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Neeraj Chopra Net Worth – Neeraj Chopra New Record
Neeraj Chopra Biography In Hindi
द्वन्द कहाँ तक पाला जाए, युद्व कहाँ तक टाला जाए, तू भी है राणा का वंशज, फेंक जहां तक भाला जाए। दोनों तरफ लिखा हो भारत, सिक्का वही उछाला जाए। तो वह सिक्का टोक्यो ओलंपिक में, उछाल दिया गया। जब वह सिक्का गिरा। तो भारत का सर गर्व से ऊंचा हो गया।
भारत की झोली में track and field के single event में medal आया। जो कि ओलंपिक के इतिहास में 121 सालों के लंबे इंतजार बाद आया। यह medal भी ऐसा था। जिसने भारत का नाम विश्व पटल पर स्वर्णिम अक्षरों में लिख दिया। जी बिल्कुल यह Gold Medal ही हैं।
जिस देश में क्रिकेट का खुमार लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। जहां गली-गली में गेंद और बल्ले की दीवानगी देखने को मिलती है। वहीं कुछ ऐसे होनहार भी हैं। जिन्होंने अलग तरीके के खेल में, इतिहास रच दिया। Commonwealth Games में देश को सोना दिलाने वाले खिलाड़ी और उनका संघर्ष। हर इंसान में लड़ने का एक जज्बा पैदा कर देगा। जो कुछ कर दिखाने का सपना देख रहा है। ऐसा ही एक बेमिसाल व्यक्तित्व है – नीरज चोपड़ा।
जीत की खातिर जुनून चाहिए। जिसमे उबाल हो, वह खून चाहिए। आसमान भी आएगा, जमीन पर। बस इरादों में जीत की गूंज चाहिए। यह भारत के एक ऐसे खिलाड़ी हैं। जिन्होंने अपनी मेहनत और हौसले के दम पर इतिहास रचा है। उन्होंने अपना ही नहीं, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया। जिनका अंदाज कुछ ऐसा है। अगर देखना है मेरी उड़ान को, थोड़ा और ऊंचा कर दो, इस आसमान को। ये भारत के जैवलिन चैंपियन हैं- नीरज चोपड़ा। इसी प्रकार जाने : PV Sindhu Motivational Biography। कैसे रचा Tokyo Olympics मे इतिहास।
Neeraj Chopra – An Introduction
नीरज चोपड़ा – जेवलिन थ्रो चैंपियन एक परिचय | |
नाम | नीरज चोपड़ा |
उपनाम | • नीरू • गोल्डन बॉय |
जन्म | 24 दिसंबर 1997 |
जन्म स्थान | गांव खंडरा, पानीपत, हरियाणा |
पिता | सतीश कुमार (किसान) |
माता | सरोज देवी |
भाई बहन | 5 |
शैक्षिक योग्यता | स्नातक – डी० ए० वी० कालेज, चंडीगढ़ |
सेवा | सूबेदार राजपूताना राइफल्स, भारतीय सेना |
सेवा अवधि | 2016 से अब तक |
व्यवसाय/ प्रसिद्ध | भारतीय एथलीट |
खेल | Track and field |
प्रतिस्पर्धा | Javelin throw ( भाला फेंक) |
Coach | • गैरी कैल्वर्ट • वेर्नेर डेनियल्स • Klaus Bartonietz |
शारीरिक मापदंड | लंबाई : 178 सेंटीमीटर वजन : 66 किलोग्राम आंखों का रंग : काला बालों का रंग : काला |
उपलब्धि | 2012 – नेशनल जूनियर चैंपियनशिप अंडर-16 (स्वर्ण) 2013 – नेशनल यूथ चैंपियनशिप – 20 (रजत) 2015 – इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप – 81.04 m 2016 – जूनियर विश्व चैंपियनशिप – 86.48 m (स्वर्ण) 2016 – दक्षिण एशियाई खेल – 82.23 m (स्वर्ण) 2017 – एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप – 85.23 m (स्वर्ण) 2018 – कॉमन वेल्थ गेम्स – 88.47 m (स्वर्ण) 2018 – एशियन गेम्स, जकार्ता – 88.06 m (स्वर्ण) 2021 – टोक्यो ओलंपिक – 87.58 m (स्वर्ण) |
