Steve Jobs Biography in Hindi | स्टीव जॉब्स की जीवनी| एक व्यक्ति जिसने पूरी दुनियाँ बदल दी

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मृत्यु एक सच है। इस बात के एहसास से कि मैं जल्दी ही मर जाऊंगा। मुझे अपनी जिंदगी के बड़े निर्णय लेने में, मेरी बहुत मदद करते हैं। क्योंकि जब भी कभी में मृत्यु के बारे में सोचता हूं। तो सारी expectation सारा pride, fail होने का डर। सब कुछ गायब हो जाता है। यह कथन है, दुनिया के महानतम Entrepreneur स्टीव जॉब्स का। जब भी कभी दुनिया के प्रभावशाली Entrepreneur का नाम लिया जाएगा। तो उसमें और कोई नाम हो या ना हो।

एक नाम जरूर होगा और वह नाम है- Steve Jobs का। जो Apple company के co-founder हैं। आप हर रोज ऐसे जियो। जैसे की ये आपकी जिंदगी का आखरी दिन है। तो आप किसी न किसी दिन सही साबित हो जाओगे। यह विचार मेरे दिमाग में छा गया। तब से मैंने रोज शीशे में अपने आपसे यह सवाल किया है। अगर यह दिन मेरी जिंदगी का आखरी दिन होता। तो क्या मैं आज वह करता। जो मैं करने वाला हूं।

जब भी लगातार, कई दिनों तक जवाब नहीं में होता। तो मैं समझ जाता कि कुछ बदलने की जरूरत है। कुछ नया करने की जरूरत है। स्टीव जॉब के इन शब्दों में जीवन का सार है। अगर आप इस बात को दिल से मनन करे। तो यह आपमें एक नई ऊर्जा का संचार कर देगा। इनके जीवन की कहानी,इससे भी ज्यादा ऊर्जावान है। यह एक ऐसी शख्सियत थी। जिन्हें न अपने पैसे से प्यार था और न पैसा उनकी पहचान थी।

बल्कि लीक से अलग हटकर सोचना और तकनीक को नए रूप में परिभाषित करना। उनके प्रबल व्यक्तित्व की विशेषताएं थी। लेकिन स्वयं स्टीव जॉब के लिए, उनकी जिंदगी आसान नहीं रही। उनका प्रारंभिक जीवन काफी भ्रम और उथल-पुथल से भरा हुआ था। इसी प्रकार जाने : Founder of Microsoft – Bill Gates के सफलता की पूरी कहानी।

Steve Jobs Biography in Hindi

Steve Jobs – An Introduction
स्टीव जॉब्स – एक परिचय

Steve Jobs – Founder of Apple
Ek Nazar
नामस्टीव पॉल जॉब्स
जन्म24 फरवरी 1955
जन्मस्थानसेन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया
पिताअब्दुल फतह जंदाली
माताजोओनी सिम्पसन
दत्तकमाता -पितापाउल व क्लारा जॉब्स
राष्ट्रीयताअमेरिकन
धार्मिक मान्यताबौद्ध धर्म
पत्नीलॉरेन पॉवेल ( 1991-2011)
बच्चे• लीसा ब्रेनन जॉब्स
• रीड जॉब्स
• एरिन जॉब्
• ईव जॉब्स
व्यवसाय• Apple Ink.(Co- founder, CEO)
• Pixar (Co-founder,CEO)
• NeXT Ink(founder & CEO)
कुल सम्पत्ति7 बिलियन डॉलर
सक्रिय वर्ष1974 – 2011
उत्पाद• Apple Computer
• iMac
• Apple Stores 
• iTunes 
• iTunes Store
• iPhone 
• App Store
• iPad etc.
शिक्षा• होमेस्टेड हाई स्कूल (1972)
• रीड कॉलेज मोंटा लोमा एलिमेंट्री, स्कूल
मुत्यु5 अक्टूबर 2011
मृत्यु का कारणNeuroendocrine cancer
मृत्यु स्थानपोलो आल्टो, कैलिफोर्निया

स्टीव जॉब्स का बचपन व शिक्षा
Steve Jobs – Childhood and Education

Steve Jobs का जन्म 24 फरवरी 1955 को सन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में हुआ था। जब उनका जन्म हुआ। तो उनके माता-पिता ने उन्हें Adoption के लिए दे दिया। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनके माता-पिता unmarried couple थे। उनके पिता एक Refugee थे। जिनका नाम अब्दुल फतह जंदाली था।  उनकी माता जो कि एक अमेरिकन सिटीजन थी। उनका नाम जोओनी सिम्पसन था।

