UPSC-2019 Topper |अजहरुद्दीन काजी व सृष्टि देशमुख |Real Life Success Story

  हम Life में बहुत बड़े-बड़े ख्वाब देखते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है। जब हम उन ख्वाबों को पूरा करने की कोशिश में होते हैं। तब हम अपनी राह से भटक जाते हैं। छोटी-छोटी सी चीजों में उलझ कर रह जाते हैं। उस वक़्त जो हमारे original ख्वाब होते हैं। वह कहीं ना कहीं अधूरे रह जाते हैं ।UPSC मे अपनी जगह बनाने वाले,एक taxi driver के बेटे । जिन्होने मुसीबतों का सामना करते हुये, UPSC मे Top किया ।

UPSC-2019 Topper Azharuddin Quazi

  यह कहानी है, अज़हरुद्दीन काज़ी जी की। इनका बचपन बहुत ही मुसीबतों में बीता। लेकिन उन कठिन परिस्थितियों में भी, उन्होंने हार नहीं मानी। इन्होंने एक सरकारी बैंक में सात साल नौकरी की। इसके बाद इनका चयन Indian Administrative Services के लिए हुआ। इन्होंने UPSC परीक्षा 2019 में  All India 315 वी रैंक प्राप्त की। 

      महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव यवतमाला में जन्मे अजहरुद्दीन।उनकी UPSC की journey तो संघर्ष से भरी रही। लेकिन उनका यहां तक पहुंचने का सफर भी, अच्छा खासा कठिनाइयों से भरा रहा। उनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ। जहां उनके पिताजी एक taxi चलाया करते थे। जो घर के एकमात्र earning member थे। उनकी माताजी house worker थी। लेकिन उन्हें पढ़ाई का बहुत अधिक शौक था। अजहरुद्दीन घर के सबसे बड़े बेटे हैं। उनसे छोटे, उनके तीन और भाई  हैं। यानिकि परिवार में माता-पिता के अतिरिक्त 4 बेटे हैं।

      उनकी माता जी का कम उम्र में ही विवाह हो गया था। जिसके कारण वह अपनी पढ़ाई नहीं कर पाई। हालांकि उन्होंने अपने सपनो को, अपने बच्चों के साथ पूरा किया। उनकी पढ़ाई का जिम्मा खुद उठाया। औपचारिक शिक्षा दिलाने के लिए उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी ना थी। इसलिए अजहरुद्दीन और बाकी तीनों भाइयों की शुरुआती शिक्षा यवतमाला में ही हुई।वे सभी एक सरकारी हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़े।

       अजहरुद्दीन बताते हैं कि उनकी मां ने चारों बच्चों को कक्षा 10 तक घर में ही पढ़ाया। किसी कोचिंग या ट्यूशन के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। आगे चलकर अजहरुद्दीन ने कॉमर्स विषय चुना। फिर इसी से ग्रेजुएशन पूरा किया। इस दौरान वह प्राइवेट जॉब भी कर रहे थे। इसके बावजूद दिन पे दिन, घर के हालात और खराब होते जा रहे थे। उनके अन्य भाइयों की पढ़ाई भी खतरे में पड़ रही थी।

इसी बीच उन्होंने 2010 में दिल्ली जाकर UPSC की तैयारी करने का मन बनाया। इस  क्षेत्र में जाने के पीछे एक कारण था। किसी कार्यक्रम में उनकी एक IPS Officer से मुलाकात। जिससे वे बहुत अधिक प्रभावित थे। उनके पास दिल्ली जाने तक के पैसे नहीं थे। जैसे-तैसे टिकट लेकर general coach में ही, वे खड़े होकर दिल्ली तक पहुंचे। उन्होंने वहां पर एक फ्री कोचिंग का फॉर्म भरा। जो UPSC स्टूडेंट्स को मुफ्त में तैयारी करवाती थी। यहां उनका सिलेक्शन हो गया। उन्होंने UPSC का अपना पहला attemp दिया।

दो प्रयासो मे हुये असफल

  अजहरुद्दीन ने साल 2010 और 2011 में UPSC के दो attempt दिए। लेकिन दोनों में ही असफल हुए। यह दौर उनके भयंकर आर्थिक संकट का भी था। हताश अजहरुद्दीन ने सोचा। शायद वह इस क्षेत्र के लिए बने ही नहीं है। भाइयों की पढ़ाई भी रुक रही थी।उस समय के कुछ को हालात देखते हुए। उन्होंने कुछ और नौकरी करने की योजना बनाई।

     इस दौरान उनका एक सरकारी बैंक में PO के पद पर चयन(selection) हो गया। वह नौकरी करने लगे। अजहरुद्दीन ने यहां 7 साल तक काम किया। इस दौरान उनके घर के हालात भी सुधरने लगे। भाइयों की पढ़ाई भी पूरी हो गई। यही वह दौर था, जब वह अपने बैंक की नौकरी में promotion पर promotion पाकर आगे बढ़ रहे थे।

