Physics Wallah or Alakh Pandey Biography in Hindi
फ़िज़िक्स वाला (अलख पाण्डेय) का जीवन परिचय
भारत में Ed-Tech कंपनी की शुरुआत काफी पहले हो गई थी। जहां Byju’s, Unacademy व Vedantu जैसी कंपनी इसका फायदा उठाकर, इस industry के बिग बॉस बन गए। लेकिन इसी कोविड-19 के दौरान मार्केट में, एक नए Ed-Tech startup की entry हुई।
जिसने पिछले करीब 1 साल से, इन सभी giants की नींद उड़ा रखी है। यह कहानी एक ऐसे लड़के की है। जिसकी financial condition इतनी बुरी थी। कि उनकी पढ़ाई के लिए, parents ने अपना घर तक भेज दिया था। लेकिन आज उसी लड़के ने इंडिया की बड़ी-बड़ी Ed-Tech कंपनी की हालत खराब कर रखी है।
यह बात है Physics Wallah की। जो शुरू होने से सिर्फ 2 साल के अंदर, एक Unicorn Startup बन गया। खास बात तो यह है कि एक यूट्यूब चैनल से शुरू हुआ, फिजिक्स वाला। आज Ed-Tech giants को बड़ी टक्कर दे रहा है। यह कंपनी अपने पैसे के दम पर, उनके टीचर्स को खरीदने पर उतर आई है।
अब फिजिक्स वाला इतने कम समय में, इतना बड़ा स्टार्टअप कैसे बना। कि इंडिया के बड़े-बड़े Ed-Tech giants इसके पीछे पड़े हैं। वही Indian Ed-Tech Space में चल रहा, यह माजरा क्या है। यह सारी चीजें हम इस बायोग्राफी में जानने की कोशिश करेंगे।
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Physics Wallah – An Introduction
अलख पांडे का प्रारम्भिक जीवन
Early Life of Alakh Pandey
अलख पांडे का जन्म 2 अक्टूबर 1991 को, प्रयागराज के साउथ मलाका में हुआ था। इनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। अलख के पिता सतीश पांडे जी पेशे से एक प्राइवेट कंपनी में कांट्रेक्टर थे। वही उनकी मां रजत पांडे प्रयागराज के एक स्कूल में शिक्षिका थी।
इनके घर का खर्चा जैसे-तैसे चला करता था। इनके पिता की financial condition इतनी खराब थी। कि उन्हें अपना घर तक बेचना पड़ा। ताकि वह अपना नया बिजनेस शुरू कर सकें। तब अलख कक्षा 6 में पढ़ रहे थे। अलख इन सभी बातों से अनभिज्ञ थे।
उन्हें सिर्फ इतना पता था कि घर बेचने से, उनके लिए नई साइकिल आ जाएगी। घर बेचने के बाद, उनका पूरा परिवार स्लम एरिया के, एक किराए के मकान में रहने लगा। उन 2 सालों में, सतीश जी ने जो भी बिजनेस शुरू किया। उसमें वह सफल नहीं हो सके। अपने बेटे अलख और बेटी आदिति की फीस भरने के लिए भी, उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे।
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अलख की शिक्षा व प्रारंभिक संघर्ष
Alakh – Education and Early Struggle
अलख की प्रारंभिक शिक्षा प्रयागराज के बिशप जॉनसन स्कूल से हुई। जब अलख कक्षा 8 में पहुंचे। तब उन्हें समझ में आया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। ऐसे में, उनके पिता ने अलख से कहा। कि आप लोगों को ट्यूशन पढ़ानी पड़ेगी। ताकि परिवार का खर्चा चलाने के लिए, कुछ financial help मिल सके।
इन्हीं परिस्थितियों के तहत, अलख स्कूल से आने के बाद, साइकिल से दूर-दूर की होम ट्यूशन पढ़ाया करते थे। आर्थिक मदद के लिए, उनकी मां को भी अधेड़ उम्र में, एक स्कूल में पढ़ना शुरू कर दिया। अलख बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार थे। हाई स्कूल के बोर्ड एग्जाम में, उन्होंने 91% marks हासिल किए।
इसलिए उन्होंने 11th class में Science Stream को चुना। तभी से उन्हें Physics Subject से प्यार हो गया। अलख पहले से ही, स्कूल में होने वाले ड्रामा आदि में participate किया करते थे। उन्होंने उस समय भी ट्यूशन पढ़ाना जारी रखा। 11th class में उन्होंने एक कोचिंग इंस्टीट्यूट join कर लिया।