Steve Jobs की माँ के पिताजी ने, अपनी बेटी की शादी एक refugee से करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है। तब Steve Jobs के माता-पिता ने यह निर्णय लिया। वह इस बच्चे को Adoption के लिए दे देंगे। जब बच्चा adopt हो जाएगा। तब वह दोनों अलग अलग हो जाएंगे। लेकिन उनकी एक शर्त थी। वह चाहते थे कि Steve jobs को, जो भी adopt करें। वह ग्रेजुएट हो।

वह चाहतें थे कि उनका बच्चा भी आगे चलकर ग्रेजुएशन करें। इसके बाद उन्हें काफी सर्च किया। उन्हें एक ऐसा couple मिल भी गया। लेकिन बाद में पता चला। उस couple ने, उनसे झूठ बोला था। वह ग्रेजुएट नहीं थे। लेकिन उन्होंने स्टीव जॉब के biological parents को, यह promise किया। वह उसकी graduation पूरी करवाएंगे।

क्लारा और पाउल ने इस बच्चे को adopt कर लिया था। उन्होंने उनका नाम Steve Poul Jobs रखा। जिन्हें आज हम सभी स्टीव जॉब के नाम से जानते हैं। क्लारा एक accountant थी। पाउल एक Coast Guard मकैनिक थे। स्टीव जॉब ने अपना बचपन Mountain View, California में बिताया। जिस जगह को, आज हम Silicon valley के नाम से जानते हैं।

Silicon valley एक ऐसी जगह है। जहां पर आज दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों का जन्म हुआ। जैसे कि फेसबुक, गूगल, अमेजॉन, एप्पल और बहुत सारी। बचपन में स्टीव जॉब और उनके पिता, अपने पुश्तैनी गेराज में electronic items  को खोलते और उन्हें assemble करते थे। उनके पिता उन्हें सिखाते थे। कैसे equipment को use करके। किसी भी electronic items को खोला और वापस उसे बंद किया जाता है। धीरे-धीरे ये स्टीव जॉब्स की hobby बन गई। उनके अंदर Confidence आने लगा कि वह इस काम को कर सकते हैं।

उनका technology में interest भी, यहीं से start हो गया। अन्य बच्चों के comparison में स्टीव जॉब बचपन मे बहुत intelligent और innovative थे। उनका यह सोचना था कि स्कूल का पढ़ाने का formal तरीका बहुत ही boring और frustrating है। इसकी वजह से बच्चों की creative side कभी बाहर ही नहीं आ पाती। जब वह elementary school में थे। तब वह बच्चों से बहुत prank किया करते थे। 4th grade में teachers उन्हें bribe देती थी।

ताकि वह अच्छे से पढ़ाई में ध्यान लगा सकें। लेकिन जब उनके test का result आया। तब सारे टीचर ने यह suggest किया। यह बच्चा बहुत intelligent है। इसको skip करके, सीधा High School में डाल दो। लेकिन उनके parents ने ऐसा करने से मना कर दिया। क्योंकि वह चाहते थे कि स्टीव अच्छे से पढ़कर आगे बढ़े।

उसके बाद, स्टीव ने अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की। Reed Collage, Portland में अपना admission ले लिया। लेकिन कॉलेज जाने के बाद, उन्हें सही guidance नहीं मिली। उन्होंने कालेज को drop कर दिया। कॉलेज drop करने के बाद, स्टीव जॉब्स ने पढ़ाई करना नहीं छोड़ा। उन्होंने 18 महीनों के लिए creative classes, join कर ली। यहां पर उन्होंने सुलेख में अपना interest बना लिया। इसी प्रकार जाने : Ratan Tata Biography in Hindiक्यों है रतन टाटा भारत-रत्न के हकदार।

स्टीव जॉब्स का संघर्षपूर्ण करियर
The Struggling Carer of Steve Jobs

स्टीव जॉब जब हाई स्कूल में थे। तो उनकी मुलाकात स्टीव वोजनियाक से हुई। वोजनियाक बहुत bright student थे। उन्हें electronic  का genius कहा जाता था। 13 साल की उम्र में, उन्होंने एक addition subtraction की ऐसी मशीन बनाई। जिसने local science fair में, सबसे ज्यादा awards जीते।