सम्मान | अर्जुन पुरस्कार |
Net worth | $3 Million (as on July 2021) |
नीरज चोपड़ा का बचपन व शिक्षा
Neeraj Chopra- Early Life and Education
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को गांव खंडरा, पानीपत में हुआ। जहां भारत में क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी जैसे खेलों का बोलबाला रहता है। वही नीरज ने ट्रैक एंड फील्ड को एक अलग पहचान दी। नीरज अपने गांव के वरिष्ठ Javelin throw को देखकर बहुत प्रेरित हुए थे। उनके पिता का नाम सतीश कुमार है। जो पेशे से एक किसान हैं। इनकी मां सरोज देवी, जो एक housewife है।
नीरज के परिवार के लाड-प्यार की वजह से, उनका वजन काफी बढ़ गया। जब वह 11 साल के थे। तभी उनका वजन लगभग 80 किलो हो गया था। ऐसे में, जब वह कुर्ता पहन कर बाहर निकलते। तब गांव के बच्चे, उन्हें सरपंच साहब कहकर पुकारते थे। लेकिन उन पर किए जाने वाले comment से वह कभी विचलित नहीं होते थे। वह बस अपना ध्यान पढ़ाई और खेल में ही देते थे।
नीरज हरियाणा की मिट्टी में पले-बड़े थे। वह दूध और घी के शौकीन थे। जब उनका वजन बेकाबू होने लगा। तब उनके घरवाले को भी चिंता होने लगी। नीरज के चाचा उन्हें running कराने ले जाने लगे। ताकि उनका वजन कंट्रोल हो सके। उनके चाचा पानीपत के स्टेडियम में उन्हें ले जाते थे। वहां कुछ खिलाड़ी भाला फेंकने की practice किया करते थे। तब नीरज को भी इस खेल में रुचि आने लगी। इस पानीपत के स्टेडियम नहीं ने ही नीरज चोपड़ा को एक नई दिशा दी।
नीरज ने अपनी स्कूली पढ़ाई, पानीपत से की है। स्कूली पढ़ाई करने के बाद नीरज ने अपनी graduation पूरी की। नीरज ने बीए की डिग्री डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ से पूरी की। जोकि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है। इसी प्रकार जाने : 6 Gold Medal – World Champion Mary Kom Biography। इतिहास रचने का जज्बा।
नीरज ने कैसे Javelin को Career बनाया
नीरज जब regular पानीपत स्टेडियम जाने लगे। तब उन्होंने देखा कि बहुत सारे athletes अलग-अलग games खेल रहे हैं। पहले तो वह इस बात को लेकर, काफी confuse थे। आखिर वह किस game को चुने। आखिर में, उनकी रुचि Javelin तरफ हुई। जैसे-जैसे उनकी रूचि Javelin throw वाले गेम में बढ़ती गई। उन्होंने इसे अपना career बना लिया।
Javelin throw में के sports में, जो भी नए-नए athletes आते हैं। वह शुरुआती दौर में, लगभग 20 मीटर Javelin throw कर पाते हैं। लेकिन नीरज चोपड़ा के मामले में कुछ और ही था। उनकी शुरुआत ही 25 मीटर से भी अधिक Javelin throw करने से हुई थी।
Fitness coach भी इस बात को मानते हैं कि athletes के जीवन में एक टाइम ऐसा आता है। जब उसकी performance करीब 1 से 2 साल के लिए बिल्कुल रुक जाती है। लेकिन नीरज चोपड़ा के case में ऐसा बिल्कुल नहीं था। उनके case में performance, day by day बढ़ती ही जा रही थी। जैसे-जैसे वे अपनी ट्रेनिंग का दायरा बढ़ाते। उनकी performance और भी आगे बढ़ती जाती।
What is Javelin Throw ?
