Kuldeep Yadav Biography in Hindi| कुलदीप यादव का जीवन परिचय| World Cup – 2023

Kuldeep Yadav Biography in Hindi – कुलदीप यादव का जीवन परिचय, जीवनी, जन्म स्थान, एशिया कप 2023 में प्रदर्शन, चाइना मैन बॉलर [Biography of Kuldeep Yadav in Hindi, height, stats, Bowling Style, IPL 2023]

अक्सर वही लोग अपने सपने पूरे कर पाते हैं। जो खुली आंखों से सपने देखते हैं। फिर बिना दिन और रात देखे, अपने सपने के पीछे पड़ जाते हैं। वह तब तक नहीं रुकते, जब तक उनका सपना पूरा न हो जाए। भारतीय टीम में लगातार बदलाव तो होते रहते हैं। जिनमें कुछ नए चेहरे सामने आते हैं। तो वही कुछ पुराने खिलाड़ी पीछे हटते चले जाते हैं। लेकिन इसी बीच कुछ ऐसे खिलाड़ी भी सामने आए हैं। जिनकी बॉलिंग और बैटिंग का तरीका ही अलग है। 

        एक ऐसा गेंदबाज जो किसी तूफान की तरह आया। फिर कोहराम मचाकर, किसी बवंडर की तरह चला गया। सबको लगा चाइनीस समान की तरह, यह चाइनामैन गेंदबाज भी बहुत जल्द खत्म हो गया। लेकिन कहा जाता है, अगर टैलेंट पर काम किया जाए। तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। इस गेंदबाज की किस्मत में भी और गिल्लियां उड़ाना बाकी था। भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर होने के बाद, इस गेंदबाज ने खुद के ऊपर खूब पसीना बहाया।

       आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई। 2023 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए, उसे टीम में शामिल किया गया। अक्सर चाय टपरियों पर, जब इस चाइनामैन की चर्चा होती है। तो उनके एक्शन को लेकर, कुछ न कुछ बातें जरूर होती है। उनके एक्शन के चलते, उनकी गेंद कुछ ज्यादा टर्न होती है। न जाने कितने गेंदबाज आए, जिन्होंने अपने एक्शन के चलते सुर्खियां बटोरी।

      लेकिन इनकी बॉलिंग स्टाइल न केवल नई है। बल्कि टीम के लिए बहुत जरूरी भी है। चाइना मैन कुलदीप यादव की गूगली, किसी भी गेंदबाज को नचा सकती है। जिसका नजारा एशिया कप-23 में भी देखने को मिला। लेकिन इनके जीवन में, एक समय ऐसा भी था। जब इन्होंने आत्महत्या करने की सोच ली थी। आज हम उनके संघर्ष के बारे में, जानने की कोशिश करेंगे।

Kuldeep Yadav Biography in Hindi

Kuldeep Yadav Biography in Hindi
कुलदीप यादव का जीवन परिचय

पूरा नामकुलदीप यादव
उपनाम• केडी 
• चाइना मैन
जन्मतिथि14 दिसंबर 1994
जन्म स्थानउन्नाव, उत्तर प्रदेश
पिताराम सिंह यादव (ईट भट्ठा के मालिक)
माताउषा यादव (गृहणी)
गृह नगरकानपुर, उत्तर प्रदेश
स्कूलकेडीएमए इंटरनेशनल अकैडमी, कानपुर
भाई बहन• अनीता यादव (बहन) 
• अनुष्का सिंह यादव (बहन)
• मधु यादव (बहन)
पेशाभारतीय क्रिकेटर (गेंदबाज)
गेंदबाजी की शैली• चाइना मैन गेंदबाज
• बाएं हाथ के स्पिन कलाई गेंदबाज
• फिरकी गेंदबाजी में माहिर
बल्लेबाजी की शैलीबाएं हाथ के बल्लेबाज
अंतर्राष्ट्रीय डेब्यूटेस्ट: 25 मार्च 2017 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ
वनडे: 23 जून 2017 वेस्ट इंडीज
T20: 9 जुलाई 2017 वेस्ट इंडीज के खिलाफ
घरेलू टीम• सेंट्रल जोन 
• कोलकाता नाइट राइडर्स
• मुंबई इंडियंस 
• उत्तर प्रदेश अंदर 19
शारीरिक मापदंडलंबाई: 168 सेमी
वजन: 62 किलोग्राम
छाती: 38 इंच 
कमर: 30 इंच 
बाइसेप्स: 12 इंच 
आंखों का रंग: भूरा रंग
बालों का रंग: काला
कोचकपिलदेव पांडे
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
इनकम₹15 लाख प्रति टेस्ट मैच
₹8 लाख प्रति वनडे 
₹4 लाख प्रति T20 
₹50 लाख प्रतिमाह
नेटवर्थ₹36 करोड़ लगभग