जहां कोचिंग के owner ने, उन्हें बच्चों से यह कहकर introduce करवाया। कि ये आपके नए टीचर हैं। आज से आपको, यह साइंस पढ़ाएंगे। तब वह कोचिंग में, 9th Standard के बच्चों को पढ़ाया करते थे। बच्चों को उनके पढ़ाने का अंदाज काफी पसंद आने लगा।
अलग को भी वहां पर पढ़ाने में मजा आने लगा। वे हर concept को बहुत अच्छे और मजेदार अंदाज में समझाने लगे। जिससे बच्चे उनसे आसानी से जुड़ते चले गए। इधर उन्होंने अपने 12th के बोर्ड एग्जाम में 93.5% marks हासिल किए।
अलख सर का इंजीनियर बनने का सपना
Alakh Sir – Dream to Become an Engineer
अलख का सपना आईआईटी में पढ़ने का था। लेकिन उनकी पास इतने पैसे नहीं थे। कि IIT-JEE और ट्रिपल आईटी (IIIT) जैसे एग्जाम की तैयारी के लिए, कोचिंग ले पाए। इसलिए उन्होंने इन exams को crack करने के लिए। अपनी self study जारी रखी।
इसी दौरान Uttar Pradesh Entrance Examination में, उनकी 600 rank आ गई। जिससे उनका selection कानपुर में स्थित, Harcourt Butler Technical University (HBTU) में हो गया। लेकिन उन्हें यहां पढ़ने के लिए, Banks से Education Loan लेना पड़ा। यहां तक कि उन्हें अपने रिश्तेदारों से भी पैसे मांगने पड़े।
उन्होंने एडमिशन तो ले लिया। लेकिन ब्रांच की ज्यादा जानकारी न होने के कारण, उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच को चुन लिया। उन्होंने यह ब्रांच इसलिए भी चुनी। ताकि उन्हें Physics पढ़ने का मौका मिलेगा। अलख ने अपने फर्स्ट सेमेस्टर में, फिजिक्स में सबसे ज्यादा यानी 86 marks हासिल किए।
लेकिन उनका यह सफर काफी मुश्किल भरा रहा। उनके एग्जाम शुरू होने के पहले ही खबर आई कि उनके पिता प्रयागराज में hospitalize हैं। वह तुरंत कानपुर से इलाहाबाद पहुंच गए। अलख के दिमाग में, उथल-पुथल चल रही थी। कि वह exam दे पाएंगे या नहीं।
आखिरकार उन्होंने एग्जाम देने का फैसला किया। फिर एग्जाम वाले दिन ही वह ट्रेन से वापस कानपुर लौटे। उन्होंने ट्रेन में ही बैठकर, अपनी पढ़ाई की। इधर उनके पिता दो मेजर सर्जरी के बाद, स्वस्थ होकर वापस घर आ गए। अलख कॉलेज में भी नुक्कड़ नाटकों में participate करने लगे। उन्होंने कानपुर में बहुत सारे नुक्कड़ नाटकों का मंचन किया।
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अलख को इंजीनियरिंग की पढ़ाई में रुचि न आना
Alakh lost Interest in Studying Engineering
अलख को कॉलेज की पढ़ाई में interest नहीं आ रहा था। क्योंकि कभी कॉलेज में, proper ढंग से टीचर नहीं पढ़ाते। तो कभी लैब की मशीनें काम नहीं करती। उनके इन सवालों का जवाब नहीं मिल पाता। कि आखिर मशीनों का क्या use है। इनके बारे में, कोई क्यों नहीं समझाता।
फिर एग्जाम में स्टूडेंट के वही 5 साल पुराने पेपर को रटकर, पास होने वाले pattern से वह काफी दुखी थे। उन्हें यह सब ठीक नहीं लगा। उन्हें लगा कि उनकी life सही direction में नही जा रही है। थर्ड ईयर तक आते-आते, उनका कोचिंग के प्रति लगाव बढ़ गया। अलख उस समय भी कानपुर के एक कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ा रहे थे।
जैसी कि उनके पढ़ाने की विद्या थी। जिसके कारण वह बच्चों के बीच काफी popular हो गए थे। कोचिंग के मालिक ने, उनके प्रदर्शन को देखते हुए कहा। कि देखना आने वाले 10 सालों में, तुम 7000 बच्चों को पढ़ाओगे। यह सुनते ही उनके दिमाग में आया कि बस 7000 बच्चे।
उनका सपना काफी बड़ा था। वह अपनी पहुंच को बढ़ाना चाहते थे। हालांकि उन्हें कोचिंग से, अच्छे खासे पैसे मिल रहे थे। लेकिन कॉलेज में, उनका इस माहौल में मन नहीं लग रहा था। फिर उन्होंने कॉलेज छोड़ने का मन बना लिया। घर में उन्होंने अपनी बहन आदिति को बताया। कि अब वह इंजीनियरिंग नहीं करना चाहते हैं। वह कॉलेज drop करना चाहते हैं।
