Recognize the Opportunity | मौंके को पहचानों | Best Hindi Motivational Kahaniyan

Recognize the Opportunity
मौक़े को पहचानों

हमें अपनी जिंदगी में मौके तो एक से बढ़कर एक मिलते हैं। हम उन्हें पहचान नहीं पाते हैं। इसीलिए हम जहां हैं, वहीं रह जाते हैं। कभी आगे नहीं बढ़ पाते। हम उन मौकों को इसलिए नहीं पहचान पाते। कहीं न कहीं हमारे अंदर knowledge की कमी होती है। मौके हमारी जिंदगी में बहुत से आते हैं। बस जरूरत है। हमें उन्हें सही समय पर पहचानने की। सही तरीके से उनका इस्तेमाल करके आगे बढ़ने की। ऐसी ही कुछ कहानियां है। जो आपको जीवन में आगे बढ़ने व opportunity को पहचानने में मदद करेंगी।

Opportunity (अवसर)
पहली कहानी

एक राजा था। उसने सोचा कि बहुत दिन शिकार पर गए हो गए। उसने सैनिकों की एक टुकड़ी को अपने साथ लिया। फिर शिकार पर निकल गया। जंगल में कुछ ही देर बाद, उसे एक हिरण नजर आया। राजा ने बिना देर किए हुए, अपना घोड़ा उसके पीछे लगा दिया। हिरण काफी तेज भाग रहा था। राजा भी ठीक उसके पीछे ही भाग रहा था। शिकार के पीछे भागते-भागते राजा अपने सैनिकों से काफी दूर आ चुका था। तभी अचानक हिरन पेड़ों के बीच में कहीं गायब हो गया। तब जाकर कहीं राजा रुका।

       उसे एहसास हुआ कि वह जंगल में रास्ता भटक चुका है। उसे बहुत भूख लगी थी। वह खाने की तलाश में यहां-वहां भटकने लगा। तभी उसे एक झोपड़ी दिखाई दी। उसने झोपड़ी का दरवाजा खटखटाया। तब अंदर से एक आदमी बाहर निकला। राजा ने उसे बताया कि वह रास्ता भटक चुका है। वह रात भर के लिए आसरा चाहता है। उस आदमी ने राजा को अंदर बुलाया। उसकी खूब सेवा की। अगले दिन जब राजा चलने लगा। तो उसने उस आदमी को बताया। वह उसकी सेवा से बहुत खुश है। उसे वह चंदनवन देना चाहता है।

वह आदमी वैसे भी, एक सीधा-साधा लकड़हारा था। जो चंदन का महत्व नहीं जानता था। इसीलिए रोज चंदन की लकड़ी को काटता। उसे जलाकर कोयला बनाता।फिर उसे बेच देता। इसी प्रकार कोयला बनाकर बेचते-बेचते, बहुत साल बीत गए। एक दिन राजा को, उस आदमी की याद आई। राजा उससे मिलने निकल पड़ा। राजा ने सोचा कि अब तक तो बहुत धनवान बन गया होगा। खुशी से जीवन बिता रहा होगा। राजा जब उससे मिलने पहुंचा। तो उसने देखा कि वह अभी भी गरीबी में ही जी रहा है।

Vital Part of the Story

  जब राजा ने उसकी गरीबी का कारण जाना। तो राजा ने अपना सर पिट लिया। राजा ने उस आदमी को बताया। चंदन बहुत मूल्यवान लकड़ी होती है। जब उस आदमी ने चंदन का महत्त्व जाना। वह बहुत दुखी हुआ। वह अपनी मूर्खता पर बहुत ही पछताया। तब राजा ने उसका ढाँढस बढ़ाते हुए कहा। दुखी होने से, तो कुछ भी नहीं मिलने वाला है। तुम्हारे पास अब जो आखरी पेड़ बचा है। उसका सदुपयोग करो। आगे एक खुशहाल जीवन जीयो।

इस कहानी में हमने देखा। उस आदमी के पास एक बहुत ही सुनहरा मौका आया था। उसका इस्तेमाल करके, वह अपनी जिंदगी बदल सकता था। लेकिन जानकारी न होने के कारण और चंदन का महत्व न जाने के कारण। वह गरीब का गरीब ही रह गया। हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही होता है। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में हमारे पास कई सारे मौके आते हैं। लेकिन जानकारी के अभाव में, कहीं न कहीं हम उन मौकों को गवा देते हैं। समय पर उनका इस्तेमाल नहीं कर पाते। इसी वजह से हम जहां हैं, वहीं रह जाते हैं।

