हर्षद मेहता | Harshad Mehta Story | Harshad Mehta Scam (पूरी जानकारी)

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  एक गुजराती लड़का (Harshad Mehta), जिसकी जेब में पैसे तो नहीं थे। लेकिन उसकी आंखें सपनों से भरी थी। उसका सपना था। दौलत की उस ऊंचाई को छूने का। जहां पर कोई भी नहीं पहुंच पाया था। एक व्यक्ति जिसने बचपन का सफर, एक मामूली परिवार से शुरू किया । वही व्यक्ति 30 साल की उम्र तक, इतने पैसे कमा चुका था। जिन्हें गिना जाना भी नामुमकिन था। Harshad Mehta ने हिला कर रख दिया था। भारत सरकार को व भारत के पूरे शेयर बाजार को।

Harshad Mehta - An Introduction

 

Harshad Mehta 

The Big Bull

पूरा नाम

हर्षद शांतिलाल मेहता

उपनाम

The Big Bull

अमिताभ बच्चन ऑफ स्टॉक मार्केट

जन्म तिथि

29 जुलाई 1954

जन्म स्थान

पनेली मोटी, राजकोट,  गुजरात, भारत

पिता

शांतिलाल मेहता

माता

रसीला बेन मेहता

व्यवसाय

शेयर मार्केट दलाल

पत्नी

ज्योति मेहता

बच्चे

आतुर मेहता (बेटा)

भाई-बहन

आश्वनी मेहता

हितेश मेहता 

सुधीर मेहता

स्कूल

होली क्रॉस सीनियर सेकेंडरी स्कूल, राजपुर छत्तीसगढ़

कॉलेज

लाला लाजपत राय कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स, मुंबई

शैक्षिक योग्यता

बी.कॉम

मृत्यु तिथि

31 दिसंबर 2001

मृत्यु स्थान

ठाणे सिविल हॉस्पिटल, मुंबई

मृत्यु का कारण

दिल का दौरा

(Heart Attack)

हर्षद मेहता स्टोरी

  जानते हैं- Harshad Mehta उर्फ़ Big Bull से जुड़ी, कुछ खास जान जानकारियां को। हर्षद मेहता वही है। जिन्हें एक जमाने में Stock Market का अमिताभ बच्चन कहा जाता था। वही Harshad Mehta,जिसके पास बेशकीमती गाड़ियों का पूरा काफिला था। वही हर्षद मेहता, जिसने प्रधानमंत्री तक पर, रिश्वत लेने का आरोप लगाया।

Harshad Mehta- Hindi Biography

Harshad Mehta - Family Background
हर्षद मेहता - पारिवारिक प्रष्ठभूमि

  हर्षद शांतिलाल मेहता, भारतीय बिजनेसमैन और स्टॉक ब्रोकर थे। जिनका जन्म 29 July 1954 में हुआ था। इनका जन्म राजकोट के, एक जैन परिवार में हुआ था। हर्षद मेहता के पिता का,  मुंबई के कांदिवली में  अपना व्यवसाय था। इनके पिता व्यवसाय में असफल हो गए। फिर उन्होंने मध्यप्रदेश के रायपुर में अपना पुनः व्यवसाय शुरू किया। हर्षद की मां एक ग्रहणी थी। इनके परिवार में तीन भाई थे।

हर्षद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रायपुर से की थी। अपनी schooling पूरी करने के बाद। हर्षद काम ढूढ़ने व आगे की पढ़ाई के लिए, मुंबई आ गए। यहां उन्होंने लाला लाजपत राय कॉलेज में दाखिला लिया। इन्होंने सन 1976 में अपना B.Com पूरा किया।

Harshad Mehta
जीवन मे संघर्ष

   स्नातक पूरा होने के बाद, हर्षद ने बहुत सारे निम्न दर्जे के काम किए। जिनमें garments और appliances बेचना तक शामिल था।हर्षद ने मुम्बई में एक जौहरी के यहाँ, हीरा घिसने का भी काम किया। इसके बाद इन्होंने सीमेंट बेचने का काम किया। इस समय तक हर्षद मेहता भी नहीं जानते थे। वे भविष्य में क्या करने वाले हैं। 

