान रखती है। आज दृष्टि 600 से अधिक परिवारों का खर्चा चलाती है। आज इसके दो यूट्यूब चैनल है। जिन पर subscribers की संख्या मिलियन में है।

      इन यूट्यूब चैनल पर विकास सर और उनकी टीम, फ्री में छात्रों के लिए वीडियो लेक्चर देती है। विकास सर समाज के लिए बढ़-चढ़कर, कुछ न कुछ किया करते हैं। इसी क्रम में कोरोना महामारी के दौरान, उन्होंने 51 लाख रुपए दान किए। आज यूपीएससी में हिंदी से सफल होने वाले छात्रों में, अधिकतर दृष्टि के छात्र होते हैं।

विकास दिव्यकीर्ति की लाइफस्टाइल, इनकम व नेट वर्थ
Vikas Divyakirti Net Worth

विकास दिव्यकीर्ति की इनकम का मुख्य स्रोत, उनका शिक्षण कार्य ही है। वह दृष्टि आईएएस अकैडमी से वेतन के रूप में ₹3 से ₹4 लाख लेते हैं। विकास जी की कुल नेट वर्थ लगभग 9 करोड़ों रुपए है।

     विकास जी का एक घर हरियाणा में है। वही दूसरा घर दिल्ली में भी है। जहां वह अपने परिवार के साथ रहते हैं। इनके पास हुंडई  की एक कार है।

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FAQ:

प्र० विकास दिव्यकीर्ति कौन हैं?

उ० विकास दिव्यकीर्ति जी पूर्व आईएएस अधिकारी हैं वर्तमान में दृष्टि आईएएस कोचिंग के संस्थापक व शिक्षक हैं।

प्र० विकास दिव्यकीर्ति ने क्यों छोड़ा IAS?

उ०  विकास दिव्यकीर्ति ने अपने पहले प्रयास में ही सिविल सेवा की परीक्षा पास की थी। लेकिन मनपसंद नियुक्ति न मिलने के कारण, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

प्र० विकास दिव्यकीर्ति की आईएएस में रैंक कितनी थी?

उ० विकास दिव्यकीर्ति की यूपीएससी में 384 रैंक थी।

प्र० विकास दिव्यकीर्ति के कितने बच्चे हैं?

उ० विकास दिव्यकीर्ति जी का केवल एक बेटा है जिसका नाम सात्विक दिव्यकीर्ति है।

प्र० डॉ विकास दिव्यकीर्ति की पत्नी का नाम क्या है?

उ० डॉ विकास दिव्यकीर्ति की पत्नी तरुणा वर्मा है। जो दृष्टि आईएएस की मैनेजिंग डायरेक्टर है।

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