A Real Life Hero – Sonu Sood
सोनू सूद के संघर्ष की कहानी
फिल्मों में अपने विलेन के दमदार किरदारों से मशहूर, वही रियल लाइफ में मसीहा और हीरो की छवि रखने वाले। यह एक जानी-मानी शख्सियत हैं। जिन्होंने साउथ इंडिया के सिनेमा से लेकर बॉलीवुड के गलियारों तक, अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। यह एक versatile actor है। वह अलग-अलग भाषाओं की दर्जनों फिल्मों में काम कर चुके हैं। वहीं करोना त्रासदी में लोगों की हर प्रकार से मदद करके, उन्होंने लोगों के दिलों में अलग जगह बना ली है। वह आज भी लोगों के लिए, किसी मसीहा से कम नहीं है।
अगर कोई पर्दे पर विलेन के रूप में नजर आता है। तो यह जरूरी नहीं कि वह real life में भी अच्छे काम नहीं कर सकता। कुछ ऐसा ही साबित किया है। जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनकर, बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने। जो कि अब तक बहुत-सी फिल्मों में, अपने विलेन के किरदार के लिए जाने जाते थे।
अगर बचपन से आप अपने पिता को, लोगों को लंगर में खाना खिलाते देखते आ रहे हो। अपनी Professor मां को, बच्चों को बिना fee लिए ट्यूशन देते, देखते आ रहे हो। तो normal सी बात है कि आपके संस्कार भी ठीक उसी तरह के होंगे। करीब 40 साल के बाद में, जब आपके पास यह अवसर आता है। अपने संस्कारों का परिचय देने का। फिर आप यह काम, शांति से करते चले जाते हैं। अगर ऐसा आपके साथ हो रहा है। तो यकीन मानिए। आपका नाम सोनू शक्ति सूद है।
आज की यह Biography, एक छोटा- सा धन्यवाद है। उनके लिए, जिनको किसी भी भाषा में सराहना या धन्यवाद दिया जाए। तो वह कम होगा। क्योंकि उन्होंने इस धन्यवाद से बढ़कर, कुछ ऐसा काम कर दिया है। इतने सारे लोगों की दुआएं अपने साथ ले ली हैं। जिन्हें गिना नहीं जा सकता। तो आज उनके जीवन से जुड़ी, कुछ अमूल्य बातें जानने की कोशिश करेंगे।
Sonu Sood – An Introduction
सोनू सूद का प्रारम्भिक जीवन
Early Life of Sonu Sood
सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 में लुधियाना के छोटे से कस्बे मोगा में हुआ। इनके पिता शक्ति सागर सूद, एक एंटरप्रेन्योर थे। इनकी मां सरोज सूद एक प्रोफेसर थी। सोनू अपने माता-पिता दोनों के ही बहुत करीब थे। उनके माता-पिता चाहते थे। कि उनका बेटा भी उच्च शिक्षा ग्रहण करें। फिर साड़ी की दुकान नहीं, बल्कि एक अच्छी नौकरी करें।
सोनू ने अपनी शुरुआती शिक्षा सेक्रेट हार्ट स्कूल से की। जो कि मोगा में ही था। इसके बाद, उन्होंने engineering करने के लिए, नागपुर का रुख किया। जहाँ सोनू ने यशवंतराव चौहान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला ले लिया। यही से उन्होंने अपनी B. Tech की शिक्षा पूरी की। सोनू को शुरू से ही एक्टिंग और मॉडलिंग का बहुत शौक था।
इसलिए उन्होंने एक दिन अपनी मां से कहा कि मुझे एक्टर बनना है। मैं इस field में पूरी कोशिश करना चाहता हूं। आप मुझे एक से डेढ़ साल का समय दीजिए। अगर मैं इसमें fail हुआ। तो अपने घर के business को आगे बढ़ा लूंगा। सोनू सूद के पिता के पास, साड़ियों की दुकान थी। वह अक्सर अपने पापा के साथ, स्कूटर से दुकान जाया करते थे।
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सोनू सूद की फॅमिली
Sonu Sood Family, Wife and Children