इसी के साथ, हाई स्कूल के इलेक्ट्रॉनिक्स टीचर की नजर, उन पर पड़ी। उन्होंने वोजनियाक को एक लोकल कंपनी में जॉब ऑफर की। इसी कंपनी में, स्टीव जॉब हफ्ते में एक बार कंप्यूटर पर काम करने आया करते थे। इन दोनों की दोस्ती की शुरुआत भी यही से हुई। कंप्यूटर में दोनों का intrest होने की वजह से, दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई। हालांकि वोजनियाक 5 साल बड़े थे।

1972 में वोजनियाक ने एक ऐसी device बनाई। जिसकी मदद से, वह इस पूरी दुनिया में कहीं पर भी free of cost बात कर सकते थे। उन्होंने इस device का नाम bluebox रखा। जब उन्होंने यह device स्टीव जॉब को दिखाई। तो उन्होंने कहा कि यह तो बहुत कमाल की चीज है। हम इसे बेचकर पैसे कमा सकते हैं। हालांकि वोजनियाक का ऐसा कोई भी motive नहीं था। इसके बाद दोनों ने मिलकर bluebox बनाने शुरू किए। फिर उन्हें मार्केट में बेचना शुरू किया।

उन्हें पता था कि यह illegal  काम है। एक न एक दिन वह पकड़े जाएंगे। इसलिए उन्होंने ऐसा करना बंद कर दिया। उन दिनों Steve Job, Atari company के लिए काम किया करते थे। यह एक gaming कंपनी है, जो games बनाती है। Atari एक गेम बना रहे थे। जिसे बनाने में उन्हें बहुत problems हो रही थी। स्टीव जॉब ने उस गेम को बनाने के लिए, Atari से $5000 मांगे। Atari इसके लिए तैयार हो गए।

स्टीव जॉब्स ने उस गेम को बनाने के लिए वोजनियाक को बताया। उन्होंने इस गेम को जो 6 महीने में बनने वाला था। उसे 4 दिन में बना कर दे दिया। जिसके एवज में उन्हें $5000 मिले।

स्टीव जॉब्स का भारत भ्रमण
Steve Jobs’s Visit to India

स्टीव जॉब्स जब अपने struggling दौर से गुजर रहे थे। तो तब उन्होंने भारत का एक चक्कर लगाया। भारत में आने के बाद, उन्होंने Psychedelic drugs के साथ experiment करना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू बताया कि LSD का नशा करना। उनके जीवन के कुछ बड़े decision में से एक था। जिसने उनकी पूरी दुनिया बदल कर रख दी।

भारत में आने के बाद, उन्होंने Buddhism को follow किया। वह कई किलोमीटर चलकर कृष्ण मंदिर जाया करते थे। वहां पर बहुत स्वादिष्ट खाना मिलता था। वो 7 महीनों तक भारत मे रहें। उन्होंने यहां पर eastern culture और religion को  अच्छे से समझा। इसके बाद उन्होंने काफी समय नैनीताल के कैंची धाम में गुजारा। जो बाबा नीमकरोरी का प्रमुख स्थान है। वह यहां पर, बाबा के दर्शन करने हेतु आए थे। लेकिन जब वह आए। तो कुछ ही समय पहले बाबा ने समाधि ले ली थी।

इसके बावजूद इस पवित्र जगह पर उन्हें अपार शांति की प्राप्ति हुई। जिससे उन्हें अपनी जिंदगी को समझने की क्षमता विकसित हुई। उन्हें अत्यधिक मन की शांति प्राप्त हुई। इससे उनमें एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। उनका मन एकाग्रचित्त हो गया। इस बात का जिक्र उन्होंने अपने शिष्य मार्क जुकरबर्ग से भी किया।

स्टीव जॉब्स के कहने पर ही, मार्क जुकरबर्ग अपने कठिन दौर में कैंची धाम आये। स्टीव जॉब और मार्क जुकरबर्ग, दोनों ही अपनी सफलता का श्रेय कैंची धाम को देते हैं। इसी प्रकार जाने : Satya Nadella Biography in Hindiदुनिया मे सबसे ज़्यादा Salary पाने वाला शख्स।

एपल कंपनी की स्थापना
Establishment of APPLE Company

स्टीव जॉब भारत में काफी समय गुजारने के बाद, जब अमेरिका पहुंचे। तब उन्होंने पाया कि उनके बेस्ट फ्रेंड वोजनियाक ने एक छोटा सा computer बना रखा है। वोजनियाक ने यह कंप्यूटर केवल hobby के तौर पर बनाया था। लेकिन स्टीव जॉब्स कंप्यूटर के अंदर एक potential market  दिखाई पड़ी। उन्होंने वोजनियाक से कहा कि क्यों न हम इस कंप्यूटर को मार्केट में उतारे।

