Shakuntala Devi – mathematician, contribution to mathematics, movie, biography, जीवन परिचय, गणित में योगदान, खोज।
Shakuntala Devi Biography in Hindi
शकुंतला देवी का जीवन परिचय
Computer या calculator किसी भी mathematical calculation को पलक झपकने के साथ ही solve कर देते हैं। चाहे कितने भी बड़े numbers का addition, subtraction, multiplication या division हो। मशीन तो चुटकियों में इसका इसका result बता देती है।
लेकिन क्या कोई इंसान अपने दिमाग से, बिना किसी मशीन की मदद लिए बगैर। ऐसा कर सकता है। यहां छोटे-मोटे जोड़-घटाने की बात नहीं हो रही। बल्कि बात हो रही है। ऐसे बड़े-बड़े roots और calculations की। जिसे बिना किसी मशीन, कागज, पेन की मदद के बिना, एक आम इंसान solve नहीं कर सकता। लेकिन आज आप ऐसी ही शख्सियत के बारे में जानेंगे।
एक ऐसी भारतीय महिला के बारे में। जिनका दिमाग एक आम इंसान के मुकाबले में, कई गुना ज्यादा शक्तिशाली और तेज था। यह बड़ी-बड़ी संख्याओं के square roots और multiplication बिना कागज कलम के ही निकाल देती थी। जिनका दिमाग computer से भी तेज चलता था। यह थी- श्रीमती शकुंतला देवी।
इनकी intuition power इतनी मजबूत थी। उन्हें भविष्य में होने वाली घटनाओं का एहसास करा देती थी। इन्होंने दुनियाँ में भारत को, एक अलग पहचान दिलाई। इन्हें भारत का ही human computer भी कहा जाता था। यह Maths की genius होने के साथ-साथ सटीक भविष्यवाणी करने वाली ज्योतिष भी थी।
शकुंतला देवी एक ऐसी शख्सियत थी। जो आज किसी परिचय की मोहताज नहीं। कहा जाता था कि इनके दिमाग के आगे इंसान तो क्या। सुपर कंप्यूटर भी फेल हो जाया करते थे। Calculation करने की speed इतनी तेज थी कि इन्हें पूरी दुनिया में ह्यूमन कंप्यूटर के नाम से जाना जाता था। अपनी गणितीय प्रतिभा की बदौलत शकुंतला देवी ने पूरी दुनिया में शोहरत, इज्जत और दौलत कमाई।
Shakuntala Devi – An Introduction
शकुंतला देवी – एक परिचय | |
नाम | शकुंतला देवी |
विख्यात नाम | • Human computer • Mental calculator • Mastermind • Superwoman |
जन्म | 4 नवंबर 1929 |
जन्म स्थान | बेंगलुरु, कर्नाटक |
पति | परितोष बनर्जी (आईएएस) |
विवाह तिथि | 1960 |
तलाक तिथि | 1979 |
बेटी | अनुपमा बनर्जी |
शिक्षा | कोई औपचारिक शिक्षा नहीं |
व्यवसाय | • गणितज्ञ • लेखिका • सामाजिक कार्यकर्ता • ज्योतिषाचार्य |
प्रसिद्ध किताबें | • The word of Homosexual • Fun with numbers • Astrology for you • Puzzles to puzzle you • Mathlete |
मृत्यु | 21 अप्रैल 2013 |
मृत्यु स्थान | बेंगलुरु, कर्नाटक |
मृत्यु का कारण | सांस की बीमारी |
बायोपिक | ‘Shakuntala Devi- Human Computer’ 31 जुलाई 2020 विद्या बालन as शकुंतला देवी |
शकुंतला देवी का बचपन
शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर 1929 को बेंगलुरु में हुआ था। यह एक गरीब ब्राह्मण परिवार से संबंध रखती थी। इनके परिवार का पुश्तैनी काम पूजा-पाठ करवाने का था। इनके दादा जी व परदादा पंडिताई किया करते थे। शकुंतला देवी के पिता के ऊपर भी, इसी व्यवसाय में आने का दबाव था। लेकिन इनके पिताजी को पूजा-पाठ में बिल्कुल भी रुचि नहीं थी। इसलिए यह घर से भाग गए।
शकुंतला देवी के पिता जी सर्कस में काम करना शुरू किया। इनके पास खाने के लिए भी कुछ नहीं हुआ करता था। बस सर्कस के सहारे ही, परिवार का जीवन-यापन होता था। इनके पिताजी सर्कस में जादू के करतब दिखाते थे। ताश के खेल-खेलते थे। दर्शकों के सामने performance देते थे। रस्सी पर चलना। शेर के पिंजरे में घुस जाना। बस इन्हीं करतब दिखाने के सहारे, इनके परिवार का भरण-पोषण होता था।
शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर 1929 को बेंगलुरु में हुआ था। यह एक गरीब ब्राह्मण परिवार से संबंध रखती थी। इनके परिवार का पुश्तैनी काम पूजा-पाठ करवाने का था। इनके दादा जी व परदादा पंडिताई किया करते थे। शकुंतला देवी के पिता के ऊपर भी, इसी व्यवसाय में आने का दबाव था। लेकिन इनके पिताजी को पूजा-पाठ में बिल्कुल भी रुचि नहीं थी। इसलिए यह घर से भाग गए।
शकुंतला देवी के पिता जी सर्कस में काम करना शुरू किया। इनके पास खाने के लिए भी कुछ नहीं हुआ करता था। बस सर्कस के सहारे ही, परिवार का जीवन-यापन होता था। इनके पिताजी सर्कस में जादू के करतब दिखाते थे। ताश के खेल-खेलते थे। दर्शकों के सामने performance देते थे। रस्सी पर चलना। शेर के पिंजरे में घुस जाना। बस इन्हीं करतब दिखाने के सहारे, इनके परिवार का भरण-पोषण होता था।
जब शकुंतला 3 साल की हुई। तब उनके पिताजी ने, उन्हें भी सर्कस में करतब दिखाने के लिए तैयार कर दिया। उन्होंने तभी ताश के अलग-अलग खेल सीख लिए थे। उन्हें बड़े-बड़े numbers दिए जाते थे। जिन्हें आसानी से याद कर लेती थी। जब वह 5 साल की हुई। तो बड़े-बड़े numbers की cube root निकालने में माहिर हो गई थी। फिर जब वह 6 साल की हुई। तब तक उनके पिता जी को, उनकी प्रतिभा का अंदाजा हो गया था। उन्होंने सर्कस छोड़कर, शकुंतला देवी के रोड शो करने शुरू कर दिए।
जब शकुंतला 3 साल की हुई। तब उनके पिताजी ने, उन्हें भी सर्कस में करतब दिखाने के लिए तैयार कर दिया। उन्होंने तभी ताश के अलग-अलग खेल सीख लिए थे। उन्हें बड़े-बड़े numbers दिए जाते थे। जिन्हें आसानी से याद कर लेती थी। जब वह 5 साल की हुई। तो बड़े-बड़े numbers की cube root निकालने में माहिर हो गई थी। फिर जब वह 6 साल की हुई। तब तक उनके पिता जी को, उनकी प्रतिभा का अंदाजा हो गया था। उन्होंने सर्कस छोड़कर, शकुंतला देवी के रोड शो करने शुरू कर दिए। इसी प्रकार जाने : दुनियाँ के सबसे कम उम्र के प्रोफेसर Prof. Soborno Isaac Bari Biography।
Shakuntala Devi
उनकी प्रतिभा को मिली पहचान
6 साल की उम्र में ही शकुंतला देवी को University of Mysore में invite किया गया। जहां audience के सामने एक concert करना था। उन्होंने इसी उम्र में, mathematical expression और mathematical calculation करके दिखाएं। तो वहां उपस्थित सारे प्रोफ़ेसर और छात्र दंग रह गए। इन सबकी वजह से, उनके पिताजी ने शकुंतला का admission एक कान्वेंट स्कूल में करवा दिया।
लेकिन 3 महीने में ही स्कूल वालों ने, उन्हें निकाल दिया। क्योंकि उनके पास fee देने के भी पैसे नहीं थे। इस तरह उन्होंने कोई भी औपचारिक शिक्षा ग्रहण नहीं की उनके पिताजी को सर्कस में काम करने की वजह से, सर्कस के साथ अलग-अलग देशों में जाना पड़ता था। जहां शकुंतला भी उनके साथ जाती थी।
जब उन्हें पहली बार लंदन जाने का मौका मिला। तो यहाँ पर उन्होंने अपनी mathematical skill को public के सामने दिखाया। जिसकी पूरी लंदन में चर्चा होने लगी।शकुंतला देवी ने कई वर्षों तक लंदन के विभिन्न इंस्टिट्यूट में अपनी skill का लोहा मनवाया।
शकुंतला देवी का विवाह
1960 में शकुंतला देवी की का विवाह परितोष बनर्जी के साथ हो गया। परितोष बनर्जी कोलकाता में, भारतीय प्रशासनिक सेवा में नियुक्त थे। इनका विवाह बहुत लंबे समय तक नहीं चल सका। 1979 में शकुंतला देवी ने अपने पति से तलाक ले लिया। परितोष बनर्जी व शकुंतला देवी की एक पुत्री भी थी। जिनका नाम अनुपमा बनर्जी है। तलाक होने का कारण स्पष्ट नहीं है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि परितोष बनर्जी समलैंगिक थे।
शकुंतला देवी की प्रसिद्ध किताब
The World of Homosexual