कुलदीप यादव का प्रारंभिक जीवन

    कुलदीप यादव का जन्म 14 दिसंबर 1994 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक छोटे से गांव में हुआ। इनके पिता राम सिंह यादव है। जो कि इसी गांव में कई ईंटों के भठ्ठे चलाते थे। इनकी माता का नाम उषा यादव है। यह एक गृहणी है। इनके पिता को भी क्रिकेट का बहुत शौक था। वह अपने जमाने में कॉलेज लेवल के क्रिकेटर थे। लेकिन ज्यादा मौके न मिलने की वजह से, वह ऊपर तक नहीं खेल सके।

      कुलदीप के चाचा भी स्टेट लेवल के क्रिकेटर थे। यहीं कारण था कि वे कुलदीप को क्रिकेट के लिए और प्रोत्साहित करते थे। कुलदीप से बड़ी उनकी तीन बहनें भी हैं। कुलदीप की सबसे बड़ी बहन का नाम अनीता यादव है। उनसे छोटी अनुष्का यादव और कुलदीप से बड़ी बहन का नाम मधु यादव है। इसी प्रकार जाने : हार्दिक पांड्या जीवन परिचयHardik Pandya Biography in Hindi (Net worth)।

कुलदीप यादव की शिक्षा

 कुलदीप यादव के करियर की वजह से साल 2004 में, उनका पूरा परिवार कानपुर में रहने लगा। कुलदीप की शिक्षा-दीक्षा भी कानपुर में ही हुई। कुलदीप यादव ने अपनी शिक्षा कानपुर के, कर्मा देवी मेमोरियल एकेडमी इंटरनेशनल से पूरी की। 8 साल की उम्र में ही, कुलदीप ने प्रोफेशनल क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। उनके स्कूल में ही क्रिकेट अकादमी भी थी।

       कुलदीप का टेनिस बॉल क्रिकेट में बहुत दिलचस्प थी। उनका वेट उम्र के हिसाब से कुछ ज्यादा था। इसलिए रनिंग और फिजिकल एक्सरसाइज के लिए, उनके चाचा ने उन्हें अपने साथ फील्ड में ले जाना शुरू किया। अपने चाचा के साथ, यहां आते आते उनकी भी दिलचस्पी बढ़ने लगी। कुलदीप की बाकी बच्चों से अलग, बैटिंग से ज्यादा बोलिंग में रुचि थी। वह वसीम अकरम और जहीर खान की तरह तेज गेंदबाज बनना चाहते थे।

कुलदीप यादव की क्रिकेट ट्रेनिंग की शुरुआत

 कुलदीप के पिता, उन्हें कानपुर के रोवर्स क्लब अकादमी ले गए। जहां कोच कपिल देव पांडे ने, कुलदीप की हाइट और वेट देखकर कहा कि इसकी लंबाई 5’6″ या 5’7″ से ज्यादा नहीं बढ़ेगी। इसलिए इसे स्पिन बॉलिंग करना चाहिए। यह कुलदीप के जीवन में पहली बार था। जब उन्हें किसी ने लिमिट किया हो। फिर जब उनसे स्पिन बॉलिंग करने को कहा गया। तो कोच उनकी बॉलिंग देखकर हैरान रह गए। वह चाइना मैन था।