वोजनियाक ने कहा कि मेरा तो सिर्फ कंप्यूटर में interest है। इसलिए मैंने इसे बना दिया। कौन हमारे Computer को खरीदेगा। अंततः स्टीव जॉब ने उन्हें convenience कर लिया। फिर 20 साल के स्टीव जॉब्स और वोजनियाक ने मिलकर, 1975 में अपने पिता के गेराज में एक कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी का नाम Apple रखा गया। उन्होंने अपना पहला prototype, Apple 1 बनाया। फिर इसे market में launch किया।

1975 दुनिया का पहला personal computer मार्केट में लांच किया गया। जिसका नाम  MIDS 8800 था। यह एक personal computer तो था। लेकिन इतना भी user friendly नहीं था। जिसे हर कोई use कर सके। ठीक इसके 1 साल बाद 1976 में finally, Apple ने अपना पहला कंप्यूटर मार्केट में लांच किया। जिसका नाम एप्पल वन था।

Apple 1 के मार्केट में आने के बाद, इसकी इतनी ज्यादा बिक्री नहीं हुई। क्योंकि ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं था। Personal Computer  क्या होते हैं। उन्हें operate कैसे किया जाता है। बस जिन लोगों का कंप्यूटर में interest था। उन्होंने ही इसे purchase किया। लेकिन Apple 1 की बिक्री के बाद। Apple ने इतने पैसे जुटा लिए थे, कि वह एक नए कंप्यूटर पर काम कर सकें।

1977 में उन्होंने अपना दूसरा कंप्यूटर मार्केट में लांच किया। जिसका नाम Apple 2 था। Apple 2 के आने के बाद पर्सनल कंप्यूटर की era पूरी बदल गई। Apple 2 दुनिया का पहला ऐसा कंप्यूटर था। जिसके  अंदर graphics और keyboard का इस्तेमाल हुआ था। इसके लांच होने के बाद, पूरी पर्सनल कंप्यूटर की मार्केट ही हील कर रह गई। अपने पहले साल में, इसने अपनी 30 lakh units बेची।

फिर 2 साल के अंदर 20 करोड़ से ज्यादा units बेच डाली। अपने launch होने के 3 साल के अंदर ही, एप्पल Zero से Hero बन चुका था। पर्सनल कंप्यूटर के मार्केट में उनकी कोई टक्कर नहीं थी। लेकिन तभी मुसीबतें आना चालू हो गई। जैसे-जैसे मार्केट में competition बढ़ने लगा। Apple के products को लोग कम खरीदने लगे।

Steve Job का तीसरा computer Apple 3 और Computer Lisa मार्केट में पूरी तरह फेल हो गया। उनका 50% मार्केट शेयर IBM के पास चला गया। Steve Jobs को लगा कि यह सही टाइम है, एक बम फोड़ने का। तभी उन्होंने 1984 में अपना पांचवा कंप्यूटर लांच किया। जिसका नाम Macintosh रखा। Macintosh एक game changer साबित हुआ।

यह दुनिया का पहला कंप्यूटर था। जिसके अंदर Graphical User Interface और Mouse का इस्तेमाल हुआ था। जो कि इसे use करने में, बहुत ही easy बना देता है। स्टीव जॉब का कहना था कि Macintosh एक home computer है। लेकिन इसका प्राइस $2495 होने की वजह से, इसे बहुत ही महंगा बनाता है। कंज्यूमर मार्केट में, यह पूरी तरह फेल हो गया। इसी प्रकार जाने :  Rose Blumkin Biography in Hindi95 साल की उम्र मे खड़ी की सबसे बड़ी कंपनी।

स्टीव जॉब्स को अपनी ही कंपनी से निकाला जाना
Steve Jobs Expelled from his Own Company

अब Stere Jobs की मुसीबतें और ज्यादा बढ़ गई थी। उनकी खराब marketing strategy और गलत decisions की वजह से, board of directors और उनमें काफी ज्यादा clash  होने लगे। यहां तक कि कंपनी के CEO John Sculley और board of directors ने यह तय किया। कि स्टीव जॉब्स को इस कंपनी से निकाल दें। उनका मानना था कि स्टीव जॉब की वजह से कंपनी पूरी तरह डूब जाएगी।