शकुंतला देवी ने समलैंगिकों की मनोदशा व उनकी तकलीफों का गहन अध्ययन किया। उन्हें एहसास हुआ कि हमारे समाज में समलैंगिकों को हीन भावना से देखा जाना गलत है। उन्होंने दुनियाभर में, घूमने के साथ ही, समलैंगिकों के अनुभवों को भी जाना। उन्होंने समलैंगिकों को समाज में न सिर्फ हमदर्दी बल्कि उनकी स्वीकार्यता के लिए भी काम किया।
शकुंतला देवी ने अपने अनुभव के आधार पर, The word of Homosexual नाम की किताब लिखी। यह किताब उस दौर में बहुत चर्चा का विषय रही। क्योंकि उस समय भारत में समलैंगिकता को अभिशाप व अपराध के तौर पर देखा जाता था। शकुंतला देवी ने अपनी किताब के माध्यम से, समाज का नजरिया बदलने की कोशिश की। जिसके परिणामस्वरूप 2018 में आईपीसी की धारा 377 को ग़ैर दंडात्मक माना गया। इसी प्रकार जाने : गणित के महान जादूगर – Srinivasa Ramanujan ki Biography।
कैसे बनी शकुंतला देवी ह्यूमन कम्प्युटर
शकुंतला देवी को बहुत से देशों में बुलाया गया। जहाँ इनकी इस प्रतिभा को परखा गया। वह खुद भी बहुत से देशों में गई। लेकिन उन्होंने कभी भी Russia और China जाना उचित नहीं समझा। क्योंकि वह communist देश थे। वह अपने talent को भगवान की देन मानती थी। वह हर जगह भगवान का संदेश लेकर जाती थी। शकुंतला देवी पूरी दुनिया में, मशहूर हो चुकी थी। दुनियाँ भर के, बड़े-बड़े scientist और Mathematician उनकी ability के बारे में जानकर हैरान हो रहे थे।
शकुंतला देवी की ability को test करने के लिए, 1977 में Southern Methodist University, Texas ने उन्हें बुलाया। जहां उन्हें 201 digit का एक number दिया गया। जिसका शकुंतला देवी को 23√ निकालना था। उस समय उनका competition, उस समय के सबसे advance और fast computer UNIVAC से करवाया गया। उन्होंने इसका answer सिर्फ 50 सेकंड में दे दिया।
जिस computer से उनका competition हुआ था। उसने भी 62 सेकंड का समय लिया था। अगर हम 201 digit का number कॉपी पर लिखना शुरू करें। तो भी हमें 1 मिनट से ज्यादा लगेगा। लेकिन शकुंतला देवी ने 201 नंबर का 23√ मात्र 50 सेकंड में निकाल दिया था। उस समय के सबसे फास्ट और एडवांस कंप्यूटर UNIVAC को भी हरा दिया था।
विदेशों मे प्रतिभा का प्रदर्शन
1980 में इंपीरियल कॉलेज, लंदन में तेरह-तेरह digits के दो numbers दिए गए। जिन्हें आपस में multiply करने के लिए कहा गया। उन्होंने यह multiplication मात्र 28 सेकंड में ही कर दिया। जबकि उसका answer भी 26 digit का था।
7,686,369,774,870
× 2,465,099,745,779
____________________________
18,947,668,177,995,426,462,773,730
उस समय के मशहूर writer Steven Smith का कहना था कि उनको यह 28 सेकंड भी answer को बोलने में लगे। उन्होंने calculation तो नंबर बोलते ही कर दी थी। उनके इस कारनामे को 1982 में Guinness Book of World Record में शामिल कर लिया गया था।
शकुंतला देवी जब 1988 में US गई। University Of California के Professor- Orther Janson ने उन्हें invite किया। ताकि वह शकुंतला देवी पर, study कर सकें। उन्होंने शकुंतला देवी को कुछ task दिए। जैसे कि calculation of large numbers। उदाहरण के लिए,
3√61629875 व 7√170859375
Janson के मुताबिक, शकुंतला देवी ने इन सभी सवालों का जवाब। Janson के calculate करते वक्त ही दे दिया था। उन्होंने अपनी इस research को 1990 में प्रचलित academic journal intelligence में दर्ज किया। इसी प्रकार जाने : Byju’s Raveedran Motivational Biography in Hindi। Tuition पढ़ाने वाला कैसे बना अरबपति।
एक बार शकुंतला देवी को, BBC के एक शो में बुलाया गया। BBC के इस show को Laisal Michelle host कर रहे थे। Michelle ने कहा कि वह शकुंतला देवी को इतनी complicated equation देगें। वह कभी भी उस equation को solve नहीं कर पाएंगी। लेकिन जब उस show में, उन्हें equation दी गई। तो उन्होंने उसे कुछ ही सेकंड में solve कर दिया।