        सौ में से केवल एक ही बच्चा, ऐसी बॉल डाल सकता था। कोच को पता था कि यह रेयर टैलेंट है। कुलदीप तब भी फास्ट बॉलिंग करना चाहते थे। कोच ने कहा कि अगर क्रिकेट खेलना है। तो स्पिन बोलिंग ही करनी पड़ेगी। कुलदीप को लगा कि कोच उनके गुरु हैं। अगर वह कुछ कह रहे हैं। तो कुछ सोचकर ही कह रहे होंगे। उन्होंने कोच की बात मानी। कोच कपिल देव पांडे एक बैट्समैन थे। जो पार्ट टाइम ऑफ़ स्पिनर थे।

     वह रिस्ट स्पिन की बेसिक तो सीखा सकते थे। लेकिन हाई लेवल की ट्रेनिंग, अब आगे का चैलेंज था। उस समय इंटरनेट, स्मार्टफोन और यूट्यूब का जमाना नहीं था। एकमात्र शेन वार्न हीं थे। जो उस समय के बेहतरीन रिस्ट स्पिनर थे। कोच और कुलदीप दोनों मिलकर, शेन वार्न के सारे मैच देखते थे। कोच उन्हें शेन वार्न की बोलिंग को, ऑब्जर्व करने को कहते थे।

       दिन में 6-7 घंटे और सप्ताह में 6 दिन की प्रैक्टिस चाइनामैन बोलिंग, कुलदीप में नेचुरल थी। शेन वार्न की skill को replicate करके, वह घातक स्पिनर बन चुके थे। एक बार अकादमी के अंडर 12 मैच में, सभी लोगों ने कहा। अभी लड़का बहुत छोटा है। अभी भी वक्त है, आप किसी और का नाम दे दो। कोच ने कहा, कोई बात नहीं। मैच के बाद देखना, कौन छोटा है और कौन बड़ा। उस मैच में कुलदीप ने छह विकेट लिए। इसी प्रकार जाने : Shreyas Iyer Biography In Hindiडिप्रेशन और रिजेक्शन को मात देकर उभरा महान बल्लेबाज।

कुलदीप यादव का डिप्रेशन के बाद आत्महत्या का विचार

   13 साल की उम्र में ही, कुलदीप अपने से 10-12 साल बड़े खिलाड़ियों के साथ मैच खेलते थे। 2008 में जब कुलदीप अंडर-15 की ट्रायल देने गए। तो वहां एक फार्मर यूपी प्लेयर ने, उन्हें लेफ्ट आर्म फिंगर स्पिन करने को कहा। कुलदीप ने अपने रिस्ट स्पिन की बजाय, फिंगर स्पिन किया। वह ट्रायल में रिजेक्ट हो गए। उनके लिए यह बहुत बड़ा रिजेक्शन था। 

       उन्हें अपने पिता का सपना धुंधला होते हुए दिख रहा था। वह बहुत निराश थे। यह वह वक्त था, जब कुलदीप के पिता की कार एक्सीडेंट में बहुत गम्भीर इंजरी हुई थी। जब वह आईसीयू में थे। तो एक दिन बरसात में, भट्ठे में पड़ी लाखों की गीली ईंटे, गलकर मिट्टी में मिल गई। बिजनेस में बहुत बड़ा नुकसान हुआ। उन्हें घर बेचकर किराए के मकान में रहना पड़ा।

