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Rinku Singh Biography in Hindi
रिंकू सिंह का जीवन परिचय
यह एक ऐसे क्रिकेटर हैं। जिनके पिता गैस का सिलेंडर ढोते हैं। घर की आर्थिक स्थिति ऐसी, जिसने उनके पिता की कमर तोड़ दी। उनके पिता कभी हिम्मत ही नहीं जुटा पाए। कि वह अपने बेटे को क्रिकेटर बनाएं। उन्होंने अपने बेटे को हमेशा सलाह दी। कि पढ़ो लिखो और कुछ बनों। लेकिन वह तो पढ़ाई-लिखाई से कोसों दूर था।
लेकिन उसके लिए तो बैट-बॉल ही, उसकी सारी दुनिया थी। जब भी उसे मौका मिलता है। वह क्रिकेट खेलने निकल जाता। उस दिन भी वो क्रिकेट खेलने ही गया था। जब वह अपना मैच खेल रहा था। तब उसके पिता घर में बैठे, आगबबूला हो रहे थे। उनकी आंखों में गुस्से की ज्वालामुखी धधक रही थी। समय बीतने के साथ ही, उनका गुस्सा भी सातवें आसमान पर जा रहा था।
मैच खत्म होते ही, वह मस्तमौला, कुछ बेफिक्री के अंदाज में, घर की ओर बढ़ा। लेकिन घर में कदम रखते ही, उसका स्वागत छड़ी से हुआ। वह छड़ी तब तक, उसके पीठ पर बरसती रही। जब तक उसके पिताजी थक नहीं गए। लेकिन जब उनके पिता का गुस्सा शांत हुआ। तो उसने अपने पिताजी को बताया। कि उसने क्रिकेट के दम पर मोटरसाइकिल जीती है।
इतना सुनते ही पिताजी की आंखें नम हो गई। उनके माथे पर पछतावे की स्पष्ट लकीरें थी। चंद ही पलों में, उनका गुस्सा मोम की तरह पिघल गया। उन्होंने छड़ी के दो टुकड़े करके, इतनी दूर फेंका। कि उनके हाथ कभी उस तक न पहुंच सके। उनकी आंखों में चमक और उम्मीद की झलक दिखाई पड़ने लगी। वह समझ चुके थे। इस परिवार में केवल वही है। जो उन सबको गरीबी से बाहर निकालेगा।
आज वह दिन है। जब सारी दुनिया उसकी दीवानी हो चली है। चारों तरफ सिर्फ उसी के चर्चे हैं। उसने जो भी किया। वह लोगों के लिए, अविश्वसनीय है। ऐसे शायद खिलाड़ी हैं। जिन्होंने आखिरी ओवर की 5 बालों में 5 छक्के जड़े हो। उसने इस नामुमकिन को भी, मुमकिन बना दिया। उस खिलाड़ी को सोशल मीडिया और क्रिकेट जगत में, आज रिंकू सिंह के नाम से जाना जाता है। इसी प्रकार जाने : हार्दिक पांड्या जीवन परिचय। Hardik Pandya Biography in Hindi (Net worth)।
Rinku Singh – An Introduction
Rinku Singh – IPL Star Batsman | |
वास्तविक नाम | रिंकू खानचंद्र सिंह जाटव |
उपनाम | रिंकू |
जन्म तिथि | 12 अक्टूबर 1997 |
जन्म स्थान | अलीगढ़ उत्तर प्रदेश |
पिता | खानचंद्र सिंह |
माता | वीना सिंह |
शैक्षिक योग्यता | कक्षा 9 पास |
पेशा | क्रिकेटर |
प्रसिद्धि | आईपीएल 2023 में, अंतिम 5 गेंदों पर 5 छक्के लगाने का रिकॉर्ड |
डेब्यु | • एफसी मैच- यूपी बनाम पंजाब, हैदराबाद (2016) • T20- यूपी बनाम विदर्भ, नागपुर (2014) • लिस्ट ए मैच- यूपी बनाम विदर्भ, जयपुर (2014) • आईपीएल मैच- किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से (2017) |
घरेलू टीम | उत्तर प्रदेश (2014) |
प्रमुख टीमें | • कोलकाता नाइट राइडर्स • किंग्स इलेवन पंजाब • उत्तर प्रदेश अंडर-19 |
शारीरिक मापदंड | • लंबाई – 5 फ़ीट 5 इंच • वजन – 66 किग्रा |
बल्लेबाजी की शैली | बाएं हाथ के बल्लेबाज |
गेंदबाजी की शैली | दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज |
जर्सी नंबर | #3 |
कोच | • मसूद उज जफर अमीनी • सुरेश शर्मा • मंसूर अहमद |