वैसे तो सोनू सूद का पूरा भारत देश एक परिवार है। सोनू सूद की पत्नी का नाम सोनाली सूद है। दोनों की शादी 1996 में हुई थी। इसके अलावा सोनू सूद के दो बेटे हैं। जिनका नाम ईशान सूद और अयान सूद है। सोनू सूद की दो बहने भी हैं। जिनका नाम मालविका और मोनिका सूद है। सोनू सूद ने अपने जीवन में, जो भी काम किया है। उसे लेकर उनके परिवार के, प्रत्येक सदस्य को उन पर गर्व है।
सोनू सूद का बॉलीवुड मे संघर्ष
Struggle of Sonu Sood in Bollywood
सोनू सूद बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद। 5500 रुपए लेकर मुंबई चले गए। लेकिन इतने बड़े शहर में सोनू सूद को कोई नहीं जानता था। वह इतने बड़े शहर के लिए, बिल्कुल अनजान थे। उनका शुरुआत से ही, एक प्रोडक्शन हाउस से दूसरे प्रोडक्शन हाउस में आना-जाना लगा रहता था। जहां पर उन्होंने कई audition भी दिए।
लेकिन मुंबई में actor बनने वालों की भीड़ को देखकर, सोनू को लगा। शायद मैंने अपने घर वालों से, बहुत कम समय मांगा। क्योंकि उनको लगा कि उनका इतना समय तो मुंबई की सड़कों पर और इस system को समझने में ही लग जाएगा। इसलिए सोनू अपना खर्चा चलाने के लिए, मुंबई में छोटी-मोटी job भी करने लगे। क्योंकि कम से कम खर्चे में, महीना चलाना होता था।
इसके साथ ही audition के rejection को भी झेलना होता था। इन सभी तकलीफों को झेलते हुए। उनको एक जूते का ad मिला। जिसको पाकर सोनू सूद बहुत खुश हो गए। लेकिन set पर जाने के बाद, उन्हें पता चला। उनके जैसे 50 और लोग, उस जूते के ad मे थे। उस ad में सोनू सूद को एक कोने में, out to focus रखा गया। इस ad से उनको पैसे तो मिले। लेकिन वह खुशी नहीं मिल पाई। जो उन्हें चाहिए थी।
सोनू सूद को सोचकर बहुत बुरा लगा। ऐसे तो मैं कभी सफल नहीं हो पाऊंगा। लेकिन ऐसा काम करना। उनकी मजबूरी बन गई थी। क्योंकि उन्हें पता था कि ऐसे छोटे-छोटे काम करने से ही, वह लोगों तक पहुंच पाएंगे। अगर पैसे भी नहीं हुए। तो खर्चा कैसे चलेगा। उस समय सोनू को जो भी काम मिला। वह उसे पूरे दिल से करने लगे। ऐसे ही काम करते-करते, एक दिन सोनू सूद की फोटो, किसी को पसंद आ गई। फिर तमिल फिल्म के लिए, उन्हें बुला लिया गया।
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सोनू सूद का तमिल फिल्म मे डेब्यू
Sonu Sood Debut in Tamil Film
तमिल फिल्म में काम करने के लिए, सोनू सूद को तमिल बिल्कुल नहीं आती थी। लेकिन फिर भी वह चेन्नई चले गए। क्योंकि उनके पास negative side देखने का वक्त नहीं था। सोनू सूद की मां ने तमिल सीखने के लिए, उन्हें एक किताब दी थी। वह पूरे रास्ते ट्रेन में ही, किताब पढ़ते रहे। उन्हें लगा कि वह जितनी भी तमिल सीख सकते हैं। उन्हें उतनी सीख लेनी चाहिए।
इसके बाद वह चेन्नई पहुंचे और वहाँ पर audition दिया। सोनू audition में भी select हो गए। सोनू सूद ने अपनी पहली फिल्म ‘काजलघर’ साइन कर ली। लेकिन समस्या यही थी। कि तमिल उनकी language नहीं थी। इसलिए उनकी मेहनत भी 5 गुना हो गई। उन्हें dialogues का रट्टा मारना पड़ता था।
शूटिंग से पहले वह dialogue को रटा करते थे। इसी के चलते उन्होंने तमिल के अलावा, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया। उन्हें कई awards से भी नवाजा गया। सोनू सूद का इन भाषाओं से कोई भी नाता नहीं था। फिर भी उन्होंने अपने काम से, बहुत सारे fans बना लिए। इन सभी कामों को देखकर, उन्हें पहली हिंदी फिल्म करने का मौका मिला।