Javelin throw एक field event है। जिसमें athlete एक 4 मीटर चौड़े रनवे पर दौड़ते हुए। एक लंबे Javelin (भाले) को limit किए गए क्षेत्र में, ज्यादा से ज्यादा दूर फेंकने की कोशिश करता है।Requirement रनवे कम से कम 30 मीटर लंबा होना चाहिए। इसकी चौड़ाई 4 मीटर होनी चाहिए। रनवे के अंत में एक arch के आकार में लाइन होती है। जिस जिस की चौड़ाई 7 सेंटीमीटर होती है। जिसको Scratch Line कहा जाता हैं।
Javelin खेल में इस्तेमाल किए जाने वाला Javelin। इसके मुख्यता 3 भाग होते हैं। Metal से बना हुआ tip या नुकीला भाग। लकड़ी या मेटल का बना हुआ soft। बीच में धागे से बनी हुई grip होती है। जो कि soft के diameter से 0.31 इंच ज्यादा हो सकती है। इसी प्रकार जाने : Motivational Biography of Arunima Sinha। जिन्होने बिना पैरो के दुनियाँ फतेह की।
जैवलिन थ्रो में sector angle 28.96° का होता है। जमीन की height व weight पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग होता है। जो इस प्रकार है –
Height | Weight | |
Man | 2.60 – 2.70 Metre | 800 grams |
Woman | 2.20 -2.30 Metre | 600 grams |
Rules:
1. Athletic को अपने कंधे के ऊपर से, एक हाथ से cord grip को पकड़कर Javelin को फेंकना होता है।
2. किसी प्रकार के glabs पहनने की अनुमति नहीं होती है।
3. अगर उंगलियों पर चोट हो, तो tape लगाने की अनुमति दी जा सकती है।
4. जब तक जैबलिन हवा में होता है तब तक खिलाड़ी ना तो पीछे मुड़ सकता है ना ही रनवे छोड़ सकता है
5. Valid Distance measure करने के लिए athlete का sector angle के अंदर tip करना जरूरी होता है।
6. Javelin का अगला नुकीला भाग, पहले जमीन पर न touch करने की स्थिति में, Foul count होता है।
जब नीरज के पास Javelin खरीदने के पैसे नही थे
नीरज का career बहुत संघर्षपूर्ण था। नीरज चोपड़ा संयुक्त परिवार में रहते थे। जिसमें कुल 17 सदस्य थे। 17 सदस्यों का यह परिवार इतना गरीब था। कि वह नीरज चोपड़ा को 7000 का भाला भी बमुश्किल दिलवा पाए। वैसे Javelin throw के भाले की कीमत, उस समय डेढ़ लाख रुपये हुआ करती थी। लेकिन नीरज के हाथ में सस्ता भाला ही था। लेकिन इसके बावजूद उनका हौसला बुलंद था।
गोल्ड मेडल जीतकर करोड़ों का इनाम पाने वाले नीरज के पास, उस समय डेढ़ लाख का जैवलिन खरीदने के भी पैसे नहीं थे। न ही उनके पास, किसी coach को रखने की क्षमता थी। किसान के बेटे होने के कारण, उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। नीरज ने इन कमियों को अपनी मेहनत के बल पर पूरा किया। उनका कहना था कि मेरे पास पैसों की कमी हो सकती है। लेकिन मेरे अंदर जुनून की कोई कमी नहीं है।
नीरज अपने Javelin throw की प्रैक्टिस के लिए, youtube videos का सहारा लेते थे। वह youtube पर expert के video देखते। फिर उसे मैदान में दोहराने की कोशिश करते। देखते ही देखते नीरज के career को पंख लगने शुरू हो गए।
नीरज चोपड़ा का Javelin Throw मे अब तक का Career
- 2016 के साउथ एशियन गेम्स में नीरज ने गोल्ड मेडल जीता था। वहां उन्होंने 82.23 मीटर का throw किया था।
- फिर दोबारा से 2016 में ही वर्ल्ड अंडर – 20 चैंपियन में गोल्ड मेडल जीता था। लेकिन unfortunately, नीरज 2016 के ओलंपिक में qualify नहीं कर पाए।
- 2017 में एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में Gold Medal जीता था। वहां नीरज ने 85.23 मीटर का throw किया था।
- फिर 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में इन्होंने Gold Medal जीता था। वहां पर भी नीरज ने 86.48 मीटर का throw किया था।
- नीरज India के पहले Javelin Thrower बने थे। जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता था।
- 2018 में ही दोहा डायमंड लीग में 87.43 मीटर का throw किया था।
- 2018 में ही इनको अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा गया था। इसके साथ ही इनको विशिष्ट सेवा मेडल भी मिला हुआ है।
- इनके coach का नाम Klaus Bartonietz है। जो कि जर्मनी से है।
- 2018 में एशियन गेम्स में इन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। वहां पर इनका throw 88.06 था।
Tokyo Olympics – 2021