आईपीएल में खरीदा (2023) | ₹80 लाख (कोलकाता नाइट राइडर्स के द्वारा) |
नेटवर्थ | ₹4 करोड़ |
रिंकू सिंह का प्रारंभिक जीवन
रिंकू सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में, 12 अक्टूबर 1997 को हुआ था। रिंकू सिंह पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। इनके पिताजी खानचंद्र सिंह पेशे से गैस डिलीवरी मैन हैं। जो घर-घर जाकर एलपीजी गैस सिलेंडर की सप्लाई करते हैं। इनकी माताजी वीना सिंह है। जो एक ग्रहणी है।
रिंकू की एक बहन नेहा सिंह हैं। उनके बड़ा भाई जीतू सिंह हैं। जो एक कोचिंग सेंटर में काम करके, घर को चलाने में, पिताजी की आर्थिक मदद करते हैं। तो वहीं पर, छोटा भाई भी ऑटो रिक्शा चलाकर, घर की जिम्मेदारियां में सहयोग करता है। यह 7 लोगों का परिवार, दो कमरों के एक छोटे से झोपड़े में रहता था।
खानचंद्र बमुश्किल 6 – 7 हजार ही जुटा पाते थे। इसी में पूरे परिवार का गुजर-बसर होता था। उनके पिता बिल्कुल भी नहीं चाहते थे। कि उनका बेटा क्रिकेट में, अपना समय बर्बाद करें। जिसके चलते अक्सर रिंकू की पिटाई भी हो जाती थी। उनके पिताजी नहीं चाहते थे कि वह भी गरीबी के दलदल में धँसे।
लेकिन रिंकू सिंह को उनकी बात समझ में नहीं आती थी। आती भी कैसे, क्योंकि उन्हें तो क्रिकेट के सिवा कुछ आता ही नहीं था। उन्होंने सोच लिया था कि अब जो कुछ भी होना है। वह खेल से या खेल में ही होना है। इसी प्रकार जाने : Shreyas Iyer Biography In Hindi। डिप्रेशन और रिजेक्शन को मात देकर उभरा महान बल्लेबाज।
रिंकू सिंह की शिक्षा
रिंकू की प्रारंभिक शिक्षा अलीगढ़ के मॉडर्न आइडियल पब्लिक स्कूल से हुई थी। वह शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई में फिसड्डी थे। उन्हें न तो ‘ए’ फॉर एप्पल समझ में आया। न हीं ‘क’ से कबूतर। उनके साथ एक बात की अच्छाई रही। कि वह बहुत जल्द ही समझ गए थे। कि पढ़ाई-लिखाई, उनके बस की बात नहीं।
जब वह नवी कक्षा में फेल हुए। तभी उन्हें समझ में आ गया। कि परिवार वालों का पैसा और खुद का समय बर्बाद करने के बजाय, पढ़ाई छोड़ देने में ही भलाई है। रिंकू तो बस क्रिकेट के दीवाने थे। जैसे ही उन्हें क्रिकेट खेलने का मौका मिलता। वह उससे चूकते नहीं थे। यहीं से उन्होंने इंटर स्कूल टूर्नामेंट में खेला। उनका क्रिकेट कैरियर, यहीं से आगे बढ़ा।
इस टूर्नामेंट के लिए, रिंकू और उनके दोस्त अंकित का चयन हुआ था। रिंकू ने अपने पहले ही मैच में, 32 गेंदों पर 54 रन की नाबाद पारी खेली थी। वह भी उस लेदर बॉल से, जिसका उन्होंने अब तक सामना नहीं किया था।
रिंकू सिंह ने जब झाड़ू पोछा का काम किया
घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण, एक बार तो रिंकू ने क्रिकेटर बनने का सपना छोड़ दिया था। रिंकू को भी कुछ काम-धंधा करने की नसीहत दी गई। रिंकू के बड़े भाई ने, एक कोचिंग सेंटर में उन्हें काम दिलवाया। जहां उन्हें झाड़ू पोछा लगाने का काम मिला। लेकिन उन्हें यह काम रास नहीं आया। क्योंकि वह तो किसी और काम के लिए ही बने थे।
इस काम से वह काफी हताश हुए। तब उन्होंने अपनी मां से कहा कि जब तक उम्मीद है। तब तक मुझे क्रिकेट पर ही ध्यान देने दो। अगर क्रिकेट में कुछ नहीं होता है। तो कोई न कोई नौकरी तो करनी है। रिंकू को उनके घर से सपोर्ट मिलना तब शुरू हुआ। जब उन्होंने दिल्ली में खेले गए। एक मैच टूर्नामेंट में ‘मैन ऑफ द सीरीज’ का खिताब, अपने नाम किया।