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सोनू सूद कोरोना काल का मसीहा
Sonu Sood – The Saviour in Pandemic
कोरोना काल में, हजारों लोगों की परेशानियों, उनकी तकलीफों और उनके आंसुओं को हम सभी ने देखा है। तब जन्म हुआ- एक मसीहा का। जिसके दिल मे उन सब के लिए, दर्द था। जहाँ पूरा system बेबस था। तब सोनू सूद ने आगे बढ़कर, उनकी परेशानियों को हल करने आगे बढ़े।
सोनू सूद अपनी friend नीति गोयल के साथ, गरीबों को राशन distribute कर रहे थे। तब उन्होंने देखा कि सड़कों पर लाखों लोगों का रेला जा रहा है। जिन्हें अपनी मंजिल तक पहुंचने की चाह तो थी। लेकिन पहुंचने की राह धूमिल थी। ऐसे में जब सोनू ने, उन्हें बसों के द्वारा उनकी मंजिल तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। तो लोगों को भरोसा नहीं हुआ।
जब उन्हें बहुत समझाया-बुझाया गया। तब वह इस पर राजी हुए। इसके लिए सोनू और उनकी टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उन सभी का कोरोना टेस्ट, local government bodies और state government की permission ली गई। फिर 350 लोंगो का, पहला कारवां भेजा गया। जब यह बात प्रचार प्रसार हुई। तब सोनू के पास, लोगों का तांता लग गया।
लोग सोनू सूद के पास टि्वटर, फोन कॉल, ईमेल या फिर सीधे उनके ऑफिस पहुंचकर। उनसे request करने लगे। इसके लिए, सोनू सूद व उनकी टीम ने अलग-अलग requirement के लिए, अलग-अलग हेल्पलाइन बनाई। इस नेक काम के लिए, बहुत सारे NGO’s ने इनसे हाथ मिलाया। ‘इलाज इंडिया’ Initiative के लिए, Ketto applauds ने हाथ मिलाया। जो एशिया की एक प्रतिष्ठित संस्था है।
Doctors के free consultation के लिए Heal Well 24 ने हाथ मिलाया। इनके साथ कृष्णा डायग्नोस्टिक ने हाथ मिलाया। जोकि फ्री कोविड टेस्टिंग कर रही थी। ऑक्सीजन कंसंट्रेशन के लिए Tushti India ने हाथ मिलाया। इन सब के लिए, सोनू सूद ने अपनी बहुत सारी properties को mortgages किया। जिससे उनके पास ₹10 करोड़ आए।
इसके बाद उनके आसपास के, दोस्तों ने contribute किया। जब हजारों मजदूर अपने घरों में पहुंचे। तब सोनू के पास request आने लगी। काम दिला दीजिए। इस पर उन्होंने ‘प्रवासी मजदूर योजना’ की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने Good Worker से हाथ मिलाया। जिसमें initial investment 250 करोड़ का हुआ। यहीं से उन्हें रोजगार दिलाने की पहल हुई।
सोनू सूद को बहुत से वेबीनार के माध्यम से और बहुत सारे material vendors द्वारा हेल्प मिलना शुरू हुई। उनसे हॉस्पिटल, डॉक्टर्स, सोशल ऑर्गेनाइजेशन ने हाथ मिलाया। कई लोगों ने अपने चैरिटी का फंड इन के माध्यम से रूट किया इसी तरीके से सोनू सूद का कारवां आगे बढ़ता चला गया। ऐसी बहुत सारी जगह से, उन्हें फंड मिलने लगा।
सोनू की टीम ने ‘मिलाप फंडरेजिंग प्लेटफॉर्म’ तैयार किया। जिसके माध्यम से रिलायंस, विप्रो, ब्रह्मकुमारी जैसे संस्थानों के लोग इनसे जुड़ने लगे। सोनू ने pandemic के समय, लगभग सवा लाख प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया। वही विदेशों में फंसे स्टूडेंट्स व अन्य 14500 लोगों को, वापस इंडिया लाए। सोनू की फाउंडेशन, आज भी चिकित्सा व रोजगार के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही है।
सोनू सूद से क्यो डरे फिल्म निर्माता
Filmmakers Scared of Sonu Sood’s Popularity