हालांकि, उनके मन में अभी भी कहीं ना कहीं सिविल सेवा का सपना पल रहा था। उन्होंने नौकरी के साथ तैयारी की कोशिश की। लेकिन वह नहीं कर पाए। अंततः उन्होंने जमी-जमाई सरकारी नौकरी छोड़ दी। जहां पर वह Branch Manager के पद पर थे। वे दोबारा UPSC की परीक्षा की तैयारी करने, दिल्ली गए। उनके इस निर्णय को बहुत से लोगों ने बेवकूफी करार दिया। लेकिन अजहरुद्दीन आगे चलकर पछताना नहीं जाते थे।

UPSC की तैयारी की रूपरेखा

 सात साल बाद, उनका यह तीसरा attempt था। पढ़ाई से नाता तोड़ें, अब अजहरुद्दीन को 7 साल से ज्यादा हो रहे थे। पर उन्होंने हार नहीं मानी।एक साल तक तैयारी करने के बाद, उन्होंने तीसरा attempt दिया। वह साक्षात्कार(interview) तक पहुंचे। लेकिन select नहीं हुए। अगले साल 2019 में उन्होंने फिर से कोशिश की। इस साल उनका selection हो गया। इसी के साथ वे 2020 batch के IAS बन गए।

इस दौरान अजहरुद्दीन ने कोई कोचिंग नहीं ली। पूरी तैयारी self-study से ही की। वे बीच-बीच  में निराश भी हुए। उन्हें ख्याल भी आया कि कहीं उन्होंने गलत निर्णय, तो नहीं ले लिया। लेकिन बार-बार उन्होंने खुद को संभाला।वह सही दिशा में प्रयास करते रहे।अन्ततः सफलता उनके क़दमों में आई।

Azharuddin Quazi की सलाह

अजहरुद्दीन दूसरे candidates को भी यह सलाह देते हैं। कभी भी आर्थिक स्थिति और परिस्थितियों को देखकर, पीछे नहीं हटना चाहिए। अगर आपके इरादे मजबूत हैं। तो कुछ भी आपकी सफलता में रोड़ा नहीं बन सकता। कड़ी मेहनत, निरंतरता और धैर्य से एक average student भी यह परीक्षा पास कर सकता है। बस इरादे मज़बूत होने चाहिए।

UPSC-Topper Srushti Jayant Deshmukh real life success story hindi

UPSC-2018 Topper Srushti Jayant Deshmukh

जब इंसान में काबिलियत होती है। तो वह संसाधनों का मोहताज नहीं होता। ऐसा ही कुछ सृष्टि जयंत देशमुख ने कर दिखाया। उन्होंने घर बैठे ही तैयारी की। अगर महिला प्रतिभागियों में  देखें। तो उन्होंने UPSC-2018 में top किया। वैसे उनकी all India rank- 5 थी। लेकिन महिलाओं में वो टॉपर थी।

सृष्टि ने जब UPSC की परीक्षा को देने का मन बनाया। तब उन्होंने इसकी तैयारी के लिए दिल्ली का रुख नहीं किया। क्योंकि सृष्टि के अंदर कुछ कर गुजरने का जुनून, इस कदर हावी था। कि उन्होंने घर पर रहकर ही self-study की।फिर ऑल इंडिया में पांचवा स्थान भी प्राप्त किया। यह उनका पहले ही प्रयास में हो गया था। सृष्टि ने अपने कॉलेज की पढ़ाई भोपाल से की थी। उन्होंने सोचा कि वही रह कर तैयारी भी करूंगी। जो उनके लिए सही होगा।

UPSC की तैयारी की रूपरेखा

   हालांकि, भोपाल में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करना। उनके लिए आसान नहीं था। क्योंकि वहां पर रहते हुए। उन्हें कभी-कभी study material नहीं मिल पाता था। लेकिन फिर भी सृष्टि ने हिम्मत नहीं हारी।इसके लिये उन्होंने इंटरनेट का सवाल सहारा लिया।

     Internet के द्वारा, उन्होंने अपने knowledge, test-series व classes सब कुछ आसानी से हासिल किया। कहने का तात्पर्य यह है कि उन्होंने internet को ही अपना कोचिंग सेंटर बना लिया। वही से ही उन्होंने, अपनी सारी पढ़ाई की। जिसके चलते, उन्होंने पहले ही प्रयास में पाँचवी ऑल इंडिया रैंक प्राप्त की।साथ ही महिलाओं की Air rank में अव्वल भी रही।उनकी इस लगन को तहे दिल से सलाम।

        सृष्टि के पिताजी पेशे से एक इंजीनियर थे। उनकी माँ एक स्कूल टीचर थी। उनके घर का माहौल पहले से ही पढ़ने-लिखने वाला था। वह अपने परिवार में पहली IAS Officer हैं। इससे पहले उनके पूरे खानदान में, कोई IAS Officer नहीं रहा। सृष्टि ने सिविल सर्विसेज में MP Cadre ही चुना था। क्योंकि वह जानती थी कि वह जहां पैदा हुई। वहीं पर कुछ कर दिखाएं।अपने प्रदेश की भी सेवा करें।

