History of Jalebi | जलेबी का इतिहास| जलेबी कैसे बनाते हैं | Jalebi Recipe

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Jalebi का नाम सुनते ही, मुंह में पानी आ जाता है। Jalebi भारत के हर कोने में खाई जाती है। यह बात बहुत कम लोग जानते हैं। कि यह स्वादिष्ट व्यंजन, मूल रूप से भारत का नहीं है। Jalebiya से jalebi बनने तक का सफर बहुत ही रोचक है।वास्तविकता में जलेबी भारत की न होकर, एक विदेशी व्यंजन है।आइए जानते हैं। इसके इतिहास को- जलेबी ने भारत में, अपनी जगह कैसे बनाई। इसी प्रकार जाने :  MDH Masala KingDharampal Gulati। Motivational Biography in Hindi।

History of Jalebi

History of Jalebi
जलेबी का इतिहास

जलेबी की रोचक यात्रा
नाम  जलेबी
पिता का नामजिलिबिया (फारसी)
माता का नामजलाबिया (अरबी)
जन्म10वीं शताब्दी (लगभग)
भाई-बहन• जिलपी
• जिबली 
• जेलपी
• इमरती
• जहांगीरी
• पाक
मूल सामग्री• उर्द दाल 
• मैदा 
• बेसन
• चावल
• चीनी की चाशनी
मूलनिवासशक्कर(sugar) या गुड़(jaggery) की चाशनी

   Jalebi ki kahani
जलेबी की कहानी

 होब्सन जोबसन के अनुसार, जलेबी शब्द फारसी के जिलिबिया व अरबी के जुलाबिया शब्द से बना है। इसका उल्लेख 10वीं शताब्दी में पाक-कला से जुड़ी कई किताबों में पाया जाता है। ऐसा भी माना जाता है। मध्य पूर्व  के देशों से ही जलेबी का भारत में आगमन हुआ। इस क्षेत्र के देशों में, जलेबी को जलाबिया कहा जाता है। इनमें उत्तर अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया भी शामिल है।जो मध्य सागर से लगा हुआ है।

Jalebi का सबसे पुराना उल्लेख उस किताब में मिलता है।जो 13 वीं शताब्दी में middle eastern में लिखी गई। यह पाककला से सम्बंधित किताब-अल-तबिक़ है। फारसी शब्द में जलोबिया के नाम से जानी-जाने वाली जलेबी। जब भारत आई,तब जलेबी बन गईं। इसको रमजान के महीने में गरीबों में वितरित किए जाने के लिए तैयार किया जाता था। फारसी भाषा अफगानिस्तान, इराक और ईरान में बोली जाती है। मुगल यही के थे। मुगल जब भारत आए। तब Jalebi की स्वादिष्ट recipe भी अपने साथ लेकर आए।

ऐसा भी माना जाता है ।भारतीय तटों पर तुर्की व फारसी, व्यापारियों का जब आगमन हुआ। तब उनके साथ जलेबी भी भारत आई।  इसने जल्द ही लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली। 15 वीं शताब्दी तक जलेबी यहां के, festivals की मुख्य sweet dish बन गई। 1450 में जैन लेखक जैनसुर ने अपनी पुस्तक प्रियंकर नृपकथा में, इसका उल्लेख किया है। उसमे यह बताया गया है।कैसे अमीर व्यापारियों के द्वारा, अपनी सभा में, इसका आनंद लिया जाता था।

उस समय जलेबी को भारत में कुंडलिका या जल वल्लिका नाम से जाना जाता था। 17वीं शताब्दी की पुस्तक गुण्यगुणबोधिनी (Gunyagunabodhini)  में भी, इसका उल्लेख मिलता है। जो संस्कृत पद्य के रूप में लिखित है। इस पुस्तक में जलेबी तैयार करने के, विभिन्न तरीकों की व्याख्या की गई है। यह तरीके जलेबी बनाने के आजकल के, तरीकों से समानता रखते हैं। नादिर शाह को जलोबिया बहुत पसंद थी। वह इस पकवान को इराक से भारत लेकर आया। इसे यहां का प्रमुख मिष्ठान बनने में अधिक समय नहीं लगा। इसी प्रकार जाने : स्वस्थ लंबे खुशहाल, जीवन जीने के लिए। Japanese secret- IKIGAI को अपनाएं

History of Jalebi
भारत मे जलेबी इस प्रकार आई

थोड़ी मीठी, थोड़ी चिपचिपी, मुंह में स्वाद बिखेरती। यह जलेबी आज खाद्य जाएके का, एक अभाज्य हिस्सा बन चुकी है। जलेबी की मिठास चखकर ऐसा लगता है। मानो सब्र का फल मीठा होने वाला जुमला। जिस किसी ने भी लिखा होगा। शायद उस समय, उसके हाथ में जलेबी का टुकड़ा ही रहा होगा।