लेकिन उस show की टीम ने, जो answer निकाले थे। वह शकुंतला देवी के answer से बिल्कुल अलग थे। लेकिन शकुंतला देवी को अपने answer पर पूर्ण भरोसा था। वह अपने answer पर अड़ी रही। जब उस show के host Michelle ने अपनी team के answer check करवाये। तो शकुंतला देवी के सभी के सभी answer ठीक थे। उनकी team के answer गलत थे।
शकुंतला देवी का राजनीतिक जीवन
एक बार तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने, उनसे कहा कि उनके पास बहुत सारे Ambassador हैं। लेकिन शकुंतला देवी उनकी, एक special Ambassador हैं। तब उन्होंने शकुंतला देवी को Mathematical Ambassador कह कर बुलाया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपनी Mathematical calculation skill से इंडिया के लिए बहुत सारे friends बना सकती है।
1980 में शकुंतला देवी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा। उन्होंने यह चुनाव मुम्बई साउथ महाराष्ट्र व मेडक तेलंगाना से independent condidate के रूप में लड़ा। वह मेडक में इंदिरा गांधी के against election में खड़ी हुई। शकुंतला देवी ने कहा था कि वह मेडक के लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा बेवकूफ बनने से बचाना चाहती हैं। जिसमें उन्हें केवल 6514 वोट ही मिले थे। इसी के साथ दो वह 9 वें स्थान पर रही।
शकुंतला देवी द्धारा लिखी गई पुस्तके
शकुंतला देवी ने अपनी कैलकुलेशन के बहुत से तरीको को, अपनी book- Figuring The Joy of Numbers में explain किए हैं। 1977 में शकुंतला देवी ने homosexuality पर एक book- The World of Homosexuals लिखी। शकुंतला देवी ने अपने जीवन में बहुत सारी किताबें लिखी जिनमें कुछ प्रमुख है।
Puzzles to Puzzle You, In The Wonderland of Numbers, Astrology For You, Awaken the Genius in Your Child, Super Memory It Can Be Yours ये सब किताबें शामिल है। उन्होंने मैथमेटिकल और मेंटल एबिलिटी के साथ-साथ एस्ट्रोलॉजी, होमोसेक्सुअलिटी, कास्ट सिस्टम और बहुत से विषयों पर किताबें लिखी हैं। उनकी बहुत-सी किताबें आज भी छपती और बिकती है। जिन्हें लोगों के द्वारा पसंद भी किया जाता है। इसी प्रकार जाने : Khan Sir Full Biography in Hindi। पटना वाले खान सर का असली नाम और धर्म क्या है।
शकुंतला देवी का फ़ाउंडेशन
शकुंतला देवी को उनकी mathematical ability के कारण पूरी दुनियाँ में recognition मिली। शकुंतला देवी ने एक organization भी शुरू की। जिसका नाम था। शकुंतला देवी एजुकेशन फाउंडेशन पब्लिक ट्रस्ट। इसके जरिए वह underprivileged children को एक बढ़िया और quality education दिलवाना चाहती थी।
शकुंतला देवी की म्र्त्यु
2013 में शकुंतला देवी को, बेंगलुरु के एक अस्पताल में admit किया गया। उनको heart और kidney की problem थी। उसी hospital में 21 अप्रैल 2013 को 83 वर्ष की उम्र में, उन्होंने इस दुनियाँ को अलविदा कह दिया।
उनके अंतिम समय में, उनकी बेटी अनुपमा बनर्जी उनके साथ ही थी। 4 नवंबर 2013 को शकुंतला देवी के 84 वें जन्मदिन के अवसर पर, google ने अपने doodle को उनके नाम करते हुए। उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की थी।
शकुंतला देवी पर बनी बायोपिक
शकुंतला देवी पर बनी बायोपिक 31 जुलाई 2020 को release हो गई। उनकी ये biopic Amazon Prime video पर release हुई। इस biopic में Shakuntala Devi का किरदार मशहूर अभिनेत्री विद्या बालन ने बखूबी निभाया है। वही उनकी बेटी अनुपमा बनर्जी का किरदार सानिया मल्होत्रा ने निभाया है। शकुंतला देवी के पति परितोष बनर्जी की भूमिका में जेशु सेन गुप्ता नजर आएंगे।
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