      सृष्टि में IAS Crack करने का जुनून कुछ, इस कदर हावी था। कि उन्होंने campus placement में भी हिस्सा नहीं लिया। यही नहीं, उन्होंने अपना CV तक भी तैयार नहीं किया था। न हीं किसी नौकरी के लिए, किसी कंपनी को approach ही किया था। क्योंकि उन्हें पता था, कि उन्हें उससे बहुत आगे जाना है।वह दिन-रात अपनी तैयारी में लगी रहती थी। जिसका result भी बहुत जल्दी सबके सामने दिखाई पड़ा। जिस वक्त उन्होंने सफलता हासिल की। उनकी उम्र महज 23 वर्ष की थी। वह युवा IAS Officer में से एक हैं।

        एक साक्षात्कार के दौरान, सृष्टि ने बताया कि  उन्होंने टेस्ट सीरीज में पढ़ा था। मध्य प्रदेश में 15000 से 30000 स्कूल ऐसे हैं। जहां सभी बच्चों के लिए सिर्फ एक टीचर ही उपलब्ध है। यह बात उनके दिमाग में घर कर गई। उन्हें लगता था कि ऐसा नहीं होना चाहिए। स्थितियों को बदलना चाहिए। ऐसा वह तभी कर सकती थी। जब उनके हाथ में, वह पावर होती। इसके लिए उन्होंने सोचा, कि आईएएस बनना चाहिए।उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी।

      सृष्टि ने खुद को, उस वक्त सोशल नेटवर्किंग साइट से दूर रखा। हालांकि internet का इस्तेमाल,उन्होंने सिर्फ पढ़ाई के लिए ही किया। उनके दोस्तों ने तो,यह तक कहना शुरू कर दिया था।सृष्टि अपनी social life से बिल्कुल दूर होती जा रही है।वह किसी से भी नही मिलती-जुलती है। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था। सृष्टि को तो, कुछ और ही करना था। उन्हें तो बस आगे बढ़ना था। चाहे किसी भी कीमत पर हो।

वह दोस्तों की बात को नजरअंदाज (ignore) करती रही। क्योंकि वह जानती थी कि जब वह सफलता हासिल कर लेंगी। तो उनके यही दोस्त, उनके यही रिश्तेदार, उनका बाहें फैलाकर स्वागत करेंगे। उसके बाद ऐसा हुआ भी, क्योंकि वह अपने लक्ष्य को लेकर बिल्कुल निश्चित थी।उन्हें पता था कि उन्हें क्या करना है,कैसे करना है,कब करना है।

सृष्टि की सलाह

  सृष्टि कहती हैं कि वह शुरू-शुरू के दिनों में तो, कुछ ही घंटों पढ़ाई किया करती थी। लेकिन जैसे-जैसे exam का समय पास आने लगा। उन्होंने अपने पढ़ाई के घंटों को बढ़ा दिया। उनका कहना है कि वह हमेशा current affairs से जुड़ी रहती थी। वह खुद को update रखने के लिए daily newspaper को अच्छी तरह से पढ़ती थी। वह अपनी तैयारी के दौरान, एक दिन पहले ही दूसरे दिन के लक्ष्य को निर्धारित कर लेती थी। उन्हें अगले दिन क्या पढ़ना है।उन्होंने सारी तैयारी  time-table के आधार पर की। 

      उनका कहना है, कि सभी प्रतिभागीयों को तैयारी करते समय। पिछले 6 से 7 साल के प्रश्न पत्रों को अवश्य देखना चाहिए।इससे उन्हें विगत वर्षों के प्रश्नों का अनुमान होगा। फिर उसी के आधार पर अपनी तैयारी को जारी रखें।सबसे आखरी पड़ाव यानि interview में। आप अपने application form को बहुत ध्यान से देखे।इसमे अपनी वही interest व hobbies का उल्लेख करे।जिनके बारे में आप पूर्णतया जानकारी रखते हो।

अंत में सृष्टि के विचारों को ही रखते हुए। मैं कहना चाहूंगा कि कोचिंग आपको केवल मार्गदर्शन दे सकती है। आपके मित्र, आपके परिवारी-जन, आपको समझा सकते हैं। आपको नया रास्ता दिखा सकते हैं। लेकिन सफलता प्राप्त करने के लिए तैयारी तो आपको ही करनी है। इसलिए मेहनत से घबराए नहीं। जी-जान लगाकर तैयारी में जुट जाएं। सफलता निश्चित ही आपको मिलेगी। जैसे कि सृष्टि ने self study के द्वारा यह कर दिखाया। उन्होंने अपने पहले attempt में ही UPSC के all India rank में पांचवा स्थान प्राप्त किया। फिर महिलाओं में वह अव्वल रही है।

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