यूरोप के कई देशों में, ईरानी भोजनालय में, इसे ईरानी चाय के साथ भी परोसा जाता रहा। फिर इसे वापस जुलाबा के नाम से जाना गया। भारत में एक अन्य मिठाई भी जलेबी की तरह है। जिसे इमरती कहा जाता है। इसका पुराना नाम अमृती यानी कि अमृत के समान मीठा था। लेकिन फारसी प्रभाव के कारण, इसे इमरती कहा जाने लगा।

कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार, यह जलेबी फारसी जुबान बोलने वाले तुर्की आक्रमणकारियों, के साथ भारत में आई। इस बात को ध्यान में रखा जाए। तो जलेबी भारत में लगभग 550 वर्ष पुरानी है। बीते  5 सदियों में, जलेबी में कई परिवर्तन हुए है। इस प्रकार जलेबी का जो इतिहास है। इसके आकार की तरह गोल-मोल माना जाता है। इस प्रकार से देखा जाए। तो भारत में जलेबी परसिया से आई है। यह दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से बिकती है।

History of Jalebi
अलग-अलग देशों मे, अलग-अलग नाम

पश्चिमी एशिया में जलेबी को जिलपी, जिबली, जेलपी, इमरती, जहांगीरी और पाक के नाम से भी जाना जाता है। जलेबी का स्वाद और उसका नाम, हर समुदाय और अलग-अलग देशो के साथ बदलता जाता है। कुछ देशों में इसे उड़द दाल के आटे से बनाया जाता है। तो कहीं बेसन,मैदा व चावल के आटे के साथ बनाया जाता है।

वहीं कुछ देशों में इसे, सिर्फ बेसन और आटे के साथ बनाया जाता है। संस्कृत में इसे सुधा कुण्डलिका भी कहते है। भारत में भी जगह के हिसाब से जलेबी के नाम में थोड़ा तो परिवर्तन आ जाता है। बंगाली में इसे जिलपी, तो मराठी में जिलबी कहा जाता है। इसी प्रकार जाने : Never Eat Alone Book Summaryबातों का Master बनाना सिखों।

Kinds of Jalebi
जलेबी के प्रकार

जलेबी के अनेको प्रकार(variety) भारत और पूरे संसार में पाए जाते है। आप जानकर हैरान हो जाओगे। एक ही जलेबी को, कितनी अलग-अलग variety में बनाया जाता है।इसके विभिन्न प्रकार, इनमें प्रयोग किये जाने वाले ingredients के आधार पर होते है।

Plain Jalebi- ये लगभग किसी भी शहर की shops पर आसानी से उपलब्ध होती है।जिसे सामान्य रूप मैदे से बनाई जाती है।

Kesar Jalebi- जलेबी का यह प्रकार,सामान्यतया कुछ अच्छी shops में उपलब्ध होता है। इसे भी मैदे व बेसन के आटे से बनाया जाता है।बस चाशनी में केसर(saffron) डाला जाता है।जो जुवान पर एक विशेष aroma के साथ ही, लाजवाब स्वाद देता है।

Dry Fruits Jalebi- इस प्रकार की जलेबी में आटे के साथ ड्राई फ्रूट्स को पीसकर मिलाया जाता है, जिससे इसका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है फिर इसके ऊपर चांदी का वर्क लगाया जाता है।

Imrati Jalebi-  यह भी जलेबी का ही एक रूप है। जिससे उड़द की दाल को पीसकर, इसका खमीरा उठाया जाता है। फिर इसे चाशनी के साथ डुबोकर। serve किया जाता है।

Rabdi Jalebi-  यह जलेबी लगभग प्लेन जलेबी की तरह ही होती है। बस इसे serve करते समय। ऊपर से रबड़ी का प्रयोग किया जाता है। जो इसके स्वाद को कई गुना बढ़ा देता है। यह उत्तर भारत में प्रमुखता से प्रयोग की जाती है।

Apple Jalebi-  एप्पल जलेबी में मैदा, बेसन के साथ सेब के गूदे को भी मिलाया जाता है। यह जलेबी को एक नया स्वाद व रूप देता है। इसका स्वाद साधारण जलेबी से अलग होता है।

Mawa(Khoya) Jalebi-  इसे तैयार करने के लिए उर्द की दाल में, बराबर मात्रा में खोए का प्रयोग किया जाता है। इसका स्वाद भी अन्य प्रकार की जलेबी से अलग होता है।