Moral of the Story- Opportunity

 इन सारी बातों का निष्कर्ष यह है कि कुएं का मेंढक बने रहने से, कुछ भी हासिल नहीं होता। आपको भी दुनिया के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हर चीज के बारे में जानकारी प्राप्त करो। हर मौके को पहचानने की कोशिश करो। तब कहीं जाकर आप अपनी जिंदगी में आगे बढ़ पाओगे।

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Opportunity (अवसर)
दूसरी कहानी

  कई बार हम अपनी जिंदगी में आने वाली opportunity को  व छोटे-छोटे मौकों को गवां देते हैं। एक बार ऐसे ही कुछ हुआ। नदी के किनारे दो लोग बैठे हुए, मछलियां पकड़ रहे थे। वह बहुत जोश में थे। वे जल्द से जल्द मछली पकड़ना चाहते थे।। दोनों मछुआरों ने नदी में अपना कांटा फेंका। फिर मछली के फंसने का इंतजार करने लगे। दोनों ने एक-दूसरे को देखा। फिर से नदी की तरफ आंखें पसारे, मछली फसने का इंतजार करने लगे। अभी कुछ  कुछ ही देर हुई थी। एक मछुआरे के कांटे में, एक बड़ी मछली फँस गई। उसे देखकर वह बहुत खुश हुआ। 

    उसने दूसरे मछवारे की ओर देखते हुए। अपनी खुशी जाहिर की।फिर अपने पास रखे, एक बड़े से डब्बे में उस मछली को रख दिया। अब फिर से कांटा नदी में फेंका। कुछ देर बाद उसके काँटे में छोटी-छोटी मछलियां भी फँस गई। वह बहुत खुश हुआ। उसने सारी मछलियाँ, अपने उस डब्बे में रखी। अब करीब एक घंटा हो गया था। दूसरे आदमी के कांटे में एक भी मछली नहीं फँसी थी। यह देखकर पहले मछवारे ने उससे कहा। मैं तुम्हारी कुछ मदद कर देता हूं। लेकिन उस दूसरे मछवारे ने बिल्कुल मना कर दिया।

कुछ ही देर में, दूसरे मछवारे के काँटे में भी एक बड़ी सी मछली फंसी। अब थोड़ी देर उसने मछली को देखा। फिर से उसे नदी में फेंक दिया। यह देखकर पहला मछवारे को हैरानी तो हुई। लेकिन उसने कुछ कहा नहीं। अब देखते-देखते उस दूसरे मछवारे के काँटे में और भी मछलियां फँसी। बड़ी कई तरह की बड़ी मछलियां फँसी। लेकिन वह फिर से ऐसे ही करता है। कोई मछली फँसती। वह उसे ध्यान से देखता। फिर से उसे नदी की ओर फेंक देता।

Vital Part of the Story

  अब यह सब पहले मछवारे से देखा नहीं गया।उसने उस दूसरे मछवारे से पूछ लिया। जब तुम्हारे कांटे में मछलियां फँस रही है। तब तुम उन्हें नदी में क्यों फेक रहे हो। तुम यहां पर अपना समय, क्यों बर्बाद कर रहे हो। तब उस दूसरे मछवारे ने कहा। वह सब मछलियां बड़ी थी। मेरे पास कोई भी बड़ा बर्तन नहीं है।जिसमें इन्हें पका सकूँ। इसलिए मैं उन्हें नदी में फेंक रहा हूं। मैं कुछ छोटी-सी मछली की तलाश में हूं। जो मेरे बर्तन में आसानी से आ सके। मैं उसे आसानी से पका सकूं।उसका जवाब सुनकर, पहला मछवारा हंसा। फिर उसने उसे सलाह दी। दोस्त, अगर तुम्हारे पास बड़ा बर्तन नहीं है। तो तुम बड़ी मछली को काटकर भी, पका सकते हो।