उनकी बहन उनकी situation को समझा। साथ ही यह सांत्वना भी दी कि तुम वापस घर आ जाओ। मैं सारा लोन चुका दूंगी। लेकिन उनके पिता नहीं चाहते थे। उनका बेटा कोई भी ऐसा decision न ले। जो बाद में, उनके favor में न हो। क्योंकि उनके पिता भी, इन्हीं हालातों से गुजर चुके थे। कॉलेज छोड़ने के बाद, वह कानपुर से वापस अपने घर प्रयागराज आ गए।
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अलख सर बने फिजिक्स वाला
Alakh’s Journey to become Physics Wallah
अलख सर ने प्रयागराज में, एक कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ाना शुरू कर दिया। इसके बाद, उन्होंने 2014 में एक और कोचिंग इंस्टीट्यूट Software Educational Academy को join कर लिया। इसके साथ ही, उन्होंने अपनी reach को बढ़ाने के लिए, Physics Wallah नाम से एक फेसबुक पेज तैयार किया।
जिसमें उन्होंने फिजिक्स से संबंधित memes अपलोड करना शुरू कर दिया। ताकि उन्हें कुछ online attention मिल पाए। लेकिन वह इन सब चीजों में ज्यादा successful नहीं हो पाए। इसी दौरान 28 जनवरी 2014 को, Physics Wallah Alakh Pandey नाम से एक यूट्यूब चैनल तैयार किया।
Simultaneously अलख ने offline कोचिंग पढ़ाना और यूट्यूब में वीडियो अपलोड करना शुरू कर दिया। वह यूट्यूब में, प्रदीप क्षेत्रपाल सर से काफी inspired थे। वह चाहते थे कि वह भी उनकी तरह फिजिक्स पढ़ाएं। लेकिन उनके शुरुआती वीडियो नहीं चले। 2015 में फिर से उन्होंने वीडियो सीरीज तैयार की।
इसके बाद 2016 में, नई energy के साथ, उन्होंने फिर से यूट्यूब पर फिजिक्स पढ़ाना शुरू किया। सौभाग्य से, इस बार उनकी वीडियो चल गई। उनकी वीडियो का setup काफी normal हुआ करता था। यानी एक छोटा white-board, smart phone जो कि एक ट्राइपॉड पर लगा होता था।
तभी उन्होंने यूट्यूब पर observed किया। कि कोई भी ऐसा टीचर नहीं है। जो ICSE Board वालों को पढ़ा रहा हो। Almost सभी टीचर CBSE Board वालों को ही पढ़ा रहे थे। इसलिए उन्होंने 10th वाले स्टूडेंट्स को टारगेट कर, फिजिक्स से संबंधित Videos upload करना शुरू कर दिया।
बच्चों को उनकी unique teaching style काफी पसंद आने लगी। कमेंट सेक्शन में, वह स्टूडेंट्स के कमेंटस को suggestions के तौर पर देखा करते थे। फिर feedback मिलने के बाद, वह अपनी teaching में और भी सुधार करने लगे।
अलख सर को यूट्यूब से मिला पहला भुगतान
Alakh Sir Got First Payment from Youtube
Continuously वीडियो डालने के बाद, 1 साल में करीब 10000 subscribers भी पूरे हो गए। जिसका outcome यह निकला कि 2017 के आखिर में, उन्होंने offline tuition पढ़ाना भी बंद कर दिया। उन्हें उस समय तक, यह भी नहीं पता था। कि यूट्यूब से अच्छी इनकम की जा सकती है।
उनके दोस्त संजीव बोस ने, उन्हें चैनल को monetize करने का suggestion दिया। फिर Channel के monetize होते ही, उनकी पहली इनकम ₹8000 की थी। उनका हमेशा से ही ये मकसद था। कि वह अपनी वीडियो से, ऐसे बच्चों की हेल्प कर सकें। जो competitive exams की महँगी कोचिंग इंस्टिट्यूट का खर्चा नहीं उठा पाते। इसलिए वह IIT-JEE और NEET से संबंधित content को भी, अपनी videos में डालने के लिए लगे। वह अब videos की form में mock test, test series और various problems related videos, motivational videos और live videos भी करने लगे।
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फिजिक्स वाला ने एप्प लॉन्च की
Physics Wala Launched its App
2020 में, जब भारत में लॉक डाउन लग गया था। तो सभी स्टूडेंट ऑनलाइन क्लासेज में ही भरोसा करने लगे। इस बीच जो बच्चे JEE Mains और NEET की तैयारी कर रहे थे। उनके लिए अलख सर, एक dedicated app फिजिक्स वाला लेकर आए। जहां स्टूडेंट्स अलख सर के साथ live interaction कर सकते थे।