       यह सभी बातें कुलदीप के दिमाग में चल रही थी। वह दिन दिन भर रोते रहते थे। उन्होंने डिप्रेशन के चलते, आत्महत्या करने का भी कदम उठाया। लेकिन उनके मित्र, परिवार और कोच ने उन्हें समझाया। यह जीवन का अंत नहीं है। यह तो शुरुआत है। अपनी ताकत को पहचानों। इसी प्रकार जाने : मोहम्मद शमी जीवन परिचयMohammad Shami Biography in Hindi।

कुलदीप यादव की सफलता

   दो साल बाद अंडर-17 ट्रायल में, कोच ने उनसे उनकी स्ट्रैंथ स्पिन चाइनामैन बॉल डालने को कहा। जिसके बात कुलदीप का यूपी अंडर-17 टीम में सिलेक्शन हो गया। अब उनको रोकने वाला कोई नहीं था। हर टूर्नामेंट में, वह 30 से 40 विकेट ले रहे थे। उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए। साल 2012 में, उनका इंडिया अंडर-19 टीम में सिलेक्शन हो गया। 

      इसी साल आईपीएल 2012 में, मुंबई इंडियंस ने उन्हें 10 लाख के बेस प्राइस पर, अपनी टीम में शामिल कर लिया। इसके बाद अगले 2 साल तक, उन्हें कोई भी आईपीएल मैच खेलने को नहीं मिला। लेकिन उस 20 लाख से, परिवार को बहुत आर्थिक मदद मिली। 2013 में श्रीलंका अंडर-19 के खिलाफ, सीरीज में उनका शानदार प्रदर्शन था। 

     टेस्ट और ओडीआई दोनों में ही, वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले थे। दो टेस्ट मैचों की चार इनिंग में, उन्होंने 14 विकेट लिए। उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन 38 रन पर 6 विकेट था। ओडीआई के तीन मैचों में, उन्होंने पांच विकेट लिए। अक्टूबर 2013 में हुई एक अंडर-19 सीरीज में भी, वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले थे। 6 मैच में उन्होंने 10 विकेट लिए। 

      जिंबॉब्वे के खिलाफ अंडर-19 में, उन्होंने 34 रन देकर 4 विकेट लिए। इतने अच्छे फॉर्म को देखते हुए। 2014 में अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए, उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया। ग्रुप ए के पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ, उन्हें एक विकेट नहीं मिला। लेकिन अगले मैच में स्कॉटलैंड के खिलाफ, कुलदीप ने हैट्रिक ली। इस टूर्नामेंट में वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बने। इस टूर्नामेंट में, उन्होंने 14 विकेट लिए। इसी प्रकार जाने : शुभमन गिल का जीवन परिचयShubman Gill Biography in Hindi।

कुलदीप यादव का अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू

 इसी साल आईपीएल में केकेआर ने उन्हें, 40 लाख में अपनी टीम में शामिल कर लिया। इन पैसों की मदद से, उनकी बहनों की शादी हुई। टीम में पीयूष चावला और सुनील नारायण जैसे स्पिनर होने की वजह से, कुलदीप को इस आईपीएल में, एक भी मैच नहीं मिला। वर्ल्ड कप में अच्छे प्रदर्शन के बाद, स्टेट टीम में उनका सिलेक्शन हुआ। 31 मार्च 2014 को उन्होंने अपना T20 में डेब्यू किया। 

     विदर्भ के खिलाफ, अपने डेब्यू मैच में उन्होंने 4 ओवर में 29 रन देकर, दो विकेट लिए। अक्टूबर 2014 में हुए वेस्टइंडीज दौरे के लिए, कुलदीप को भारतीय टीम के लिए बुलावा आया। लेकिन इस सीरीज में भी उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली। 22 अक्टूबर 2014 को, उन्होंने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया। दिलीप ट्रॉफी में नॉर्थ जोन खिलाफ 23 ओवर में 94 रन देकर 3 विकेट लिए।