Moral of the Story- Opportunity

  हममें से ज्यादातर लोग, उस दूसरे मछवारे की तरह होते हैं। एक बड़ा-सा लक्ष्य हासिल करने के चक्कर में। रास्ते में आए हुए, छोटे-छोटे मौके व opportunity को देख ही नहीं पाते। कई बार यह छोटे मौके ही, हमें बड़े goals की तरफ लेकर जाते हैं। हमें अपनी जिंदगी में हर मौके को, हर अवसर को, खुशी से स्वीकार करने की जरूरत है। हो सकता है, यही छोटे-छोटे मौके। हमें हमारे बड़े goals की तरफ लेकर जाएं।

हमेशा याद रखिए कि सपने आपके हैं। तो आप ही पूरा करोगे। ना ही कभी हालात, ना ही कभी लोग, आपके हिसाब से होंगे। मैं हमेशा आपसे एक ही उम्मीद रखता हूं अब अपनी जिंदगी में सब कुछ हासिल कर सकते हैं आप हर वह चीज हासिल कर सकते हैं जो आप चाहते हैं मुझे आपके सपनों पर पूरा यकीन है।

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Opportunity (अवसर)
तीसरी कहानी

  एक बार एक लड़का अपने जीवन(life) में बहुत परेशान था। उसे जब परेशानी कोई हल नही मिला।तब वह अपने गुरु जी के पास गया। वह गुरुजी से कहता है। मैं बहुत परेशान हूं, मेरे पास पैसा नहीं है। मैं चाहता हूं कि मेरे माता-पिता बहुत खुश रहें। मै उन्हें ढेर सारी खुशियां दे सकूं। मैं उन्हें सारे तीर्थों को घुमाना चाहता हूं। यह जो मैं बोल रहा हूं। उसके लिए मेरे पास बहुत अधिक पैसे होने चाहिए। जो मेरे पास नहीं है।

     गुरुजी ने उसकी पूरी बात सुनी।फिर उसे एक ऐसी जगह ले गए। जहां पर बहुत सारे कंकड़(stone) पड़े हुए थे। उन्होंने उस लड़के से कहा कि इन केकड़ों में, एक कंकड़ ऐसा भी है। जो किसी भी धातु(metal) को सोने(gold) में बदलने की क्षमता रखता है। वह कंकड़ जिस पर रखोगे। वह सोने का हो जाएगा। उस कंकड़ की पहचान होगी, उसके तापमान से। यह सब कंकड़ छूकर महसूस करोगे। तो वह ठंडे लगेंगे। लेकिन गोल्ड में बदल देने वाली कंकड़ गर्म महसूस होगी। उसकी पहचान करने के लिए, तुम्हे सारे ककड़ों को छू कर देखना होगा। जो कंकड़ अधिक गर्म लगे। वही कंकड़ उचित होगा। उससे तुम किसी भी धातु को, आसानी से सोने में बदल सकते हो। तुम अपनी जिंदगी में जितना चाहो, उतने पैसे कमा सकते हो। फिर तुम्हारी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।तुम्हारे पास अधिक पैसा होगा। जिससे तुम अपने सारे सपने पूरे कर सकते हो।

     यह सुनकर वह लड़का बहुत खुश हो गया। उसने देखा कि यह तो बस कुछ महीनों की ही बात है। मुझे रोज के कुछ ही घंटे से देने होंगे। फिर जिंदगी की सारी समस्या दूर हो जाएंगे और मैं अपने सारे सपने पूरे कर पाऊंगा। लेकिन वह लड़का नहीं जानता था। जो task उन गुरु जी ने दिया है। वह बहुत सोच-समझ कर दिया है। अगर इतना ही आसान होता। तो बात ही क्या थी।

       अब लड़का उस काम पर लग गया। वह उन सभी ककड़ो को हाथ से छू कर महसूस करता। उसे जो कंकड़ ठंडी महसूस होती। वह उन्हें समुद्र में फेंक दिया करता था। अगर वह कंकड़ समुद्र में नहीं फेंके। तो फिर से वही कंकड़ उनमें मिल जाएगी। महीनों तक उसे यही करना था। तो उसे लगा कि कहीं कुछ कंकड़ फिर से उसी में ना मिल जाए। यह सोच कर वह उन ठंडे ककड़ो को समुद्र में फेंक दिया करता था।