कुछ समय बाद Harshad Mehta को, न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में काम करने का मौका मिला। यहां हर्षद ने Stock Market की पूरी जानकारी इकट्ठा की। फिर हर्षद ने अपने तेज दिमाग के बल पर। बहुत ही कम समय में शेयर मार्केट की, सभी बारीकियों को समझ लिया। इसके बाद इन्होंने, यहाँ से इस्तीफा दे दिया। अब तक इनका interest शेयर मार्केट में हो चुका था। 

Harshad Mehta
जीवन का Turning-Point

 शेयर मार्केट में अपनी रुचि को देखते हुए। इन्होंने 1984 में अपने भाई के साथ,खुद की एक कंपनी शुरू की।इसका नाम Grow More Research & Asset Management था। इन्होंने मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में मेंबरशिप भी ले ली। हर्षद ने साल 1986 में trading करना शुरू कर दिया। 1990 में बहुत से लोंगो ने भी, हर्षद की farm में invest करना शुरू कर दिया।

90 का दशक आते-आते हर्षद को, उनकी पहचान मिलना, शुरू हो गई थी। लगभग हर अखबार और मैगजीन में हर्षद का चेहरा दिखाई पड़ने लगा था। इसी दौरान देश के बड़े-बड़े लोगों के साथ, हर्षद का उठना-बैठना हो गया था। तब ऐसा भी माना जाता था। हर्षद जिस कंपनी के शेयरों को खरीदता था। उनकी कीमतें बहुत तेजी से बढ़ जाती थी। इसी दौरान हर्षद ने जब ACC के शेयर खरीदे। उस समय, उस शेयर की कीमत मात्र ₹200 थी। जो कि हर्षद के खरीदने के बाद ही, सीधे ₹9000 तक चली गई।

Harshad Mehta की LifeStyle

 हर्षद मेहता की जिंदगी, किसी Bollywood के सुपरस्टार से कम नहीं थी। हर्षद के पास मुम्बई के वर्ली  एरिया में, एक खूबसूरत sea-facing, 15000 sq feet का  पेंटहाउस था। इसमें mini golf course और एक swimming pool भी था।हर्षद का lifestyle पूरी तरह से बदलता चला गया।

हर्षद को गाड़ियां बेहद पसंद थी। इनके पास एक से बढ़कर एक, लग्जरी गाड़ियों की भरमार थी।इसमें Toyota Corolla, Lexus LS 400, Toyot Sera नाम की Luxurious car थी। ये शायद उस समय के अमीरों के लिए भी महँगी थी। बड़े-बड़े लोगों के साथ, उनका उठना-बैठना भी शुरू हो गया था।

Harshad Mehta की सफलता का राज

 सभी लोग हर्षद की सफलता को लेकर, चकित थे। वहीं दूसरी ओर, सभी उनकी सफलता का राज जानने को उत्सुक भी थे। सभी यह सोच कर परेशान थे। आखिर हर्षद करता क्या है।आखिर कैसे शेयर में इतने बदलाव, इतनी जल्दी हो जाते है।

    हर्षद की बैंकिंग सिस्टम में बहुत अधिक जान-पहचान थी। जिसका वह फायदा उठाया करता था। बैकों को जब भी पैसों की जरूरत होती है। वह सरकारी बांड को गिरवी रखते है। फिर दूसरे बैंकों से लोन लेते हैं। लेकिन अंत में bonds का लेन-देन नहीं होता। बल्कि एक रसीद से ही काम चल जाता हैं। यह सभी काम बिचौलियों के जरिए होते हैं। इन सब बातों का ज्ञान, हर्षद मेहता को भली-भाँति था।वह इसी नब्ज़ को दबोच चुका था। 

      इसी के चलते, हर्षद को कभी भी शेयर मार्केट में पैसों की कमी नहीं रहती थी। हर्षद ने इन पैसों को Share Market में लगाया। फिर बहुत सारा मुनाफा कमाया। इस रकम का अंदाजा, कोई भी ठीक ढंग से नहीं लगा सकता। 

यह सब लोगों को खटकने लगा था। भारत में शेयर मार्केट, उस वक़्त तेजी से विकसित हो रही थी। भारत में विदेशी निवेश के बढ़ने से, शेयर मार्केट में अचानक growth हो गई थी। लेकिन अचानक उसी समय मार्केट का हाल बेहाल हो गया।शेयर मार्केट नीचे चली गई। जिसके चलते हर्षद मेहता,बैंकों का पैसा लौटाने में असमर्थ हो गया। इसी के बाद हर्षद मेहता कांड अखबारों और न्यूज़ चैनल की सुर्खियां बन गया। फिर पूरे देश में हलचल मच गई।