Paneer Jalebi-  नाम के अनुरूप ही, इस प्रकार की जलेबी में। मैंदे के साथ, पनीर को crash करके मिलाया जाता है। फिर इसे चाशनी में डुबोकर। इसके ऊपर केसर(saffron)को डाला जाता है। यह भी एक विशेष प्रकार का स्वाद व रूप देती है। इस प्रकार की जलेबी सामान्यतया, पश्चिम बंगाल में अधिक प्रयोग की जाती है।

Jaggery(Gud) Jalebi- इसका स्वाद, आपको मुख्यतया मध्य प्रदेश में खाने को मिलेगा। यह भी एक सामान्य जलेबी का ही रूप है। बस इसकी चाशनी में शक्कर की जगह, गुड़ का प्रयोग किया जाता है।

Karachi/Sindhi Jalebi-  यह जलेबी आसानी से कराची व सिंध प्रांत के क्षेत्रों में मिलती है। जो वजन में कुछ ज्यादा बड़ी होती है। इसलिए इसे जलेबा भी कहते है।

Parsi Jalebi-  यह जलेबी भी पारसी एरिया में मिलती है। यह बहुत बड़े आकार में बनाई जाती है। जिसका एक जलेबी का वजन लगभग 500 ग्राम तक होता है। यह देखने में बहुत रसीली दिखती है। इसे garnish करने के लिए, इसके ऊपर dry fruits डाले जाते हैं।

Nepali(Jeri) Jalebi-  यह मुख्यतः नेपाल की दुकानों पर उपलब्ध होती है। इससे बहुत महीन बनाया जाता है। रस में भीगी, इस जलेबी का स्वाद भी अलग ही होता है। इसी प्रकार जाने : Stillness is the Key Book Summary एक ऐसा रहस्य जो सबसे छिपाया गया।

History of Jalebi

Jalebi Recipe
जलेबी बनाने की विधि

जलेबी की बनाने की सामग्री
(Ingredients)
जलेबी के batter के लिए :
मैदा
(all purpose Flour)
1कप / 150g
मक्के का आटा
(Corn flour)
4 tbsp
खाने वाला सोड़ा
(Baking Soda)
1/4 tsp
खाने वाला रंग
(Food color)
1/4 tsp
दही
 (Yogurt)
4 tbsp
पानी 
(water)
150 ml
चाशनी के लिए सामग्री
शक्कर
(sugar)
3 कप
पानी
(water)
1 or 1/2 कप
छोटी इलायची
(Cardamom)
4 या 5

Step 1 –  सबसे पहले, हम एक बर्तन में मैदे को लेंगे। इसमें दी गई मात्रा में बेकिंग सोडा व food color को अच्छे से मिलाएगे। अब कॉर्न फ्लोर को भी अच्छे से मिलाएंगे। जब यह सभी चीजें अच्छे से मिल जाए। तब इसमें 150ml पानी धीरे-धीरे मिलाकर, batter को तैयार करेंगे। batter ऐसे तैयार करें। ताकि इसमें जरा से भी lumbs ना पड़े। अब इसमें दही को मिलाकर अच्छे से फेटेंगे।बस हमारा batter तैयार है।अब इस batter को अच्छे से बंद करके 15 से 20 मिनट के लिए रख देंगे। ताकि इसमे हल्का खमीर उठ जाए।आप baking soda की जगह Eno का भी इस्तेमाल कर सकते है।

Step 2 – जब तक हमारा batter तैयार होता है।तब तक हम चाशनी बनायेगे।इसके लिए एक पैन में 3 कप चीनी लेंगे।फिर इसे चीनी घुलने तक गर्म करेंगे।इलायची को कूट कर पाउडर बना लेंगे। इस पाउडर को चीनी के घोल में डालेंगे।चाशनी को 4 से 5 मिनट तक पकने दे।

चाशनी की consistency देखने के लिए, इसकी कुछ बुदें, पानी में डालेंगे।इसके ठंडा होने पर दो उँगली के बीच रख कर check करेगें।इसमे बहुत महीन तार आएगा,तो हमारी चाशनी तैयार है।चाशनी में आधे नींबू का रस डालेंगे।जिससे हमारी चाशनी जामेगी नही।

Step 3 – अब जलेबी बनाने के लिए,एक पैन में घी को तेज आँच पर गरम करेंगे।जब घी गरम हो जाये,तो इसे medium आँच कर देंगे।अब batter को,प्लास्टिक की थैली या स्वास की बोतल में भर लेंगे।बस गर्म घी में गोल-गोल जलेबी बनाते हुए तल लेंगे। सुनहरी तली जलेबियों को निकालकर,गर्म चाशनी में डालेंगे। हमारी गरमा-गरम जलेबियाँ बन कर तैयार है।

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