इस खिताब के साथ में, उन्हें एक मोटरसाइकिल भी मिली।यह मोटरसाइकिल उन्होंने अपने पिता को दी। जिसके बाद, उनके पिता की उनसे कुछ उम्मीदें जगने लगी। अब उनके घर पर क्रिकेट को लेकर, टोका-टाकी भी बंद हो गई। बाद में, उसी मोटरसाइकिल से उनके पिता सिलेंडर की डिलीवरी करने लगे। इसी प्रकार जाने : Jasprit Bumrah ki Biography। Jasprit Bumrah Net Worth।
रिंकू सिंह का रणजी ट्रॉफी में चयन
रिंकू सिंह में क्रिकेट के जुनून को देखते हुए, कोच मसूद उज जफर अमीनी और बिजनेसमैन अर्जुन सिंह फकीरा ने, उनका साथ दिया। District level तक अपने खेल की धूम मचाने के बाद, 2012 में उनका चयन उत्तर प्रदेश की Under- 16 टीम में हो गया। इसके बाद, वह जल्द ही 2013 में, उत्तर प्रदेश के अंडर-19 टीम का भी हिस्सा बन गए।
इस दौरान रिंकू ने कई जबरदस्त पारियां खेली। साल 2015-16 की रणजी ट्रॉफी में भी, रिंकू सिंह को जगह मिल गई। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे। जिन्हें रिंकू सिंह की सफलता चुभ रही थी। 2012 में अंडर – 16 ट्रायल में, उनका नाम आने के बाद। कुछ लोगों ने उनका फॉर्म ही गायब करवा दिया। जिसके चलते वो ट्रायल में भी सम्मिलित नहीं हो सके।
यहां उनके लिए देवदूत बनकर, उनकी करीबी दोस्त जीशान आए। उन्होंने यूपी के सिलेक्टर्स तक पूरा मामला पहुंचाया। जिसके फलस्वरूप, रिंकू सिंह का दोबारा ट्रायल करवाया गया। जिसमें 154 की पारी खेलकर, रिंकू ने सिलेक्टर्स का दिल जीत लिया। लेकिन यहां उन्हें ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिल पाया।
लेकिन सीमित ओवर क्रिकेट में, उनकी बल्लेबाजी famous हो रही थी। रिंकू ने अपने डेब्यू मैच में ही, विदर्भ के खिलाफ 83 रन की पारी खेली। इसके साथ ही 2 विकेट भी चटका दिए। यहां से उन्हें भी भरोसा हो गया कि वह एक न एक दिन, टीम इंडिया के लिए भी खेलेंगे।
रिंकू सिंह को आईपीएल ऑक्शन में खरीदा गया
असली किस्मत तो उनकी अब खुलने वाली थी। जब साल 2017 के IPL Auction में, रिंकू सिंह को किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने, ₹10 लाख में खरीद लिया। किंग्स इलेवन पंजाब में रिंकू को कोई खास मौका नहीं मिला। इस साल उन्हें केवल एक ही मैच खेलने को मिला। लेकिन इसमें मिलने वाली धनराशि, उनके और उनके परिवार के लिए बहुत काम आई।
रिंकू का कहना था कि आईपीएल में खरीदे जाने तक, उनके परिवार के ऊपर बहुत सारा कर्जा था। उनके भाई और पिताजी दिन-रात मेहनत करके भी, यह कर्ज नहीं चुका पा रहे थे। साल 2017 के बाद पंजाब की टीम ने रिंकू सिंह को रिलीज कर दिया। इसी प्रकार जाने : ईशान किशन का जीवन परिचय। ईशान किशन बायोडाटा। Ishan Kishan Biography in Hindi।
रिंकू सिंह को केकेआर ने खरीदा
आज यही खिलाड़ी केकेआर के लिए, किसी कोहिनूर से कम नहीं। जब केकेआर ने 2018 में, इस खिलाड़ी को पहली बार IPL Auction में ₹80 लाख में खरीदा। जिस दौर में खिलाड़ी करोड़ों में विक्रांत बिक रहे हो वहां अच्छी लाख मायने नहीं रखता। लेकिन उस खिलाड़ी का कहना था। कि इतने सारे पैसे, तो उसके खानदान में, आजतक किसी ने नहीं देखें।