Harshad Mehta
Scam - 1992

   कुछ ही समय बाद, Times of India की पत्रकार सुचेता दलाल ने, आखिरकार Harshad Mehta का भाड़ा फोड़ ही दिया। इसके बाद सुचेता ने The Scam नाम की एक किताब भी लिखी। हालांकि, सुचेता पहले काफी समय से, इस पूरे प्रकरण पर नजर रखे हुए थी। इससे जुड़े सभी तारों को, एक-एक कर खंगाल रही थी। अंत में सुचेता को सफलता, सन 1992 में जाकर मिली।

      सुचेता को खबर मिली थी। हर्षद बैंकों से 15 दिन के लिए Loan लेता है। फिर 15 दिनों बाद वह Loan चुका देता है। जबकि आश्चर्य की बात यह थी। कि कोई भी बैंक 15 दिनों के लिए लोन नहीं देता। इन सब के लिए, हर्षद अपने तेज दिमाग का, भरपूर इस्तेमाल किया करता था।

      मेहता ने stamp paper और bank recipt का इस्तेमाल करके, करोडों रुपये कमाए।उस वक्त जब एक बैंक को दूसरे बैंक से government security लेनी होती थी।तो उस security को दिलवाने का काम broker का होता था। एक broker इन दोनों banks की कड़ी बनकर deals करवाता था। यहाँ broker हर्षद मेहता थे। इन्होंने सिस्टम की बुरी हालत का भरपूर फायदा उठाया।

      RBI की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1992 का यह घोटाला रुपए 4025 करोड़ का था। जिसमें सबसे ज्यादा SBI के साथ 600 करोड़ fraud किया गया था। इस घोटाले का खुलासा करने वाली सुचेता दलाल,जो टाइम्स ऑफ इंडिया की पत्रकार थी। इन्हें सन 2006 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।

इस घोटाले की चर्चा अब संसद तक होने लगी थी। आखिरकार इसके लिए, एक संयुक्त सदस्य समिति बनाई गई। जो कि इसकी जांच कर सके। CBI ने इस केस की जांच करते हुए। उसके दो भाइयों को भी गिरफ्तार कर लिया। हर्षद के खिलाफ अब तब 72 आपराधिक मामले और 600 से ज्यादा दीवानी मामले दर्ज हो चुके थे।

Harshad Mehta - प्रधानमंत्री पर रिश्वत लेने का आरोप

 इसके बाद हर्षद मेहता ने, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें यह तक कह डाला। कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को, उसने एक करोड़ रुपयों की रिश्वत दी थी। इसे कांग्रेस ने एक सिरे से नकार दिया। सोनिया गाँधी ने कहा कि ऐसा कुछ भी नही हुआ। CBI को भी रिश्वत देने के, कोई ठोस सबूत नही मिले।

इसके बाद एक-एक कर, Harshad Mehta को केस से जमानत मिलनी शुरू हो गई। लेकिन सन 2001 में एक बार फिर, हर्षद मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया।उन्हें गिरफ्तार कर ठाणे जेल भेज दिया गया।

Harshad Mehta की रहस्यमयी मौत

 Stock Broker व तेज दिमाग के मालिक Harshad Mehta की मौत भी बड़े ही रहस्यमय ढंग से हुई। हर्षद मेहता criminal custody के चलते, Thane जेल में रखे गए थे। जहां उन्होंने अचानक सीने में तेज दर्द, होने की शिकायत की। फिर इन्हें Thane के सिविल हॉस्पिटल में admit करवाया गया। आखिरकार 31 दिसंबर 2001 में हर्षद की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। उस समय उनकी उम्र मात्र 47 वर्ष ही थी।

Harshad Mehta Series
हर्षद मेहता वेब सीरीज

  हर्षद मेहता के जीवन पर, अभी एक Film और एक Web movie बनाई गई है। फिल्म The Big Bull में अभिषेक बच्चन, हर्षद मेहता का किरदार निभाते नजर आएंगे। वहीं Scam 1992 नाम की Web-series में प्रतीक गांधी को, हर्षद मेहता का रोल करते देखा जा सकता है। यह फिल्म सुचेता दलाल के The Scam नामक किताब से प्रेरित होकर बनाई गई है।

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