John Sculley वही थे। जिन्हें स्टीव जॉब ने खुद appoint किया था। यह इसके पहले पेप्सी कंपनी के प्रेसिडेंट थे। 1985 में Steve Jobs ने अपने एप्पल के शेयर को बेचकर resign कर दिया। 10 साल बाद, Steve Jobs को उन्हीं की कंपनी से निकाल दिया गया। जिसको उन्होंने वोजनियाक के साथ, अपने पिता के गेराज में start किया था। यह स्टीव जॉब के लिए, किसी सदमे से कम नहीं था। वह इसके बाद डिप्रेशन में चले गए। उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था कि जिन लोगों को उन्होंने job दी।

जिन्हें board of directors में लाकर बैठाया। उन्होंने ही मिलकर, उन्हें उनकी ही कंपनी से निकाल दिया। एप्पल से resign करने के बाद, स्टीव जॉब ने अपना टाइम बिल्कुल भी बर्बाद नहीं किया। वह शुरू से चाहते थे कि वह इस दुनिया को ऐसे products बनाकर दें। जो लोगों को, उनके जीने के तरीके को बदल दे। इसी प्रकार जाने :  Abraham Lincoln Motivational Biographyअसफलताओ से सफलता तक की यात्रा।

नेक्स्ट कम्प्युटर की शुरुआत
Launching of NeXT Computer

Steve Jobs ने Apple से कमाए हुए, पैसों की मदद से एक दूसरी कंपनी company लांच की। जिसका नाम NeXT Computer Corporation था। इस कंपनी का मुख्य उद्देश्य यह था। वह ऐसे कंप्यूटर बनाए। जो higher education और research center में हेल्प कर सके। इसके बाद 1988 में नेक्स्ट कंप्यूटर ने, अपना पहला कंप्यूटर लांच किया।

जिसके अंदर fast processing speed थी। optical drive था। इसमें higher graphic थे। इसका प्राइस $9950 होने की वजह से, इसे बहुत महंगा बनाता है। इसी वजह से मार्केट में बुरी तरीके से फेल हो गया। इसके बाद स्टीव जॉब्स ने अपना ध्यान hardware से हटाकर software की ओर बढ़ाया।

पिक्सर स्टुडियो को खरीदा
Acquiring of The Pixar Studio

Steve Jobs ने 1986 में जॉर्ज लुकस की कंपनी Pixar Animation Studio को खरीद लिया। तीन पिक्चर की deal के बाद, जॉब्स ने decide किया। अब वह दुनिया की सबसे पहली कंप्यूटर एनीमेटेड फिल्म बनाएंगे। जिसे बनाने में 4 साल लगे। जब यह movie रिलीज हुई। तो उसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस मूवी का नाम Toy Story था।

Toy Story एक बहुत बड़ी success साबित हुई। यह सिर्फ स्टीव जॉब के लिए नहीं, बल्कि Pixar Animation Studio के लिए भी। इसके बाद जॉब्स ने, 1996 में Pixar Studio को पब्लिक कर दिया। फिर सिर्फ एक दिन के अंदर ही, Pixar के 80% शेयर की कीमत 1billion dollar हो गई। जिसने स्टीव जॉब को रातों-रात Billionaire बना दिया। 10 साल की कड़ी मेहनत और struggle के बाद finally, Steve Job को फ़िर से success मिलने लगी।

Pixar के स्टॉक मार्केट में आने के, कुछ दिनों बाद ही, Apple computers ने decide किया। वो NeXT Computer को खरीदेंगे। फिर एप्पल ने नेक्स्ट को 400 million dollars में खरीद लिया।

स्टीव जॉब्स की एपल मे वापसी
Steve Jobs Returns in APPLE

इसके साथ ही स्टीव जॉब्स को फिर से, as a advisor के रूप में board of members में शामिल कर लिया गया। एक तरफ स्टीव जॉब्स वापस आ जाते वहीं दूसरी तरफ एप्पल भारी नुकसान में थी इसके कुछ समय बाद ही, उस समय के CEO Gil Amelio ने कंपनी छोड़ दी। इसके बाद Apple के चेयरमैन ने Steve Jobs को दोबारा, CEO बनाने की पेशकश की। इसके बाद स्टीव जॉब्स, Apple के full time CEO नियुक्त हो जाते हैं।