हालांकि उन्हें 2018, 2019 और 2020 में ज्यादा मौके नहीं मिले। फिर IPL 2021 में चोट के चलते, वह खेल नही सके। लेकिन जो व्यक्ति जीवन में, इतनी कठिनाइयों को झेलकर यहां तक पहुंचा हो। उसके लिए छोटी-मोटी चोट मायने नहीं रखती। उनकी मंजिल का सफर लंबा जरूर हो गया। लेकिन दूर नहीं। रिंकू सिंह खुद को साबित करने के लिए जी जान से जुट गए।
रिंकू सिंह पर बीसीसीआई का प्रतिबंध
रिंकू सिंह के साथ 2019 में, कुछ ऐसा हुआ। जिसकी उन्होंने कल्पना तक नहीं की थी। इस साल बीसीसीआई ने उनके क्रिकेट खेलने पर, 3 महीने का प्रतिबंध लगा दिया। क्योंकि रिंकू सिंह ने आबू धाबी में, T20 tournament ने हिस्सा लिया था। जिसके लिए, उन्होंने बीसीसीआई से स्वीकृति नहीं प्राप्त की थी।
इसी के चलते, उन्हें प्रतिबंध का सामना करना पड़ा। लेकिन इन मुश्किलों ने रिंकू को और मजबूत बना दिया। 2022 में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ, 23 गेंदों में खेली गई। 42 रनों की धुआंधार पारी ने, क्रिकेट प्रेमी तक उनकी पहचान बना दी थी। इसके लिए रिंकू सिंह को पहली बार आईपीएल कैरियर में ‘मैन ऑफ द मैच’ से नवाजा गया। इसी प्रकार जाने : मोहम्मद शमी जीवन परिचय। Mohammad Shami Biography in Hindi।
आईपीएल 2023 में शानदार प्रदर्शन
आखिरी 5 बोलों में 5 छक्के
आज वही रिंकू सिंह, जिन्हें क्रिकेट खेलने के लिए ईनाम में, हमेशा मार ही मिलती थी। केकेआर के इस खिलाड़ी ने पूरे क्रिकेट जगत को अचंभित करते हुए, सोचने पर मजबूर कर दिया। जिसने भी उनके मैच को देखा। वह उनकी बल्लेबाजी का कायल हो गया। केकेआर ने छठी बार रिंकू सिंह पर भरोसा जताया था।
9 अप्रैल 2023 का वह दिन था। जब नरेंद्र मोदी स्टेडियम गुजरात में, केकेआर और गुजरात टाइटंस का मुकाबला चल रहा था। गुजरात टाइटंस ने अपने होम ग्राउंड में खेलते हुए। 4 विकेट पर 204 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। यह टारगेट केकेआर के लिए थोड़ा मुश्किल था। लेकिन नामुमकिन नहीं था। वास्तव में व्यंकटेश अय्यर ने 40 गेंदों में 83 रन और नीतीश राणा ने 29 गेंदों पर 48 रन बनाए।
लेकिन 14वें ओवर में ही नीतीश, तो 16वें ओवर में व्यंकटेश मैदान से बाहर हो गए। वास्तव में राशिद ने 17वें ओवर में हैट्रिक लेकर, जीत की तरफ कदम बढ़ा दिए। राशिद खान की इस हैट्रिक ने, केकेआर की रीढ़ तोड़ दी। अब मैदान पर रिंकू सिंह और उमेश यादव मौजूद थे। आखिरी ओवर में जीत के लिए 29 रन की दरकार थी। गुजरात टाइटंस का खेमा जीत सेलिब्रेट करने की तैयारी कर रहा था।
यश दयाल पारी का आखिरी ओवर डालने आए। उनके सामने उमेश यादव थे। दयाल की पहली गेंद पर, उमेश ने सिंगल ले लिया। यह सिंगल IPL इतिहास का सबसे कीमती सिंगल था। इसके बाद जो हुआ। वह अकल्पनीय था। आखिरी की 5 गेंदें और रिंकू सिंह के बल्ले से निकले 5 लगातार छक्के।
रिंकू सिंह के आखिरी छक्के के साथ ही, केकेआर ने एक अविश्वसनीय जीत हासिल कर ली। रिंकू सिंह ने शेर के जबड़े में हाथ डालकर, जीत हासिल कर ली। इसके बाद रिंकु सिंह ने ऐलान किया कि जल्दी उनका नाम दुनिया के सबसे बेहतरीन finisher की list में शुमार किया जाएगा। रिंकू सिंह हर एक के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
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