      पहले दिन उसने 5 घंटों तक यह काम किया। उसने जितने भी ककड़ छूकर महसूस किए। वह सभी ठंडे निकले। फिर वह उन्हें समुद्र में फेंकता गया। इसी प्रकार एक दिन निकला,फिर दो दिन निकले। ऐसा करते-करते एक सप्ताह निकला,फिर दो सप्ताह निकल गए। ऐसे ही समय बीतता गया। एक महीना, दो महीना और तीन महीने बीत गए। लेकिन उस लड़के को अब तक,वह गर्म कंकड़ नहीं मिला। उसे सारे ककड़ ठंडे महसूस हो रहे थे। जिन्हें वह समुद्र में फेंकता जा रहा था। लेकिन वह निराश नहीं हुआ, क्योंकि उसे पता था कि एक न एक दिन वह गर्म कंकड़, उसे जरूर मिलेगा।वह इसी विश्वास के साथ, आगे लगा रहा।

अब उस लड़के की कंकड़ ढूंढने की speed अधिक बढ़ गई थी। लेकिन उसने पहले की अपेक्षा, अब कंकडों को जांचना परखना कम कर दिया था। अब वह उतनी बारीकी से उन कंकडों को नहीं परखता था। जितना उसने शुरू के तीन कंकडों को परखा था।दूसरी तरफ से ऐसे भी कह सकते हैं कि उसके दिमाग की कुछ ऐसी कंडीशनिंग हो गई थी। उसकी कुछ ऐसी habit हो गई थी। फटाफट उन कणों को छूकर। उन्हें समुद्र में फेंकने की।

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Vital Part of the Story

  ऐसे ही करते-करते, पाँचवे महीने में कुछ ही दिन बचे थे। इतनी मेहनत करने के बाद, उसके हाथ में वह गर्म कंकड़ आया। उसने महसूस भी किया कि वह गर्म था। लेकिन जैसे कि उसकी habit थी।जल्दी से हर कंकड़ को समुद्र में फेंकने की। उसने वह गर्म कंकड़ भी समुद्र में फेंक दिया। फेकने के तुरंत बाद कुछ एहसास हुआ कि यह तो वही गर्म कंकड़ था लेकिन तब तक देर हो चुकी थी अब वह समुद्र से उस कंकड़ को नहीं निकाल सकता था उसे अपने ऊपर पछतावा हो रहा था हाथ आए कंकड़ को उसने समुद्र में फेंक दिया

       वह फिर से महात्मा जी के पास, अपने पछतावे को लेकर जाता है। तब महात्मा जी उससे कहते हैं। अब तो तुमने हाथ आये मौके को गंवा दिया। यह सब तुम्हारी उस आदत की वजह से हुआ।जब तुमने हर कंकड़ को हल्के में लेना शुरू कर दिया। तुमने आदत बना ली थी। तुरंत कंकड़ को देखने और समुद्र में फेंकने की।

 मैं तुम्हें यही शिक्षा देना चाहता था। हाथ आए मौके को,कभी नहीं गंवाना चाहिए। जिस दिन आपने अपने हर दिन को हल्के में लेना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे हर चीज को हल्के में लेना, आपकी habit बन जाएगी। ऐसे में आप अपने उस opportunity को खो देंगे। आपकी जिंदगी में वह गर्म कंकड़ एक अपॉर्चुनिटी है। हर एक कंकड़ एक नया दिन है। बस जरूरत है।तो उस गर्म कंकड़ को पहचानने की।

Moral of the Story- Opportunity

आप अपने जीवन में आए मौकों न गवां दे। वह गर्म कंकड़ कब आपके हाथ में आएगा। आप कभी नहीं जानते।जिस वक्त आपने, हर दिन को हल्के में लेना शुरू कर दिया।अपनी आदत में शामिल कर लिया।तब पता नही कब,  वो opportunity आपके हाथ से निकल जाए।  इसलिये हर दिन से कुछ नया सीखना चाहिए। हर दुख से कुछ सीखना चाहिए। हर situation से सीखना चाहिए।

अचानक कब आपके हाथ में वह गर्म कंकड़ आ जाए। जो आपकी पूरी जिंदगी बदल दे। जिंदगी के हर दिन को ऐसे जियो जैसे वह वह गर्म कंकड़ है। जो पता नहीं कब आपका पूरा जीवन को बदल दे।

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