CEO बनते ही, स्टीव जॉब ने उस समय के सारे प्रोजेक्ट बंद कर दिए। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक deal की। इस deal के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट एप्पल में 150 million dollars invest करता है। इसके बाद, माइक्रोसॉफ्ट sales और technology में एप्पल की help करने का करार होता है। इसके 1 साल बाद Steve Jobs की guidance में Apple एक नई  series launch करता है। इसी प्रकार जाने : Sundar Pichai Biography in Hindiअरबों कमाने वाले, कैसे बने Google के CEO।

एपल के दुनियाँ बदलने वाले उत्पाद
World-Changing Products of APPLE

Apple के इस series के प्रोडक्ट पूरी दुनिया को बदल देने वाले थे। सबसे पहले वह launch करते हैं। imac(1998), जो कि Apple के लिए बहुत ही successful प्रोडक्ट साबित होता है। इसकी बदौलत Apple 5.9 billion dollar का profit कमाती है। इसके बाद 2001 में Apple फर्स्ट जनरेशन आईपॉड लॉन्च करता हैं। जो पहला digital audio player होता है। इसके अंदर 1000 से भी ज्यादा गाने install किए जा सकते थे।

यह प्रोडक्ट भी एप्पल के लिए सुपरहिट साबित होता है। इसकी कई million कॉपी worldwide बिकती हैं। 2003 में एप्पल iTunes, introduce करता है। एक online Marketplace, जहां पर लोग songs को खरीद सकते थे। अब तक एप्पल पूरे form में आ चुका था। उसे दुनियाँ की most innovative company का title मिल चुका था।

2004 में Steve Jobs की तबीयत अचानक खराब हो जाती है। मेडिकल जांच के बाद पता चलता है कि जॉब्स के pancreas में tumor है। अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं हुआ। तो यह cancer में भी बदल सकता है। Steve Jobs अपने सभी एंप्लाइज को इसकी सूचना देते हैं। कि वह इसका ऑपरेशन करवाने जा रहे हैं। फिर वह एक लंबे medical leave पर चले जाते है। वह वापस आने के बाद, Steve Jobs फिर पूरी फॉर्म में आ जाते हैं।।

फिर 2007 में दुनिया का सबसे पहला full flash smartphone लॉन्च करते हैं। जिसका नाम iPhone रखा जाता है। Technically देखा जाए। तो आईफोन इस दुनिया का सबसे पहला full flash स्मार्टफोन था। जिसके अंदर multi touch screen थी।  अलग-अलग functions के लिए अलग-अलग application थी। उन applications को download करने के लिए, एक particular App Store था।

इसके 3 साल बाद, Apple दुनिया का पहला tablet computer लांच करता है। जिसका नाम iPad रखा जाता है। इसी प्रकार जाने : Alfred Ford Biography in Hindiफोर्ड कंपनी के मालिक ने क्यों अपनाया हिन्दू धर्म, बने कृष्ण भक्त।

स्टीव जॉब्स के अंतिम पल
Last Moments of Steve Jobs

इसी दौरान Steve Jobs की तबीयत अचानक से, फिर खराब हो जाती है। उन्हें तुरंत medical leave के लिए जाना पड़ता है। मेडिकल जांच में पता चलता है कि उनका liver पूरी तरह से damage हो चुका है। उन्हें जल्द से जल्द liver transplant की जरूरत है। काफी जद्दोजहद के बाद, Steve Jobs को एक donor मिल जाता है। फिर उनकी surgery की जाती है। फिर उनके अंदर implant किया जाता है।

एक 20 साल के लड़के का लीवर। जिसकी एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। Steve Jobs के liver transplantation के 8 महीने बाद, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एक announcement करते हैं। कंपनी के CEO Steve Jobs ने अपनी post और company से resign कर दिया है। इस बात को वह हमेशा से बोलते थे कि जिस दिन उनको लगेगा।

वह Apple Computers की duties और expectation में खरे नही उतर पा रहे हैं। तो वह उस कंपनी को छोड़ने वाले, पहले व्यक्ति होंगे। फिर हुआ भी ऐसा ही। अपनी खराब health के चलते, Steve Jobs को लगा। यह सही समय होगा। अपनी कमान किसी और के हाथ में देने का। उसके बाद कंपनी के COO Tim Cook  उनकी जगह संभालते हैं। अब Tim Cook कंपनी के नए CEO बन जाते हैं।

अक्टूबर 2011 कंपनी से resign करने के 2 महीने बाद, 56 साल की उम्र में Steve Jobs पेनक्रिएटिक कैंसर की complications की वजह से । 5 अक्टूबर 2011 को 3 बजे पालो आल्टो, कैलिफोर्निया के अपने घर में अंतिम सांस ली।

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