सोनू सूद एक ऐसा नाम बन चुका है। जिसको लोग सिर्फ रियल हीरो की तरह ही जानते हैं। ऐसे में वह फिल्म निर्माता, जिन्होंने सोनू सूद को नेगेटिव रोल के लिए कॉस्ट कर रखा था। वह अब घबरा रहे हैं। उन्हें कोई निर्माता-निर्देशक विलन के रूप में का कॉस्ट करने से घबरा रहा है।
उनकी फिल्मों में अब जो बदलाव देखने को मिल रहा है। उसमें कोई भी हीरो, उन्हें विलेन के रूप में मारना भी नहीं चाहता। उनका सोचना है कि अगर मैं इसे मारूंगा। तो लोग मुझे भला-बुरा कहेंगे।
सोनू सूद की चैरिटेबल फ़ाउंडेशन
Sonu Sood’s Charitable Foundation
सोनू सूद ने करोना काल में जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए, एक फाउंडेशन की भी शुरुआत की है। जिसका नाम Sood Charity Foundation है। इस foundation के साथ, कई बॉलीवुड अभिनेता और अभिनेत्रियों ने भी योगदान दिया है। सोनू सूद ने अपने 47 वें जन्मदिन के अवसर पर, एक website और application भी launch की है। जिसे ‘प्रवासी रोजगार’ नाम दिया गया। website और application के जरिए। उन्होंने एक ही मकसद को आगे रखा। कोरोना महामारी के चलते, जिन लोगों से उनका व्यवसाय छिन गया था। उन्हें रोजगार मुहैया करवाया जाए।
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सोनू सूद की इनकम व नेटवर्थ
Sonu Sood – Income and Net Worth
सोनू सूद किसी भी फिल्म में काम करने के लिए, तीन से चार करोड़ रुपए charge करते हैं। लेकिन भविष्य में, यह आंकड़ा बहुत तेजी से आगे बढ़ने वाला है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोनू सूद के पास कुल 140 करोड़ की संपत्ति है।
अदाकारी के अलावा, सोनू सूद के पास कई कंपनियों के विज्ञापन भी है। जिनसे वह करोड़ों रुपए की कमाई करते हैं। इसके साथ ही, वह होटल का बिजनेस भी करते हैं। सोनू सूद Hotel chain के मालिक भी हैं। वहां से भी इनकी काफी अच्छी कमाई हो जाती है।
सोनू सूद के पास Audi Q7 कार है। जिसकी कीमत 82 लाख रुपये है। दूसरी कार Mercedes ML350 CDI है। जिसकी कीमत लगभग 68 लाख रुपए है। वही तीसरी कार Porsche Panamera है। जिसकी कीमत 1 करोड़ 91 लाख रुपए है। सोनू सूद अंधेरी वेस्ट के यमुना नगर लोखंडवाला मुंबई में, अपने परिवार के साथ रहते हैं। इनका घर अंदर और बाहर से काफी luxurious है।
सोनू सूद पर IT ने Tax चोरी का लगाया आरोप
IT Accuses Sonu Sood of Tax Evasion
सोनू सूद के घर, जब Income Tax की raid हुई। तो यह खबर सियासी गलियारों में, बहस का मुद्दा बन गई। सूत्रों के मुताबिक, सोनू सूद ने विदेशी योगदान विनिमय अधिनियम से जुड़े नियमों का उल्लंघन किया। इसी को लेकर Income Tax Department ने छापेमारी को अंजाम दिया है।
इस संबंध में मिले, कुछ कागजात से खुलासा हुआ है। कि सोनू सूद ने FCRA का उल्लंघन करके, विदेश से धन हासिल किया था। सूत्रों का दावा है कि उन्होंने विदेश से मिले पैसे को। कई अन्य जगहों पर खर्च किया। वहीं अन्य सूत्र ने बताया कि सोनू सूद के यहां, टैक्स चोरी की रकम भी मिली है। यह रकम उनके पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी हुई है।
इसके अलावा उनके Charity Foundation के account की भी छानबीन चल रही है। उनके ठिकाने से, अनगिनत रसीदें भी मिली है। छापेमारी में कई बोगस लोन और बोगस बिलिंग से संबंधित दस्तावेज भी मिले। उन्होंने झूठे खर्च दिखाकर, टैक्स में छूट पाई है। IT का आरोप है कि इस लेनदेन के दौरान, ₹20 करोड़ का हेर-फेर हुआ है।