      दिलीप ट्रॉफी 2016-17 में वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले थे। 3 मैचों की 5 इनिंग में, उन्होंने 17 विकेट लिए। इस प्रदर्शन के बाद, 2017 में उन्हें भारतीय टेस्ट टीम के लिए बुलावा आया। 25 मार्च 2017 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू किया। इसमें उन्होंने डेबिट वार्नर के रूप में, अपना पहला टेस्ट विकेट लिया।

      इस मैच की पहली पारी में उन्होंने 23 ओवर में 68 रन देकर, 4 विकेट लिए। 27 जून 2017 को, उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना ओडीआई डेब्यु किया। इसके बाद 9 जुलाई 2017 को उन्होंने अपना T20 इंटरनेशनल डेब्यू किया। इंटरनेशनल क्रिकेट में कुलदीप का धमाकेदार आगाज हुआ। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, अपना हैट्रिक लिया।

     इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ, 2019 में एक और हैट्रिक ली। वह ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी बने, जिन्होंने ओडीआई में दो बार हैट्रिक ली हो। इसी प्रकार जाने : रविन्द्र जडेजा जीवन परिचयRavindra Jadeja Biography in Hindi।

कुलदीप यादव के कैरियर में उतार चढ़ाव

  चहल और कुलदीप के जोड़ी ने, भारतीय टीम को काफी मैच में जीतकर दिए। लेकिन जब बैट्समैन कुलदीप की बाल को पढ़ने लगे। तो उन्हें बहुत मार पड़ी। साल 2019 से कुलदीप का परफॉर्मेंस गिरता गया। आईपीएल 2019 में मोईन अली ने, एक ओवर में 27 रन मारे। कुलदीप को एहसास हुआ कि अब उन्हें अपग्रेड होने की जरूरत है।

       अपने स्किल को इंप्रूव करने की जरूरत है। इसके लिए कुलदीप ने जबरदस्त मेहनत की। 2020 आईपीएल में उनकी फार्म अच्छी थी। लेकिन केकेआर ने उन्हें ज्यादा मौका नहीं दिया। 2021 में घुटने की चोट  के कारण, आईपीएल से बाहर होना पड़ा। 2022 आईपीएल में, दिल्ली कैपिटल ने उन्हें दो करोड़ में, अपनी टीम में शामिल कर लिया। इस आईपीएल में उनका बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा। इस टूर्नामेंट के 14 मैच में, उन्होंने 21 विकेट लिए। 

     अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए, जून 2022 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ होने वाले T20 सीरीज में, उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया। लेकिन चोट के कारण, उन्हें इस सीरीज से भी बाहर होना पड़ा। यह तो बस उनके सब्र का इम्तिहान था। उनका समय जल्दी आएगा। इसी प्रकार जाने : Babar Azam Cricketer Biographyकैसे शून्य से शिखर तक पहुंचे बाबर।

कुलदीप यादव का एशिया कप 2023 में प्रदर्शन

  एशिया कप 2023 में कुलदीप का प्रदर्शन शानदार रहा। कप्तान रोहित शर्मा ने उनके ऊपर भरोसा जताया। जिसका परिणाम ये रहा कि कुलदीप यादव एशिया कप 2023 में प्लेयर ऑफ़ द सीरीज बने। उन्होंने सबसे ज्यादा विकेट लिए। कुलदीप ने सुपर-4 राउंड में पाकिस्तान के खिलाफ पांच विकेट चटकाए। इसके साथ ही भारतीय टीम को 228 रन से बड़ी जीत दिलाने में भागीदारी निभाई।   

श्रीलंका के खिलाफ चार विकेट चटकाए। यह उनके पिछले डेढ़ साल की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने एशिया कप में 5 विकेट लेने वाले, तीन गेंदबाजों में भी अपना स्थान बनाया। श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मुकाबले में उन्होंने सिर्फ एक ओवर में एक रन ही दिया। उनसे वर्ल्ड कप 2023 में भी काफी उम्मीदें जताई जा रही है।

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