नीरज ने रचा इतिहास
टोक्यो ओलंपिक – 2021 के podium में पहला स्थान, तिरंगा सबसे ऊपर और गले में स्वर्ण पदक। टोक्यो ओलंपिक के सफर में, भारत के खाते में, पहले दिन से तमाम तरीके की उपमाए आई। जिस चीज से भारतीय दल अभी तक मेहरूम था। वह था, स्वर्ण पदक। यानी चैंपियन होने का खिताब।
आखिरकार 7 अगस्त का वह दिन आ ही गया। जब भारतीय athlete, अपना नाम सबसे ऊपर देख रहा था। यह नाम था, नीरज चोपड़ा का। Javelin Throw के final की, दूसरी कोशिश में ही नीरज ने 87.58 मीटर दूर भाला फेंककर। अपने लिए शीर्ष स्थान पक्का कर लिया।
उन्हें चेक गणराज्य के दो खिलाड़ियों ने कड़ी टक्कर जरूर दी। लेकिन नीरज के जोश के आगे कोई नहीं टिक पाया। मैदान में मौजूद नीरज के हाव-भाव शुरू से ही, किसी चैंपियन जैसे थे। हो भी क्यों ना। वह qualification round में ही सबसे ऊपर रहे थे। वहां भी उन्होंने अपनी पहली कोशिश में ही, सबसे दूर भाला फेंक दिया था। नीरज की जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है।
क्योंकि वह athletics में भारत के लिए, स्वर्ण जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। उनकी जीत ने हमें, झूमने पर मजबूर कर दिया। क्योंकि देश को 13 साल के लंबे इंतजार के बाद, Olympic में स्वर्ण पदक मिला था।
कैसे बने नीरज चोपड़ा – भारतीय सेना मे सूबेदार
नीरज चोपड़ा की life में एक time ऐसा भी आया। जब इनको अपने level को up करने के लिए। International level का champion बनने के लिए। कई तरीके की facilities की जरूरत थी। जो वह और उनका परिवार, खुद से afford नहीं कर सकते थे। ऐसे समय में, इनके support के लिए, The great Indian Army आगे आई।
फिर 2016 में Indian Army ने, इन्हें 4 राजपूताना राइफल्स में नायब सूबेदार rank के साथ, जूनियर कमीशन ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया। इस मामले में Indian Army athletes team के chief coach कैप्टन अमरीश कुमार की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस तरीके से इनकी नियुक्ति Indian Army में नायब सूबेदार के पद पर हुई। इसके बाद नीरज चोपड़ा के International Champion बनने की उम्मीद एक बार फिर से जाग उठी।
इस तरीके से, उनके game को next level पर ले जाने के लिए। Indian Army की तरफ से, हर तरीके की facilities दी गई। इसके बाद में, वे नायक सूबेदार से सूबेदार के पद पर promote हो चुके हैं। इस बात की भी पूरी संभावना है। नीरज के ट्रैक एंड फील्ड में भारत के लिए, पहला गोल्ड मेडल जीतने के बाद। Indian Army की तरफ से और भी promotion जरूर मिलेगा। कमाल की बात यह भी है कि सूबेदार नीरज चोपड़ा, बचपन से ही Indian Army का हिस्सा बनना चाहते थे।
अब नीरज चोपड़ा Indian Army में तो कार्यरत है। इसी के साथ, वह पहले भारतीय भी बन गए हैं। जो ट्रैक एंड फील्ड के मामले में, ओलंपिक में भारत के लिए पहला gold लाये है। इन्हें 2018 में अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही इन्हें विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया गया है। इसी प्रकार जाने : Milkha Singh Motivational Biography। इतने संघर्ष से उभरकर कैसे बने मिल्खा सिंह।
नीरज के चोट लगने के बाद का जज्बा
इस बात में कोई doubt नहीं है कि सूबेदार नीरज चोपड़ा एक अटूट इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और कभी न हार मानने वाले, सोच का एक जीता-जागता उदाहरण है। इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं। कि injury होने के बाद भी, उन्होंने एक नया national record बना दिया।
जबकि injury को लेकर वह कहते हैं। कि injury भी sports का एक हिस्सा है। यानी कि यह एक ऐसे खिलाड़ी हैं। जो injury को भी sportsmanship की तरह देखते हैं। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि बचपन में मोटा-सा दिखने वाला एक लड़का। जिसने जिम और स्टेडियम को सिर्फ इसलिए join किया। ताकि उसका वजन कम हो सके।
वही लड़का भारत को एक दिन गर्व महसूस कराएगा। भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लाएगा। इससे एक बात और भी साबित होती है। अगर आप किसी चीज को दिल से ठान ले। तो फिर उसे हासिल करने से आपको कोई भी नहीं रोक सकता। इसके जीते-जागते उदाहरण के लिए, हमारे सामने सूबेदार नीरज चोपड़ा मौजूद हैं।