इस एप्प का सब्सक्रिप्शन चार्ज मात्र ₹999 था। इसे बच्चों का अलग सर के प्रति प्यार कहें या कुछ और। क्योंकि फिजिक्स वाला एप्प लांच के दिन ही क्रैश हो गई। क्योंकि अधिक संख्या में, इसका प्ले स्टोर से डाउनलोड हुआ। प्ले स्टोर में इस एप्प के लांच होने के 32 घंटे बाद ही, इसके 1.5 लाख डाउनलोड हो चुके थे।
यह एप्प पूरे प्ले स्टोर में ट्रेंड कर रहा था। इस एप्प में स्टूडेंट्स को, live classes, proper notes और mock test से संबंधित content मिलने लगे। जो कि बाकी Ed-Tech कंपनी के मुकाबले, 10 गुना कम रेट पर थे। जिसने भारत में सच में, एक revolution ला दिया था।
इसके बाद अलख सर ने अपने सेटअप को अपग्रेड किया। अपनी video quality भी improve की। App में बढ़ते enrollment को देखते हुए। अलख सर ने different batch के different course के लिए। अलग-अलग टीचर्स को appoint किया। उन्होंने interview और demo classes के आधार पर, 4 नए टीचर्स को टीम में शामिल कर लिया।
अलख सर ने 75 करोड़ का ऑफर ठुकराया
Alakh Sir Rejected the offer of 75 crores
अलख सर की popularity को देखते हुए। एक Giant Ed-tech company ने उन्हें 75 करोड़ों का ऑफर दिया। जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। इस बात का बदला लेने के लिए, उस Ed-tech कंपनी ने, उनके टीम को तोड़ना शुरू कर दिया। फिर PW के टीचर्स को, अपनी कंपनी में लेना भी शुरू कर दिया।
इस बात से आहत अलख सर ने, उस कंपनी के लिए एक वीडियो अपलोड किया। जिसमें उन्होंने अपना motive clear किया। अगर तुम एक अलख पांडे ले जाओगे। तो मैं सौ अलख पांडे खड़ाकर दूंगा। वह अपनी टीम में देश के दिग्गज और प्रतिभाशाली टीचर्स को लेकर आ गए। जहां उन्होंने इन टीचर्स साथ मिलकर, PW के प्लेटफार्म को और भी ज्यादा बेहतर किया।
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फिजिक्स वाला पर बनी वेब सीरीज
Web Series on Physics Wallah
फिजिक्स वाला यानी अलख सर की journey पर, एक 6 एपिसोड की वेब सीरीज बनी है। जो बहुत ही जल्द ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली है। अभी हाल ही में, अलग सर ने अपनी दोस्त शिवानी दुबे से engagement भी की है।
फिजिक्स वाला की अन्य उपलब्धियां
Other Achievements of Physics Wallah
फिजिक्स वाला के proper knowledgeable videos व NEET और JEE के लिए teachers का interaction session की वजह से। आज काफी बच्चों का selection बड़े और अच्छे कॉलेज में हो रहा है। आज फिजिक्स वाला ने अपने अलग competitive exams की तैयारी के लिए,अपने प्लेटफार्म को अलग-अलग भाषाओं में extend भी किया।
लॉकडाउन के बाद, फिजिक्स वाला को वह ऑफलाइन मोड में भी ले गए। जहां आज 20 से ज्यादा शहरों में, फिजिक्स वाला की ऑफलाइन कोचिंग सेंटर भी हैं। अभी हाल ही में, कोटा राजस्थान में फिजिक्स वाला की गूंज आसमान तक सुनाई दे रही है। जहां उन्होंने PW Vidya Peeth की स्थापना की।
जिसकी फीस बाकी competitors institute की तुलना में काफी कम है। जिसे अधिकतर सभी बच्चे afford कर सकते हैं। फिजिक्स वाला के co-founder प्रतीक माहेश्वरी, फिजिक्स वाला कंपनी की backbone है। जहां अलख सर और प्रतीक माहेश्वरी ने fundraise करते हुए। $1 million जुटाए। जिसके चलते आज फिजिक्स वाला कंपनी, देश की 101वीं यूनिकॉर्न कंपनी बन गई।
जहाँ आज PW में 2000 से ज्यादा एम्पलाई, 500 टीचर्स और 200 एसोसिएट प्रोफेसर हैं। इसके साथ ही PW की popularity भारत में ही नहीं। बल्कि पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश जैसे कई देशों में भी है। जिससे कहा जा सकता है कि PW is not a Brand, It’s an Emotion.
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