आज इसलिए हर कोई इस बात पर सहमत होगा। कि सूबेदार नीरज चोपड़ा न केवल मौजूदा बल्कि आने वाली हर एक पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। इस बात में कोई doubt नहीं है। कि सूबेदार नीरज चोपड़ा की warrior sprite उनकी personality में साफ-साफ दिखाई देती है।
नीरज चोपड़ा की 2022 मे होने वाली मुख्य प्रतिस्पर्धा
Neeraj Chopra – Main Competition to be Held in 2022
नीरज चोपड़ा ओलंपिक-2021 में इतिहास रचने के बाद। अब एक बार फिर 2022 में अपना शानदार प्रदर्शन देने को तैयार है। उनके 2022 में होने वाले कुछ प्रमुख events इस प्रकार है।
वह 14 जून 2022 को Paavo Nurvi Games Turku, Finland में हिस्सा लेंगे। इसके बाद 18 जून को Kuortane Games भी Finland में है। फिर स्टॉकहोल्म डायमंड लीग 30 जून को है। इसके बाद जुलाई में वर्ल्ड चैंपियनशिप है। जो Oregon में आयोजित होगी।
इसके बाद अगस्त के पहले हफ्ते में कॉमन वेल्थ गेम्स होंगे। जो बर्मिंघम में खेले जाएंगे। इसी महीने Monaco और Lausanne में डायमंड लीग खेलेंगे। फिर सितंबर के पहले हफ्ते में Zurich Diamond League का Final खेला जाएगा। इसके बाद एशियन गेम्स होने हैं। जिनकी अभी तारीख तय नहीं हुई है।
वर्ल्ड एथलीट चैंपियनशिप में गोल्ड
Neeraj Chopra New Record
नीरज चोपड़ा ने हंगरी के बूटापेस्ट में, वर्ल्ड एथलीट चैंपियनशिप में गोल्ड अपने नाम करके, भारत का नाम रोशन कर दिया है। इससे पहले नीरज ओलंपिक में गोल्ड जीत चुके हैं। एक समय में ओलंपिक और विश्व खिताब जीतने वाले, नीरज चोपड़ा अभिनव बिंद्रा के बाद, दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
नीरज ने अपना पहला थ्रो फ़ाउल किया था। दूसरे थ्रो में उन्होंने 88.17 मी का भाला फेंका। इसी के साथ तय हो गया कि अब नीरज को कोई हार नहीं सकता। उनका तीसरा थ्रो 86.32 मी रहा। उनका चौथा थ्रो 84.64 मी, पांचवा थ्रो 87.73 मी रहा। तो वही छठा थ्रो 83.98 मी का था।
नीरज के साथ उनके सबसे बड़े विरोधी पाकिस्तान के नदीम भी शामिल थे। नीरज ने अपने दूसरे थ्रो में ही एक रिकॉर्ड के साथ, गोल्ड सुनिश्चित कर दिया था। इसके साथ ही पाकिस्तान के नदीम ने सिल्वर अपने नाम किया।
Neeraj Chopra Net Worth
नीरज चोपड़ा अपने परिवार के साथ हरियाणा के पानीपत में रहते हैं। नीरज के पास Mahindra XUV 700 है। इनके पास दूसरी Range Rover Velar है। इसके अलावा इनके पास Harley Davidson 1200 व Pulsar 200F भी है।
नीरज चोपड़ा की इनकम ₹100000 पर प्रतिमाह है। इसके साथ ही यह ब्रांड एंडोर्समेंट से भी अच्छा खासा पैसा लेते हैं। यह एक ब्रांड का लगभग ढाई करोड रुपए लेते हैं। नीरज NIKE, PUMA व Myntra जैसे ब्रांड के विज्ञापन में नजर आते हैं।इनकी कुल संपत्ति लगभग ₹38 करोड़ है।
7 अगस्त – भाला फेंक दिवस 7 अगस्त भारतीय एथलीट के लिए, एक ऐतिहासिक दिन बन गया है। इस दिन Neeraj Chopra ने दो बार 87 मीटर तक भाला फेंककर। ओलंपिक के इतिहास में, भारत का नाम स्वर्णिम अक्षरों से लिख दिया। इसी को मद्देनजर रखते हुए एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अहम घोषणा की। अब से हर वर्ष 7 अगस्त का दिन, पूरे भारत में भाला फेंक दिवस (Javelin Throw Day) के रूप में मनाया जाएगा। |
FAQ :
उ० नीरज चोपड़ा एक भारतीय Javelin Thrower (भाला फेंक) Athletic हैं।
उ० नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को गांव खंडरा, पानीपत में हुआ।
उ० नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को गांव खंडरा, पानीपत में हुआ।
उ० नीरज चोपड़ा एक भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी हैं।
उ० इनके coach का नाम Klaus Bartonietz है। जो कि जर्मनी से है।
उ० नीरज चोपड़ा के भाले का वजन 800 ग्राम है। जबकि महिलाओं के लिए, यह वजन 600 ग्राम निर्धारित है।
उ० Javelin Throw के final की, दूसरी कोशिश में ही नीरज ने 87.58 मीटर दूर भाला फेंककर। अपने लिए शीर्ष स्थान पक्का कर लिया था।
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